माल और सेवाओं का निर्यात – सॉफ्टेक्स क्रियाविधि का सरलीकरण और पुनरीक्षण - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं का निर्यात – सॉफ्टेक्स क्रियाविधि का सरलीकरण और पुनरीक्षण
भारिबैंक/2012-13/260 23 अक्तूबर 2012 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात – प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 27 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा. 36/2001-आरबी द्वारा यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 6 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्कों (STPIs) अथवा मुक्त व्यापार क्षेत्रों (FTZs) अथवा निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों (EPZs) अथवा विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) में स्थित सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के नामित अधिकारियों को सॉफ्टेक्स फॉर्मों के जरिये घोषित निर्यातों को प्रमाणित करने के लिए प्राधिकृत किया गया है । 2. हाल ही की कालावधि में, भारत से सॉफ्टवेयर निर्यातों की मात्रा में हुई वृद्धि/आयी उछाल, उसमें निहित कार्य-संविदा की जटिलता, संविदा करारों का विशाल स्वरूप तथा प्रत्येक संविदा के निष्पादन में निहित/लगनेवाली अवधि के साथ ही साथ सॉफ्टेक्स फॉर्मों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में लगने वाले लंबे समय को ध्यान में रखते हुये, 15 फरवरी 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 80 के जरिये सरलीकृत एवं संशोधित सॉफ्टेक्स क्रियाविधि लागू की गयी थी । प्रारंभ में संशोधित क्रियाविधि भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (STPI) बेंगलूर, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और मुंबई में 01 अप्रैल 2012 से लागू की गयी थी । 3. चूँकि संशोधित क्रियाविधि 5 नामित केंद्रों पर सफलतापूर्वक चल रही है, अत: यह निर्णय लिया गया है कि उक्त संशोधित क्रियाविधि भारत में सभी भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्कों (STPIs) में तत्काल प्रभाव से लागू की जाए । 4. संशोधित क्रियाविधि के अनुसार, सॉफ्टवेयर निर्यातक, जिसका वार्षिक पण्यावर्त न्यूनतम रु.1000 करोड़ है अथवा जो वर्ष में अखिल भारतीय आधार पर 600 सॉफ्टेक्स फॉर्म फाइल करता है, हमारे 15 फरवरी 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 80 में दर्शाये गए अनुसार एक्सेल फॉर्मेट में एक विवरण प्रस्तुत करने के लिए पात्र होगा । 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीया, (रश्मि फौज़दार) |