RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

108894526

पूंजी बाजार में बैंकों का एक्सपोजर - अपरिवर्तनीय भुगतान प्रतिबद्धताएँ (आईपीसी) जारी करना

आरबीआई/2024-25/33

डीओआर.सीआरई.आरईसी.22/21.03.054/2024-25

03 मई 2024

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(आरआरबी को छोड़कर)

महोदया/ महोदय,

पूंजी बाजार में बैंकों का एक्सपोजर -

अपरिवर्तनीय भुगतान प्रतिबद्धताएँ (आईपीसी) जारी करना

कृपया "पूंजी बाजार में बैंकों का एक्सपोजर - अपरिवर्तनीय भुगतान प्रतिबद्धताएँ (आईपीसी) जारी करना" विषय पर दिनांक 27 दिसंबर 2011 के परिपत्र डीबीओडी.डीआईआर.बीसी 68/13.03.00/2011-12 और “अपरिवर्तनीय भुगतान प्रतिबद्धताओं की प्रयोज्यता" पर मेलबॉक्स स्पष्टीकरण दिनांक 11 सितंबर 2012 का संदर्भ लें।

2. उपरोक्त परिपत्र में निर्धारित जोखिम न्यूनीकरण उपाय, इक्विटी के लिए टी+2 रोलिंग सेटलमेंट (टी व्यापार दिवस है) पर आधारित थे। जैसाकि स्टॉक एक्सचेंजों ने टी+1 रोलिंग सेटलमेंट की शुरुआत की है, और तदनुसार बैंकों द्वारा आईपीसी जारी करने पर मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है। अब से, टी+1 सेटलमेंट चक्र के अंतर्गत कस्टोडियन बैंकों द्वारा जारी किए गए सभी आईपीसी निम्नलिखित अनुदेशों का पालन करेंगे:

  1. केवल उन कस्टोडियन बैंकों को आईपीसी जारी करने की अनुमति दी जाएगी, जिनके ग्राहकों के साथ समझौते में बैंकों को किसी भी सेटलमेंट में भुगतान के रूप में प्राप्त होने वाली प्रतिभूतियों पर एक अपरिहार्य अधिकार देने का प्रावधान है। तथापि, यदि लेन-देन पूर्व-वित्तपोषित है, तो इस खंड पर बल नहीं दिया जाएगा, अर्थात या तो ग्राहक के खाते में स्पष्ट रूप से INR धनराशि उपलब्ध है या, FX सौदों के मामले में, आईपीसी जारी होने से पहले, धनराशि बैंक के नोस्ट्रो खाते में जमा किया गया हों।
  2. आईपीसी जारी करने वाले कस्टोडियन बैंकों के लिए अधिकतम इंट्राडे जोखिम को सेटलमेंट राशि के 30 प्रतिशत पर पूंजी बाजार एक्सपोजर (सीएमई) के रूप में माना जाएगा। यह, इक्विटी की कीमत में 20 प्रतिशत की गिरावट T+1 पर और कीमत में अधिक गिरावट के लिए 10 प्रतिशत के अतिरिक्त मार्जिन की धारणा पर आधारित है।
  3. यदि मार्जिन का भुगतान नकद किया जाता है, तो भुगतान की गई मार्जिन राशि से एक्सपोज़र कम हो जाएगा। यदि मार्जिन का भुगतान म्यूचुअल फंड/विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को अनुमत प्रतिभूतियों के माध्यम से किया जाता है, तो मार्जिन के रूप में स्वीकार की गई अनुमत प्रतिभूतियों पर एक्सचेंज द्वारा निर्धारित हेयरकट के समायोजन के बाद एक्सपोजर मार्जिन की मात्रा से कम हो जाएगा।
  4. टी+1 सेटलमेंट चक्र के तहत, एक्सपोज़र सामान्यतः इंट्राडे के लिए होगा। तथापि, यदि कोई एक्सपोजर T+1 भारतीय मानक समय के अंत में बकाया रहता है, तो बकाया पूंजीगत बाजार एक्सपोजर पर पूंजी मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजीगत विनियमन दिनांक 1 अप्रैल 2024 के समय - समय पर पर यथासंशोधित, के अनुसार बनाए रखना होगा।
  5. बैंकों का अपने प्रतिपक्षों के प्रति, इंट्राडे सीएमई से उद्भवित होने वाले अंतर्निहित एक्सपोजर, बृहद एक्सपोजर फ्रेमवर्क दिनांक 3 जून 2019, के समय-समय पर यथासंशोधित, के अंतर्गत निर्धारित सीमाओं के अधीन होंगे।

3. 'पूंजी बाजार में बैंकों का एक्सपोजर - अपरिवर्तनीय भुगतान प्रतिबद्धताएँ (आईपीसी) जारी करना’ विषय पर दिनांक 27 दिसंबर 2011 के परिपत्र डीबीओडी.डीआईआर.बीसी. 68/13.03.00/2011-12 में निहित अनुदेश टी+2 सेटलमेंट चक्र के लिए वैध बने रहेंगे।

4. यह अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

भवदीय,
(वैभव चतुर्वेदी)

मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?