विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा / संपर्क कार्यालयों की स्थापना-पात्रता मानदण्ड तथा प्रक्रियागत दिशा-निर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा / संपर्क कार्यालयों की स्थापना-पात्रता मानदण्ड तथा प्रक्रियागत दिशा-निर्देश
भारिबैंक/2009-2010/278
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा / संपर्क कार्यालयों प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। ) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 22/2000-आरबी की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत से बाहर रहनेवाले व्यक्ति को भारत में शाखा / संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन लेना आवश्यक है । 2. वर्तमान विनियमों के तहत, भारत से बाहर की पंजीकृत कंपनियों (विदेशी कंपनियां) से भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए प्राप्त आवेदनों पर रिज़र्व बैंक द्वारा दो मार्गों के अंतर्गत विचार किया जाता है : (i) रिज़र्व बैंक मार्ग - विदेशी कंपनी का मूल व्यवसाय ऐसे क्षेत्रों के अंतर्गत आता है जहां स्वचालित मार्ग के तहत अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) 100 प्रतिशत है। (ii) सरकारी मार्ग- विदेशी कंपनी का मूल व्यवसाय ऐसे क्षेत्रों के अंतर्गत आता है जहां स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) अनुमत नहीं है। इस श्रेणी के अंतर्गत आनेवाली कंपनियों से प्राप्त आवेदनों पर रिज़र्व बैंक द्वारा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय के परामर्श करते हुए विचार किया जाता है। 3. अत्यधकि पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से, यह निर्णय लिया गया है कि भारत में शाखा / संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए पात्रता मापदंड और प्रक्रियागत दिशा-निर्देश पब्लिक डोमेन पर डाल दिये जाएं । तदनुसार, शाखा(बीओ)/संपर्क कार्यालय (एलओ)खोलने के लिए पात्रता संबंधी विस्तृत मापदंड , प्रलेखन, आदि अनुबंध "क" में दिये गये हैं और शाखा / संपर्क कार्यालयों के कार्यों संबंधी अनुमत कार्यकलापों की व्याप्ति और अन्य प्रक्रियागत दिशा-निर्देश अनुबंध "ख " में दिये गये हैं। 4. विदेशी कंपनी द्वारा भारत में शाखा /संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए आवेदन प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदैशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई - 400001 को पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक (अर्थात् आवेदक द्वारा निर्धारित की गयी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक जिसके साथ वे बैंकिंग संबंध रखना चाहते हैं) के जरिये फॉर्म एफएनसी (अनुबंध -सी) में निर्धारित दस्तावेजों के साथ प्रेषित किया जाए । पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक को अपने अभिमतों/सिफारिशों के साथ आवेदनपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रेषित करने से पहले आवेदक की पृष्ठभूमि, कार्यकलाप का स्वरुप तथा स्थान, निधियों के स्त्रोत, आदि के संबंध में यथोचित जांच-पड़ताल कर लेने के साथ ही अपने ग्राहक को जानिये मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित कर लेना चाहिए। 5. . शाखा कार्यालय (बीओ)/संपर्क कार्यालय (एलओ) खोलने के लिए बैंकों और बीमा कंपनियों से आवेदनपत्र पहले की तरह सीधे क्रमश: भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग और बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) द्वारा प्राप्त किये जाते रहेंगे तथा उनकी जांच की जाती रहेगी। विशेष आर्थिक क्षेत्र में विनिर्माण तथा सेवा गतिविधियों के लिए शाखा/इकाई स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक का अनुमोदन अपेक्षित नहीं है बशर्ते कि 16 जनवरी,2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.58 के साथ पठित 3 अक्तूबर 2003 की अधिसूचना सं. 102/2003-आरबी. विनिर्दिष्ट शर्तो का अनुपालन किया जाये। 