विदेशी संस्थाओं/कंपनियों द्वारा भारत में शाखा/ संपर्क कार्यालय/परियोजना कार्यालय की स्थापना- स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी संस्थाओं/कंपनियों द्वारा भारत में शाखा/ संपर्क कार्यालय/परियोजना कार्यालय की स्थापना- स्पष्टीकरण
भारिबैंक/2012-13/211 17 सितंबर 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, विदेशी संस्थाओं/कंपनियों द्वारा भारत में शाखा/ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 22/2000-आरबी अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में शाखा अथवा कार्यालय अथवा व्यवसाय के अन्य स्थान की स्थापना) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत से बाहर रहनेवाले व्यक्ति को भारत में शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन लेना आवश्यक है । 2. 02 जुलाई 2003 की अधिसूचना सं.फेमा 95/2000-आरबी के अनुसार किसी विदेशी कंपनी को भारत में परियोजना कार्यालय खोलने की आम अनुमति प्रदान की गयी है बशर्ते उसने किसी भारतीय कंपनी से भारत में कोई परियोजना कार्यान्वित करने के लिए ठेका प्राप्त किया हो और कतिपय अन्य मानदण्डों को पूरा करती हो । 3. यह स्पष्ट किया जाता है कि विदेशी गैर-सरकारी संगठनों/लाभ-रहित संगठनों/विदेशी सरकारी निकायों/विभागों, किसी भी नाम से जाने जाने वाले, द्वारा भारत में कार्यालयों की स्थापना करने के लिए अनुमति 30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 23 में यथा विनिर्दिष्ट सरकारी मार्ग के तहत है । तदनुसार, ऐसी संस्थाओं/कंपनियों से अपेक्षित है कि वे भारत में परियोजना अथवा कोई अन्य कार्यालय स्थापित करने हेतु पूर्व स्वीकृति के लिए रिज़र्व बैंक को आवेदन करें। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |