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विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा / संपर्क कार्यालयों की स्थापना-पात्रता मानदण्ड तथा प्रक्रियागत दिशा-निर्देश

भारिबैंक/2009-2010/278
ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.23


30 दिसंबर 2009

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक

महोदया/महोदय

विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा / संपर्क कार्यालयों
की स्थापना-पात्रता मानदण्ड तथा प्रक्रियागत दिशा-निर्देश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। ) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 22/2000-आरबी की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत से बाहर रहनेवाले व्यक्ति को भारत में शाखा / संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन लेना आवश्यक है ।

2. वर्तमान विनियमों के तहत, भारत से बाहर की पंजीकृत कंपनियों (विदेशी कंपनियां) से भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए प्राप्त आवेदनों पर रिज़र्व बैंक द्वारा दो मार्गों के अंतर्गत विचार किया जाता है :

(i) रिज़र्व बैंक मार्ग - विदेशी कंपनी का मूल व्यवसाय ऐसे क्षेत्रों के अंतर्गत आता है जहां स्वचालित मार्ग के तहत अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) 100 प्रतिशत है।

(ii) सरकारी मार्ग- विदेशी कंपनी का मूल व्यवसाय ऐसे क्षेत्रों के अंतर्गत आता है जहां स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) अनुमत नहीं है। इस श्रेणी के अंतर्गत आनेवाली कंपनियों से प्राप्त आवेदनों पर रिज़र्व बैंक द्वारा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय के परामर्श करते हुए विचार किया जाता है।

3. अत्यधकि पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से, यह निर्णय लिया गया है कि भारत में शाखा / संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए पात्रता मापदंड और प्रक्रियागत दिशा-निर्देश पब्लिक डोमेन पर डाल दिये जाएं । तदनुसार, शाखा(बीओ)/संपर्क कार्यालय (एलओ)खोलने के लिए पात्रता संबंधी विस्तृत मापदंड , प्रलेखन, आदि अनुबंध "क" में दिये गये हैं और शाखा / संपर्क कार्यालयों के कार्यों संबंधी अनुमत कार्यकलापों की व्याप्ति और अन्य प्रक्रियागत दिशा-निर्देश अनुबंध "ख " में दिये गये हैं।

4. विदेशी कंपनी द्वारा भारत में शाखा /संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए आवेदन प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदैशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई - 400001 को पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक (अर्थात् आवेदक द्वारा निर्धारित की गयी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक जिसके साथ वे बैंकिंग संबंध रखना चाहते हैं) के जरिये फॉर्म एफएनसी (अनुबंध -सी) में निर्धारित दस्तावेजों के साथ प्रेषित किया जाए । पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक को अपने अभिमतों/सिफारिशों के साथ आवेदनपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रेषित करने से पहले आवेदक की पृष्ठभूमि, कार्यकलाप का स्वरुप तथा स्थान, निधियों के स्त्रोत, आदि के संबंध में यथोचित जांच-पड़ताल कर लेने के साथ ही अपने ग्राहक को जानिये मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित कर लेना चाहिए।

5. . शाखा कार्यालय (बीओ)/संपर्क कार्यालय (एलओ) खोलने के लिए बैंकों और बीमा कंपनियों से आवेदनपत्र पहले की तरह सीधे क्रमश: भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग और बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) द्वारा प्राप्त किये जाते रहेंगे तथा उनकी जांच की जाती रहेगी। विशेष आर्थिक क्षेत्र में विनिर्माण तथा सेवा गतिविधियों के लिए शाखा/इकाई स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक का अनुमोदन अपेक्षित नहीं है बशर्ते कि 16 जनवरी,2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.58 के साथ पठित 3 अक्तूबर 2003 की अधिसूचना सं. 102/2003-आरबी. विनिर्दिष्ट शर्तो का अनुपालन किया जाये।

6. एक समान ढ़ांचा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, मौजूदा शाखा/संपर्क कार्यालयों के साथ साथ कार्यालयों को एक विशिष्ट पहचान संख्या आबंटित की जाएगी । शाखा कार्यालय (बीओ)/संपर्क कार्यालय (एलओ) /पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ किये जाने वाले पत्राचार में इस विशिष्ट पहचान संख्या का उल्लेख करना अपेक्षित है।

7. रिज़र्व बैंक अथवा भारत सरकार,यथा स्थिति, को इसके अनुबंध में विशिष्ट रुप से न उल्लिखित किसी अन्य शर्त/शर्तों को पूर्ण न करने; इस प्रकार की अनुमति प्रदान करने अथवा लोक हित में रिज़र्व बैंक/भारत सरकार की राय में आवश्यक शर्तों को पूर्ण करने के लिए किसी आवेदनपत्र निरस्त कर देने का अधिकार सुरक्षित है। रिज़र्व बैंक अथवा भारत सरकार,यथा स्थिति,भारत में स्थापित विदेशी संस्थाओं के शाखा/संपर्क कार्यालय के कार्यकलापों का सत्यापन/जांच करने तथा यदि ऐसी स्थिति आ जाये अथवा नीतिगत कोई परिवर्तन हो जाये तो पहले दी गयी अनुमति वापस ले लेने का भी अधिकार सुरक्षित है।

8. भारत में विदेशी संस्थाओं द्वारा शाखा/संपर्क कार्यालय स्थापित करने पर आयकर प्राधिकरण से स्थायी खाता नंबर (पीएएन) प्राप्त करना होगा और अपने वार्षिक कार्यकलाप प्रमाणपत्र में उसका उल्लेख करना होगा।

9. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - 1 बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें।

10. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.13/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (आस्तियों का प्रेषण) विनियमावली, 2000 और 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध ( भारत में शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की स्थापना)विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं।

11. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(डी.मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध ए

[30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज )परिपत्र सं.23 का अनुबंध

भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए पात्रता मानदंड

(i) पात्रता मानदंड

भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए विदेशी संस्था से प्राप्त आवेदनों पर दो मानदंडों अर्थात् मूल और अतिरिक्त मानदण्डों के आधार पर विचार किया जाता है -

  • मूल मानदंड

  • भारतीय रिज़र्व बैंक मार्ग - विदेशी कंपनी का मूल व्यवसाय उन क्षेत्रों में आता है जिनमें स्वचालित मार्ग के तहत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 100 प्रतिशत अनुमत है ।

  • सरकारी मार्ग- विदेशी कंपनी का मूल व्यवसाय उन क्षेत्रों में आता है जिनमें स्वचालित मार्ग के तहत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 100 प्रतिशत अनुमत नहीं है । इस श्रेणी के तहत आनेवाली संस्थाओं से प्राप्त आवेदनों पर रिज़र्व बैंक द्वारा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय के साथ परामर्श से विचार किया जाता है ।

  • अतिरिक्त मापदंड

ट्रैक रिकार्ड :

  • शाखा कार्यालय के लिए - अपने देश में पिछले लगातार पांच वर्षों के दौरान एक सफल, लाभार्जन रिकार्ड ।

  • संपर्क कार्यालय के लिए - अपने देश में पिछले लगातार तीन वर्षों के दौरान एक सफल, लाभार्जन रिकार्ड ।

निवल मालियत [लेखा प्रदत्त पूंजी और निर्बंध आरक्षित कुल निधियों में से सरकारी मान्यता प्राप्त एकाउंटंट अथवा किसी नाम से पंजीकृत लेखा व्यावसायिक द्वारा अद्यतन लेखा-परिक्षित तुलन पत्र अथवा लेखा विवरण के अनुसार अमूर्त आस्तियों को घटाते हुए

  • शाखा कार्यालय के लिए - 100,000 अथवा उसके समतुल्य से अधिक ।
  • संपर्क कार्यालय के लिए - 50,000 अथवा उसके समतुल्य से अधिक ।