6. एक समान ढ़ांचा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, मौजूदा शाखा/संपर्क कार्यालयों के साथ साथ कार्यालयों को एक विशिष्ट पहचान संख्या आबंटित की जाएगी । शाखा कार्यालय (बीओ)/संपर्क कार्यालय (एलओ) /पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ किये जाने वाले पत्राचार में इस विशिष्ट पहचान संख्या का उल्लेख करना अपेक्षित है। 7. रिज़र्व बैंक अथवा भारत सरकार,यथा स्थिति, को इसके अनुबंध में विशिष्ट रुप से न उल्लिखित किसी अन्य शर्त/शर्तों को पूर्ण न करने; इस प्रकार की अनुमति प्रदान करने अथवा लोक हित में रिज़र्व बैंक/भारत सरकार की राय में आवश्यक शर्तों को पूर्ण करने के लिए किसी आवेदनपत्र निरस्त कर देने का अधिकार सुरक्षित है। रिज़र्व बैंक अथवा भारत सरकार,यथा स्थिति,भारत में स्थापित विदेशी संस्थाओं के शाखा/संपर्क कार्यालय के कार्यकलापों का सत्यापन/जांच करने तथा यदि ऐसी स्थिति आ जाये अथवा नीतिगत कोई परिवर्तन हो जाये तो पहले दी गयी अनुमति वापस ले लेने का भी अधिकार सुरक्षित है। 8. भारत में विदेशी संस्थाओं द्वारा शाखा/संपर्क कार्यालय स्थापित करने पर आयकर प्राधिकरण से स्थायी खाता नंबर (पीएएन) प्राप्त करना होगा और अपने वार्षिक कार्यकलाप प्रमाणपत्र में उसका उल्लेख करना होगा। 9. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - 1 बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें। 10. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.13/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (आस्तियों का प्रेषण) विनियमावली, 2000 और 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध ( भारत में शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की स्थापना)विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं। 11. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (डी.मिश्रा) अनुबंध ए [30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज )परिपत्र सं.23 का अनुबंध भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए पात्रता मानदंड (i) पात्रता मानदंड भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए विदेशी संस्था से प्राप्त आवेदनों पर दो मानदंडों अर्थात् मूल और अतिरिक्त मानदण्डों के आधार पर विचार किया जाता है -
ट्रैक रिकार्ड :
निवल मालियत [लेखा प्रदत्त पूंजी और निर्बंध आरक्षित कुल निधियों में से सरकारी मान्यता प्राप्त एकाउंटंट अथवा किसी नाम से पंजीकृत लेखा व्यावसायिक द्वारा अद्यतन लेखा-परिक्षित तुलन पत्र अथवा लेखा विवरण के अनुसार अमूर्त आस्तियों को घटाते हुए
पात्रता मानदंड पूर्ण न करने वाले आवेदक, जो कि अन्य कंपनियों की सहायक कंपनी हैं . वे अनुबंध डी के अनुसार अपनी मूल कंपनी से चुकौती आश्वासन पत्र प्रस्तुत करें बशर्ते मूल कंपनी निर्धारित पात्रता मानदंड पूरा करती हो । (ii) आवेदन फॉर्म और प्रलेखीकरण सभी तरह से विधिवत् भरे हुए और अपने देश में विदेशी संस्था के प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित फार्म एफएनसी (अनुबंध-सी) में आवेदनपत्र, जहां लागू (अनुबंध डी)हो , वहां चुकौती आश्वासन पत्र के साथ आगे की कार्रवाई के लिए रिज़र्व बैंक को प्रेषित किये जाने हेतु अपने अभिमतों और सिफारिशों तथा फार्म एफएनसी की मद (viii) में निर्धारित दस्तावेजों के साथ पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक को प्रस्तुत किये जाएं । अनुबंध बी [30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज ) परिपत्र सं.23 का अनुबंध भारत में अनुमत कार्यकलापों के कार्य क्षेत्र विस्तार और शाखा कार्यालय/ (i) अनुमत कार्यकलाप भारत में शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय के लिए अनुमत कार्यकलाप निम्नवत् होंगे : शाखा कार्यालय
सामान्यत: शाखा कार्यालय मूल कंपनी के कार्यकलाप में कार्य करना चाहिए । संपर्क कार्यालय
(ii) अतिरिक्त कार्यालयों और अतिरिक्त कार्यकलाप करने के लिए आवेदन
(iii) संपर्क कार्यालयों के अनुमोदन -वैधता -विस्तार
