माल और सेवाओं का निर्यात - विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) की ईकाईयों के लिए वसूली और प्रत्यावर्तन की अवधि - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं का निर्यात - विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) की ईकाईयों के लिए वसूली और प्रत्यावर्तन की अवधि
भारिबैंक/2012-13/527 11 जून 2013 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात- प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों का ध्यान 1 अप्रैल 2003 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.91 की ओर आकृष्ट किया जाता है। उल्लिखित परिपत्र के पैरा ए के उपबंधों के अनुसार, विशेष आर्थिक क्षेत्रों की ईकाईयों द्वारा किए गए निर्यातों के लिए निर्यात मूल्य की वसूली तथा प्रत्यावर्तन की समय सीमा हटायी गयी थी। 2. अब यह निर्णय लिया गया है कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों की ईकाईयाँ माल/सॉफ्टवेयर/सेवाओं के पूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली तथा भारत को उसका प्रत्यावर्तन निर्यात की तारीख से बारह महीनों की अवधि के भीतर करेंगी। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त में विनिर्दिष्ट अवधि से अधिक समय विस्तार मामले-दर-मामले आधार पर प्रदान किया जा सकता है। 3. उल्लिखित परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और पुनरीक्षा की शर्त पर एक वर्ष के लिए वैध होंगे। 4. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.23/आरबी-2000 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000] में आवश्यक संशोधन 25 अप्रैल 2013 की अधिसूचना सं.फेमा.273/2013-आरबी के जरिये जारी किए गए हैं तथा 29 मई 2013 के जी.एस.आर. सं. 342(ई) के जरिये अधिसूचित किए गए हैं। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा),1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) |