माल और सेवाओं का निर्यात – परियोजनाओं का निर्यात - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं का निर्यात – परियोजनाओं का निर्यात
भारिबैंक/2015-2016/287 14 जनवरी 2016 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात – परियोजनाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 23/2000-आरबी, अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000, के विनियम 18 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आस्थगित भुगतान की शर्तों पर माल और सेवाओं के निर्यात अथवा तैयार परियोजना अथवा सिविल कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट के कार्यान्वयन (execution) के लिए अनुमोदन प्रदाता प्राधिकारी से पूर्वानुमोदन प्राप्त करना अपेक्षित है जो समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ऐसे प्रस्तावों पर विचार करते हैं। इसके अलावा, प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 22 जुलाई 2014 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 11 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार परियोजना निर्यात एवं आस्थगित सेवाओं के निर्यात प्रस्ताव के 100 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक मूल्य के कांट्रैक्टों पर, अब तक, (एक्जिम बैंक, ईसीजीसी एवं भारिबैं के प्रतिनिधियों से बने) वर्किंग ग्रुप द्वारा विचार करने/ अनुमति प्रदान करने की प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है तथा प्राधिकृत व्यापारी बैंकों/निर्यात-आयात बैंक को, बिना किसी मौद्रिक सीमा के, पोस्ट अवार्ड अनुमोदन प्रदान करने एवं पोस्ट अवार्ड अनुमोदन में उसके उपरांत परिवर्तनों की मंजूरी, संबन्धित फेमा दिशानिर्देशों / विनियमों के तहत, प्रदान करने की अनुमति दी गई है। तदनुसार परियोजना और सेवाओं के निर्यातक अपने वाणिज्यिक निर्णय के अनुसार अनुमति हेतु प्राधिकृत व्यापारी बैंकों/निर्यात-आयात बैंक से संपर्क कर सकते हैं। 2. चूंकि भारत सरकार ने यह सूचित किया है कि i) "ओसीसीआई" को "परियोजना निर्यात संवर्धन परिषद (PEPC)" के नाम से पुनर्नामित किया गया है और ii) सिविल कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट्स में टर्न-की इंजीनियरिंग कांट्रैक्ट्स, प्रोसेस एवं इंजीनियरिंग परामर्शी सेवाएं तथा प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन सामान (items) (स्टील और सीमेंट को छोड़कर) सिविल कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट्स के साथ-साथ शामिल हैं, अत: यह निर्णय लिया गया है कि परियोजना (प्रोजेक्ट) एवं सेवा निर्यात संबंधी अनुदेशों के ज्ञापन में तदनुसार आवश्यक परिवर्तन किए जाएं। 3. परियोजना और सेवाओं के निर्यात संबंधी अनुदेशों के ज्ञापन की संशोधित प्रति संलग्न है। 4. प्राधिकृत व्यापारी ज्ञापन में किए गए संशोधनों से अपने संबन्धित घटकों को अवगत कराएं। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (ए.के.पाण्डेय) सं. संशोधित पीईएम |