बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – रुपया व्यय के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारों की प्राप्तियों का उपयोग - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – रुपया व्यय के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारों की प्राप्तियों का उपयोग
भारिबैंक/2011-12/539 7 मई 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – रुपया व्यय के लिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 5 और 23 नवंबर 2011 के ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 52 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी) की प्राप्तियों का उपयोग अनुमत विदेशी मुद्रा व्यय और रुपया व्यय के लिए किया जा सकता है । समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक से ऋण पंजीकरण संख्या (एलआरएन) प्राप्त करते समय, उधारकर्ताओं द्वारा फॉर्म 83 में विदेशी मुद्रा व्यय तथा रुपया व्यय के संबंध में बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी) की प्राप्तियों के उपयोग को अलग-अलग (bifurcation) प्रस्तुत किया जाना चाहिए । 3. यह सुनिश्चित करने का प्राथमिक उत्तरदायित्व संबंधित उधारकर्ता का है कि भारत में रुपया व्यय करने हेतु लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी) की प्राप्तियाँ 23 नवंबर 2011 के ए.पी. (डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 52 के अनुसार भारत में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों के पास रखे गये उनके रुपया खाते में जमा करने के लिए भारत को प्रत्यावर्तित की जाती हैं। बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) लेने संबंधी दिशानिर्देशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा तथा ऐसा करना विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई को आमंत्रित कर सकता है। नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना भी अपेक्षित है कि रुपया व्यय के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी) की प्राप्तियाँ प्राप्त होने पर (drawdown) तत्काल भारत को प्रत्यावर्तित की जाती हैं। 4. बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति में किए गए संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू और समीक्षा के अधीन है । बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति के सभी अन्य पहलू यथावत बने रहेंगे । 5.प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (रश्मि फौजदार) |