(iv) शाखा/संपर्क कार्यालयों का समापन शाखा/संपर्क कार्यालय(कार्यालयों) के समापन के लिए आवेदनपत्र , शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय अथवा उनके नोडल कार्यालय, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक को प्रस्तुत किये जाएं ।समापन के लिए आवेदन निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जाए : क. शाखा/संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए सेक्टोरेल नियामक(नियामकों) से भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति/ अनुमोदन की प्रति । ख. लेखाकार का प्रमाणपत्र जिसमें निम्नलिखित दर्शाया जाए : i.आवेदक की परिसंपत्तियों और देयताओं द्वारा समर्थित प्रेषणयोग्य राशि निकालने और परिसंपत्तियों के निपटान का तरीका; ii. कार्यालय के कर्मचारियों को उपदान की बकाया राशि तथा अन्य लाभों सहित भारत में सभी देयताएं या तो पूर्णत: चुका दी गयी है ं अथवा उनके लिए पर्याप्त प्रावधान कर लिया गया है,इसकी पुष्टि और iii. भारत के बाहर के स्त्रोतों से प्राप्त कोई आगम राशि भारत को अप्रत्यावर्तित रही है,इसकी पुष्टि । ग. प्रेषण के लिए आय कर प्राधिकरण से अनापत्ति/कर बेबाकी प्रमाणपत्र । घ. आवेदक/ मूल कंपनी से इस बात की पुष्टि कि शाखा/संपर्क कार्यालय के विरुध्द भारत में किसी न्यायालय में कोई विधिक कार्यवाही अनिर्णीत नहीं है और प्रेषण को कोई विधिक रुकावट नहीं है । ङ. भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय के समापन के मामले में कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुपालन के संबंध में कंपनियों के रजिस्ट्रार से एक रिपोर्ट । पदनामित प्राधिकृत व्यापारी शाखा/संपर्क कार्यालय के समापन के लिए अनुरोध पर विचार करने से पहले शाखा/संपर्क कार्यालय द्वारा उपर्युक्त में उल्लिखित सभी दस्तावेजो की प्रस्तुति प्रधान कार्यालय को यदि कोई हो, अनुवर्ती प्रेषण सुनिश्चित करना चाहिए । [30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज ) परिपत्र सं.23 का अनुबंध एफएनसी क. आवेदकों को सामान्य अनुदेश : फॉर्म पूर्ण भरना चाहिए और घोषणा की मद (viii) में उल्लिखित दस्तावेजों के साथ रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई-400001 को प्रेषित किये जाने के लिए आवेदक द्वारा पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक को प्रस्तुत करना चाहिए ।
घोषणापत्र हम एतद्वारा घोषित करते हैं कि: i. उपर्युक्त में दिये गये ब्योरे मेरी सर्वोत्तम जानकारी और विश्वास के अनुसार सही और सत्य हैं । 1. पंजीकरण के देश में नोटरी पब्लिक द्वारा साक्ष्यांकित निगमन/पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि 2. आवेदक कंपनी का अद्यतन लेखापरिक्षित तुलन पत्र । 3. मेजबान देश/पंजीकरण के देश में आवेदक के बैंकर से आवेदक के बैंक के साथ बैंकिंग संबंधों के वर्षों की संख्या दर्शाते हुए बैंकर की रिपोर्ट । (आवेदक कंपनी के प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर) स्थान : अनुबंध डी [ सितंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं को संलग्न कंफर्ट लेटर का फॉर्मेट प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक महोदय विषय: हमारी सहायक/समूह कंपनी, मेसर्स------------------ द्वारा भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए आवेदन आप कृपया हमारी सहायक/समूह कंपनी, मेसर्स------------------ द्वारा भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए आपके कार्यालय को किया गया आवेदन देखें । 2. इस संबंध में, हम, ---------------(मूल कंपनी) वचन देते हैं कि अपनी सहायक/समूह कंपनी के भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय के रुप में परिचालनों के लिए आवश्यक वित्तीय समर्थन प्रदान करेंगे । भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय के कार्य के कारण कोई देयता उत्पन्न होती है तो हम (मूल कंपनी कंपनी) उसकी चुकौती करेंगे । 3. हम सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटंट द्वारा अपने प्रमाणित अद्यतन लेखापरिक्षित तुलन पत्र/लेखा विवरण के फॉर्म मे हमारी कंपनी की वित्तीय पृष्ठभूमि भी संलग्न करते हैं । भवदीय ( )
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