पात्रता मानदंड पूर्ण न करने वाले आवेदक, जो कि अन्य कंपनियों की सहायक कंपनी हैं . वे अनुबंध डी के अनुसार अपनी मूल कंपनी से चुकौती आश्वासन पत्र प्रस्तुत करें बशर्ते मूल कंपनी निर्धारित पात्रता मानदंड पूरा करती हो ।

(ii) आवेदन फॉर्म और प्रलेखीकरण

सभी तरह से विधिवत् भरे हुए और अपने देश में विदेशी संस्था के प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित फार्म एफएनसी (अनुबंध-सी) में आवेदनपत्र, जहां लागू (अनुबंध डी)हो , वहां चुकौती आश्वासन पत्र के साथ आगे की कार्रवाई के लिए रिज़र्व बैंक को प्रेषित किये जाने हेतु अपने अभिमतों और सिफारिशों तथा फार्म एफएनसी की मद (viii) में निर्धारित दस्तावेजों के साथ पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक को प्रस्तुत किये जाएं ।


अनुबंध बी

[30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज ) परिपत्र सं.23 का अनुबंध

भारत में अनुमत कार्यकलापों के कार्य क्षेत्र विस्तार और शाखा कार्यालय/
संपर्क कार्यालय के कार्य करने से संबंधित अन्य प्रक्रियागत दिशा-निर्देश

(i) अनुमत कार्यकलाप

भारत में शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय के लिए अनुमत कार्यकलाप निम्नवत् होंगे :

शाखा कार्यालय

  • माल का आयात/निर्यात।

  • व्यावसायिक अथवा परामर्शदात्री सेवाएं प्रदान करना।

  • मूल कंपनी जिस क्षेत्र में लगी है उसमें अनुसंधान कार्य करना ।

  • भारतीय कंपनियों और मूल अथवा समुद्रपारीय समूह कंपनियों के बीच तकनीकी अथवा वित्तीय सहयोग संवर्धन ।

  • भारत में मूल कंपनी का प्रतिनिधित्व करना और भारत में क्रय/विक्रय एजेंट का कार्य करना ।

  • भारत में सूचना प्रौद्यौगिकी और सॉफ्टवेयर के विकास में सेवाएं प्रदान करना ।

  • मूल /समूह कंपनियों द्वारा आपूर्त उत्पादों को तकनीकी सहायता प्रदान करना ।

  • विदेशी वायुयान/ पोतलदान कंपनी ।

सामान्यत: शाखा कार्यालय मूल कंपनी के कार्यकलाप में कार्य करना चाहिए ।

संपर्क कार्यालय

  • भारत में मूल कंपनी/समूह कंपनियों प्रतिनिधित्व करना ।

  • भारत से/को निर्यात/ आयात संवर्धन ।

  • मूल /समूह कंपनियों और भारत में कंपनियों के बीच तकनीकी/वित्तीय सहयोग संवर्धन ।

  • मूल कंपनी और भारतीय कंपनियों के बीच सूचना -माध्यम के रुप में कार्य करना ।

(ii) अतिरिक्त कार्यालयों और अतिरिक्त कार्यकलाप करने के लिए आवेदन

  • अतिरिक्त शाखा/संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए अनुबंध ए के अनुसार आवेदनपत्र रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत किये जाएं ।

  • अपने देश में विदेशी संस्था के प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा विधिवत् हस्ताक्षरित नया फार्म एफएनसी प्रस्तुत किया जाए । तथापि, यदि पहले प्रस्तुत किए गये दस्तावेजों में कोई परिवर्तन न हो तो फार्म एफएनसी में उल्लिखित दस्तावेज पुन: प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है ।

