राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश जोन (NMIZ) के अंतर्गत इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश जोन (NMIZ) के अंतर्गत इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार
भारिबैंक/2011-12/414 29 फरवरी 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश जोन (NMIZ) के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान समय - समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा.3/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली, 2000 तथा समय-समय पर संशोधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. मौजूदा दिशानिर्देशो के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के विकास के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति है, इंफ्रास्ट्रक्चर की परिभाषा में (i) उर्जा (बिजली), (ii) दूरसंचार, (iii) रेलवे, (iv) पुलों सहित सड़कें, (v) बंदरगाह एवं हवाई अड्डे, (vi) औद्योगिक पार्क, (vii) शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर (पानी की आपूर्ति, शौचालय और जलमल निकासी परियोजनाएं), (viii) खनन, परिष्करण और खोज तथा (ix) कृषि और संबंधित उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए या स्टोर करने के लिए फार्म स्तर पर प्री-कूलिंग सहित, समुद्री उत्पादों और मांस को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज या कोल्ड रूम सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है । एसईजेड के डेवलपर्स को भी एसईजेड में ऐसी इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए अनुमति दी गयी थी । 3. प्रस्तावित राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश जोन (NMIZ) की इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी आवश्यकताओं के मद्देनजर अब यह निर्णय लिया गया है कि NMIZ के डेवलपर्स को भी NMIZ में उल्लिखित सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ''अनुमोदन मार्ग'' के तहत बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति दी जाए । 4. बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के सभी अन्य पहलू यथा मान्यताप्राप्त उधारदाता, औसत परिपक्वता अवधि, समग्र लागत, अवधि पूर्व भुगतान, मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार का पुनर्वित्तपोषण और रिपोर्टिंग व्यवस्था अपरिवर्तित बने रहेंगे । 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीया, (रश्मि फौज़दार)
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