अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों पर ब्याज दरों का विनियंत्रण - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों पर ब्याज दरों का विनियंत्रण
आरबीआई/2013-2014/484 7 फरवरी 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों पर ब्याज दरों का विनियंत्रण कृपया दिनांक 3 सितंबर 2013 का हमारा परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पसीबी) परि.सं.8/13.01.000/2013-14 देखें जिसमें बैंकों को, तीन वर्ष और उससे अधिक की परिपक्वता अवधि की वृद्धिशील एनआरई जमाराशियों पर आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर)/ सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) पर देनेवाली छूट के लाभ को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी जमाराशियों पर किसी उच्चतम सीमा के बिना ब्याज दर निर्धारित करने की स्वतंत्रता दी जाने की सूचना दी गई थी। ये अनुदेश 30 नवंबर 2013 तक वैध था। साथ ही हमारे 2 दिसंबर 2013 के परिपत्र सं. शबैंवि.बीपीडी. (पीसीबी)परि. सं. 40/13.01.000/2013-14 के अनुच्छेद सं. 2 के अनुसार इन अनुदेशों की वैधता को 31 जनवरी 2014 तक बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन भी था। 2. समीक्षा के दौरान और बैंकों को थोड़ा समय देने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि उक्त छूट की वैधता की अवधि 28 फरवरी 2014 तक बढ़ा दी जाए। 01 मार्च 2014 से लागू रूप में ब्याज दर की उच्चतम सीमा, 30 अगस्त 2013 से पूर्व की स्थिति के अनुसार होगी, अर्थात एनआरई जमा राशियों पर बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर किसी हालत में तुलनीय (कंपेरबल) घरेलू रुपया जमा राशियों पर उनके द्वारा दिए जाने वाले दर से अधिक न होगी। 3. इस संबंध में समय-समय पर यथासंशोधित अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे। भवदीय, |