  • यदि कार्यालयों की संख्या 4 (अर्थात् पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण प्रत्येक क्षेत्र में एक शाखा/संपर्क कार्यालय )से अधिक हो तो आवेदक को अतिरिक्त कार्यालयों की आवश्यकता का औचित्य सिध्द करना होगा ।

  • आवेदक भारत में अपने कार्यालयों में से एक कार्यालय को नोडल कार्यालय के रुप में रखें जो भारत में अपने सभी कार्यालयों के कार्यकलापों में समन्वय रखेगा ।

  • रिज़र्व बैंक द्वारा पहले ही अनुमत कार्यकलापों के अतिरिक्त के लिए आवेदनपत्र पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक के अभिमतों के साथ प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को आवश्यकता का औचित्य सिध्द करते हुए प्रस्तुत किये जाएं ।

(iii) संपर्क कार्यालयों के अनुमोदन -वैधता -विस्तार

  • संपर्क कार्यालयों को चालू रखने के लिए समय विस्तार हेतु संपर्क कार्यालय के पत्र शीर्ष पर आवेदनपत्र डबीमा क्षेत्र,गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और विनिर्माण और विकास क्षेत्र (संरचनात्मक क्षेत्र विकास कंपनियों को छोड़कर)में कार्यरत कंपनियों से अन्य कंपनियां संबंधित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक को , जिसके अधिकार क्षेत्र में संपर्क /नोडल कार्यालय अनुमोदन की वैधता की समाप्ति से पहले स्थित था, प्रस्तुत किये जाएं,।

  • बैंक और बीमा व्यवसाय में कार्यरत कंपनियों से प्राप्त आवेदनपत्र बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग तथा बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) द्वारा प्राप्त किये जाते रहेंगे और जांच किये जाते रहेंगे ।

  • संस्थाएं जो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां हैं और जो भवन निर्माण और विकास क्षेत्र (संरचनात्मक क्षेत्र विकास कंपनियों को छोड़कर) में कार्यरत हैं, के संपर्क कार्यालय के लिए समय विस्तार पर विचार नहीं किया जाएगा । वैधता अवधि की समाप्ति पर, मौजूदा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के अनुसार, इन संस्थाओं को एक तो बंद करना होगा अथवा संपूर्ण संयुक्त उद्यम (जेवी)/पूर्णत: स्वाधिकृत सहायक संस्था (डब्ल्यूओएस) में परिवर्तित करना होगा ।

(iv) शाखा/संपर्क कार्यालयों का समापन

शाखा/संपर्क कार्यालय(कार्यालयों) के समापन के लिए आवेदनपत्र , शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय अथवा उनके नोडल कार्यालय, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक को प्रस्तुत किये जाएं ।समापन के लिए आवेदन निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जाए :

क. शाखा/संपर्क कार्यालय स्थापित करने के लिए सेक्टोरेल नियामक(नियामकों) से भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति/ अनुमोदन की प्रति ।

ख. लेखाकार का प्रमाणपत्र जिसमें निम्नलिखित दर्शाया जाए :

i.आवेदक की परिसंपत्तियों और देयताओं द्वारा समर्थित प्रेषणयोग्य राशि निकालने और परिसंपत्तियों के निपटान का तरीका;

ii. कार्यालय के कर्मचारियों को उपदान की बकाया राशि तथा अन्य लाभों सहित भारत में सभी देयताएं या तो पूर्णत: चुका दी गयी है ं अथवा उनके लिए पर्याप्त प्रावधान कर लिया गया है,इसकी पुष्टि और

iii. भारत के बाहर के स्त्रोतों से प्राप्त कोई आगम राशि भारत को अप्रत्यावर्तित रही है,इसकी पुष्टि ।

ग. प्रेषण के लिए आय कर प्राधिकरण से अनापत्ति/कर बेबाकी प्रमाणपत्र ।

घ. आवेदक/ मूल कंपनी से इस बात की पुष्टि कि शाखा/संपर्क कार्यालय के विरुध्द भारत में किसी न्यायालय में कोई विधिक कार्यवाही अनिर्णीत नहीं है और प्रेषण को कोई विधिक रुकावट नहीं है ।

