RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79152300

एससी / आरसी हेतु विनियामक संरचना में कुछ संशोधन - स्पष्टीकरण

भारिबैं/2014-2015/169
गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं. 42/एससीआरसी/26.03.001/2014-15

07 अगस्त 2014

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी पंजीकृत प्रतिभूतिकरण कंपनियां(एससी) / पुनर्निमार्ण कंपनी ( आरसी )

महोदय,

एससी / आरसी हेतु विनियामक संरचना में कुछ संशोधन - स्पष्टीकरण

कृपया 5 अगस्त 2014 का हमारे परिपत्र गैबैंपवि ( नीप्र ) कंपरि सं.41/ एससीआरसी/26.03.001/2014-15 का संदर्भ लें।

2. हमें मामले पर उद्योग से कई प्रश्न प्राप्त हुए है तथा इसके उत्तर में हम निम्नलिखित स्पष्ट करते है कि:

i) उक्त परिपत्र के सभी प्रावधान अधिसूचना की तारीख अर्थात 5 अगस्त 2014 से लागू होंगे।

ii) पैराग्राफ 2 एच ( ii ) को निम्नानुसार पढा जाए:

“ii. एससी/आरसी को प्रत्येक तीमाही अंतराल में अपने वेबसाइट पर इरादतन चूककर्ताओं ( 1 जुलाई 2014 का बैंकिंग पर्यवेक्षण और विकास विभाग मास्टर परिपत्र सीआईडी.बीसी.3/20.16.003/2014-15 के अनुसार इरादतन चूककर्ताओं की वर्तमान परिभाषा और प्रकिया को अपनाया जाए ) के खातों के संबंध में दायर किए गए मुकदमे की सूची प्रदर्शित करनी होगी। इसके अतिरिक्त, 25 नवम्बर 2010 का गैबैंपवि (नीप्र-एससी/आरसी) कंपरि.सं.23/26.03.001/2010-11 के अनुसार, प्रत्येक एससी/आरसी से अपेक्षित है कि न्यूनतम एक क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनी ( सीआईसी ) की सदस्य बने तथा समय समय पर उधारकर्ताओं का सटिक डाटा / इतिहार सीआईसी को उपलब्ध करायें। इस मामले में, वह इरादतन चूककर्ताओं ( मुकदमा दायर किया गया तथा मुकदमा दायर नहीं किया गया हो, दोनो से संबंधित खातों ) के आंकडे सीआईसी को प्रस्तुत करना होगा जिसके वे सदस्य है।“

3. उक्त परिपत्र के अन्य प्रावधानों में अन्य कोई परिवर्तन नहीं है।

4. 07 अगस्त 2014 की संशोधित अधिसूचना गैबैंपवि ( नीप्र-एससी/आरसी ) सं.12 / पीसीजीएम (केकेवी) - 2014 संलग्न है।

भवदीय,

(के के वोहरा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक


अधिसूचना गैबैंपवि ( नीप्र - एससी / आरसी ) सं.12 / पीसीजीएम ( केकेवी ) 2014

07 अगस्त 2014

भारतीय रि‍ज़र्व बैंक, जनता के हि‍त में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि‍ देश के हि‍त में ऋण प्रणाली को वि‍नि‍यमि‍त करने के लि‍ए और बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन तथा प्रतिभूतिकरण कंपनी अथवा पुनर्रचना कंपनी द्वारा निवेशकों के हितों के लिए अहितकारी तरीके की गतिविधि या ऐसी प्रतिभूतिकरण कंपनी अथवा पुनर्रचना कंपनी के हित पर प्रतिकूल प्रभाव की रोकथाम हेतु, वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एंव प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 की धारा 3, 9, 12 तथा 13 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए “प्रतिभूतिकरण कंपनी तथा पुनर्रचना कंपनी ( रि‍ज़र्व बैंक ) दिशानिदेश तथा निदेश, 2003 में निहित 23 अप्रैल 2003 की अधिसूचना सं. डीएबबीएस.2 / सीजीएम ( सीएसएम ) - 2003 ( इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा ) को एतद्द्वारा तत्काल प्रभाव से नि‍म्नवत संशोधि‍त करने का नि‍देश देता है अर्थात-

2 पैराग्राफ 20 में संशोधन

मौजूदा पैराग्राफ 20 को निम्नलिखित पैराग्राफ से प्रतिस्थापित किया जाए:

“20. इरादतन चूककर्ता :- (1) प्रत्येक एससी/आरसी को न्यूनतम एक क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनी ( सीआईसी ) का सदस्य बनना होगा जिसने प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी ( विनियमन ) अधिनियम, 2005 की धारा 5 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो।

(2) एससी / आरसी समय समय पर उस सीआईसी को उधारकर्ताओं का सटिक डाटा / इतिहास उपलब्ध करायेंगी जिसकी वह सदस्य है।

(3) एससी / आरसी प्रत्येक वर्ष के मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर की समाप्ति पर इरादतन चूककर्ता की सूची सीआईसी को उपलब्ध करायेंगी जिसकी वह सदस्य है।

(4) सभी एससी / आरसी को इरादतन चूककर्ता के संबंध दायर मुकदमे की सूची अपने वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा ।

स्पष्टीकरण : इस पैराग्राफ के लिए, ‘इरादतन चूककर्ता’ का अर्थ का मतलब उस अर्थ से होगा समय समय पर बैंपर्यविवि द्वारा बैंकों के लिए जारी परिपत्र में निहित अर्थ से होता है।

(के के वोहरा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?