काउंटर पर विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) लिखतों तथा पण्यों की कीमतों और भाड़े संबंधी जोखिमों के बाबत ओवरसीज़ हेजिंग के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश (ओवर दि काउंटर (OTC) फॉरेन एक्स्चेंज डेरेवेटिव) - आरबीआई - Reserve Bank of India
काउंटर पर विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) लिखतों तथा पण्यों की कीमतों और भाड़े संबंधी जोखिमों के बाबत ओवरसीज़ हेजिंग के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश (ओवर दि काउंटर (OTC) फॉरेन एक्स्चेंज डेरेवेटिव)
भारिबैंक/2010-11/526 16 मई 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक महोदया/महोदय काउंटर पर विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) लिखतों तथा पण्यों की कीमतों और भाड़े संबंधी प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/2000 - रिज़र्व बैंक, समय-समय पर यथा संशोधित, की ओर आकृष्ट किया जाता है जो विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदाओं को विनियमित करने वाले नियमों को निरूपित करती है। इसके अलावा आपका ध्यान 28 दिसंबर 2010 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.32 के जरिये जारी काउंटर पर विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) लिखतों तथा पण्य की कीमतों और भाड़े संबंधी जोखिमों के बाबत ओवरसीज़ हेजिंग के संबंध में व्यापक दिशानिदेर्शों की ओर भी आकृष्ट किया जाता है। 2. उद्योग संगठनों(एसोसिएशनों) से प्राप्त अभ्यावेदनों तथा कार्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा लेखांकन मानक 30/32 मानकों को अब तक अधिसूचित न किये जाने के मद्देनजर, यह निर्णय लिया गया है कि 28 दिसंबर 2010 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.32 के पैराग्राफबी I (1) (v) में दिये गये लागत घटाने संबंधी ढ़ांचे (cost reduction structures) के उपयोगकर्ताओं (यूजर) के लिए पात्रता मानदंडों में नीचे दर्शाये गये अनुसार संशोधन किया जाए : ए. मौजूदा प्रावधान ''उपयोगकर्ता(यूजर)-सूचीबद्ध कंपनियाँ या न्यूनतम रु. 100 करोड़ की निवल मालियत वाली गैर सूचीबद्ध कंपनियाँ (सूचीबद्ध कंपनियों की सहायक या संबद्ध कंपनियाँ जो लेखाकंन मानक 30/32 का पालन/अनुसरण करती हैं, जिनके कोष साझे के हैं तथा मूल कंपनी के खातों के साथ जिनके खातों का समेकन किया जाता है, ऐसी कंपनियों को न्यूनतम निवल मालियत मानदण्डों से छूट है) जो निम्नलिखित बातों का अनुपालन करती हैं:
बी. संशोधित प्रावधान ''उपयोगकर्ता(यूजर)-सूचीबद्ध कंपनियाँ या उनकी सहायक कंपनियां/ संयुक्त उद्यम/सहयोगी कंपनियां, जिनके कोष साझे के हैं तथा मूल कंपनी के खातों के साथ जिनके खातों का समेकन किया जाता है अथवा न्यूनतम रु. 200 करोड़ की निवल मालियत वाली गैर सूचीबद्ध कंपनियाँ बशर्ते
(टिप्पणी: उपर्युक्त लेखांकन व्यवस्था, लेखांकन मानक 30/32 अथवा समतुल्य मानक अधिसूचित होने तक के लिए अस्थायी व्यवस्था है।)'' उपर्युक्त परिपत्र के अन्य प्रावधान यथावत् लागू रहेंगे . 3. यह भी नोट किया जाए कि उपर्युक्त पात्रता मानदंड ओवरसीज पण्य हेजिंग के लिए ओटीसी आप्शंस (विकल्प) रणनीतियों के उपयोगकर्ताओं को भी लागू होंगे जिनमें खरीद और बिक्री साथ-साथ होती है। 4. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/रिज़र्व बैंक-2000 (विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं) विनियमावली, 2000) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किये जा रहे हैं । 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें । 6. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीया (मीना हेमचंद्र) |