ङ. भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय के समापन के मामले में कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुपालन के संबंध में कंपनियों के रजिस्ट्रार से एक रिपोर्ट ।

पदनामित प्राधिकृत व्यापारी शाखा/संपर्क कार्यालय के समापन के लिए अनुरोध पर विचार करने से पहले शाखा/संपर्क कार्यालय द्वारा उपर्युक्त में उल्लिखित सभी दस्तावेजो की प्रस्तुति प्रधान कार्यालय को यदि कोई हो, अनुवर्ती प्रेषण सुनिश्चित करना चाहिए ।


अनुबंध सी

[30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज ) परिपत्र सं.23 का अनुबंध

एफएनसी

क. आवेदकों को सामान्य अनुदेश :

फॉर्म पूर्ण भरना चाहिए और घोषणा की मद (viii) में उल्लिखित दस्तावेजों के साथ रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई-400001 को प्रेषित किये जाने के लिए आवेदक द्वारा पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक को प्रस्तुत करना चाहिए ।

क्र.सं.

ब्योरे

विवरण

1.

आवेदक का पूर्ण नाम और पता
निगमन/पंजीकरण की तारीख और स्थान
टेलीफोन संख्या
फैक्स संख्या
ई-मेल आइडी

 

2.

पूंजी के ब्योरे
i. प्रदत्त पूंजी
ii. पिछले लेखा परिक्षित तुलन पत्र/वित्तीय विवरण के अनुसार निर्बंध प्रारक्षित निधियां/प्रतिधारित आय
iii. अमूर्त परिसंपत्तियां, यदि कोई हो

 

3.

आवेदक के कार्यकलापों का संक्षिप्त विवरण

 

4.

i) आवेदक द्वारा पिछले तीन वर्षों में प्रत्येक वर्ष के दौरान भारत को /से आयातित और/अथवा निर्यातित माल की कीमत
क) भारत से आयात
ख) भारत को निर्यात
ii) भारत में कंपनी का प्रतिनिधित्व करने के लिए मौजूदा व्यवस्था के ब्योरे, यदि कोई हो
iii) प्रस्तावित संपर्क/ शाखा कार्यालय के ब्योरे:
क) कार्यालय द्वारा की जानेवाली/प्रदान की जानेवाली प्रस्तावित गतिविधिया ें/सेवाओं के ब्योरे
ख)कार्यालय का स्थान
ग) फोन नंबर
घ) ई-मेल आइडी
ङ) कर्मचारियों की प्रत्याशित संख्या (विदेशियों की संख्या के साथ )

 

5.

i) अपने देश में आवेदक के बैंकर का नाम और पता
ii) टेलीफोन और फैक्स संख्या
iii)ई-मेल आइडी

 

6.

कोई अन्य जानकारी जो आवेदक कंपनी इस आवेदन के समर्थन में प्रस्तुत करना चाहती है

 

7.

लाभ रहित/गैर सरकारी सगठनों के लिए:
i) आवेदक संगठनों द्वारा मेजबान देश और अन्य देशों में किये जानेवाले कार्यकलापों के ब्योरे
ii)भारत में परिचालनों के लिए निधियन का अपेक्षित स्तर
iii) संगठन के उप-नियमों,संस्था के अंतर्नियमों की प्रतियां

 

घोषणापत्र

हम एतद्वारा घोषित करते हैं कि:

i. उपर्युक्त में दिये गये ब्योरे मेरी सर्वोत्तम जानकारी और विश्वास के अनुसार सही और सत्य हैं ।
ii. भारत में हमारे कार्यकलाप उपर्युक्त स्तंभ 4(iii)(क) में दर्शाये गये कार्यकलापों तक सीमित होंगे ।
iii. यदि हम कार्यालय शहर में दूसरी जगह अंतरित करते हैं तो हम प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी ।
बैंक और रिज़र्व बैंक को उसकी सूचना देंगे । भारत में किसी दूसरे शहर में कार्यालय अंतरित करते समय रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन प्राप्त कर लिया जाएगा ।
iv. हम भारत सरकार/ रिज़र्व बैंक/ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक द्वारा समय समय पर निर्धारित शर्तों का पालन करेंगे ।
v. हम एतद्वारा प्रतिबध्द है कि हम भारत सरकार/ रिज़र्व बैंक द्वारा विदेश में हमारे बैंकर से मांगी गयी रिपोर्ट/अभिमत देंगे ।
vi. हम समझते हैं कि अनुमोदन, यदि प्रदान किया जाता है, तो केवल फेमा की द्ष्टिकोण से है । किसी अन्य सरकारी प्राधिकारी / विभाग / मंत्रालय से कोई अन्य अनुमोदन/सांविधिक क्लिअरन्स अथवा अन्यथा आवश्यक है तो भारत में परिचालन शुरू करने से पहले प्राप्त कर लिया जाएगा ।
vii. रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदन के ब्योरे पब्लिक डोमेन पर रखने के संबंध में हमें कोई आपत्ति नही है ।
viii. हम निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करते है ं :

1. पंजीकरण के देश में नोटरी पब्लिक द्वारा साक्ष्यांकित निगमन/पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि
[ यदि मूल प्रमाणपत्र अंग्रेजी से अन्य किसी भाषा में है तो उसे अंग्रेजी में अनुवादित और उपर्युक्त के अनुसार नोटराइज्ड किया जाए और अपने देश में भारतीय दूतावास/वाणिज्य दूतावास द्वारा प्रति सत्यापित/साक्ष्यांकित किया जाए ।

2. आवेदक कंपनी का अद्यतन लेखापरिक्षित तुलन पत्र ।
[यदि आवेदक के अपने देश के कानून/विनियम लेखों की लेखापरीक्षा पर जोर नहीं देते हैं तो निवल मालियत स्पष्ट रुप से दर्शाते हुए सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटंट (सीपीए) अथवा किसी नाम से पंजीकृत लेखा व्यावसायिक द्वारा प्रमाणित लेखा विवरण प्रस्तुत किया जाए ।

3. मेजबान देश/पंजीकरण के देश में आवेदक के बैंकर से आवेदक के बैंक के साथ बैंकिंग संबंधों के वर्षों की संख्या दर्शाते हुए बैंकर की रिपोर्ट ।

(आवेदक कंपनी के प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर)
नाम:---------
पदनाम--------

स्थान :
दिनांक:


अनुबंध डी

[ सितंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं को संलग्न

कंफर्ट लेटर का फॉर्मेट

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय,फोर्ट
मुंबई 400001

महोदय

विषय: हमारी सहायक/समूह कंपनी, मेसर्स------------------ द्वारा भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए आवेदन

आप कृपया हमारी सहायक/समूह कंपनी, मेसर्स------------------ द्वारा भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय की स्थापना के लिए आपके कार्यालय को किया गया आवेदन देखें ।

2. इस संबंध में, हम, ---------------(मूल कंपनी) वचन देते हैं कि अपनी सहायक/समूह कंपनी के भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय के रुप में परिचालनों के लिए आवश्यक वित्तीय समर्थन प्रदान करेंगे । भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय के कार्य के कारण कोई देयता उत्पन्न होती है तो हम (मूल कंपनी कंपनी) उसकी चुकौती करेंगे ।

3. हम सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटंट द्वारा अपने प्रमाणित अद्यतन लेखापरिक्षित तुलन पत्र/लेखा विवरण के फॉर्म मे हमारी कंपनी की वित्तीय पृष्ठभूमि भी संलग्न करते हैं ।

भवदीय

(      )
मूल कंपनी का प्राधिकृत प्रतिनिधि


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