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रेन्मिन्बी (युवान) में बाह्य वाणिज्यिक उधार

भारिबैंक/2011-12/205
ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.30

27 सितंबर 2011

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक

महोदया/महोदय,

रेन्मिन्बी (युवान) में बाह्य वाणिज्यिक उधार

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी द्वारा यथा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली, 2000, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 14/2000-आरबी द्वारा यथा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2000, समय-समय पर यथा संशोधित और बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित समय-समय पर यथा संशोधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है ।

2. इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की खास आवश्यकताओं पर विचार करते हुए भारत सरकार के परामर्श से बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति की समीक्षा की गयी है और यह निर्णय लिया गया है कि बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों में यथा परिभाषित 'इंफ्रास्ट्रक्चर' क्षेत्र की भारतीय कंपनियों को 'अनुमोदन मार्ग' से एक बिलियन अमरीकी डालर की वार्षिक सीमा, (जो आगे समीक्षाधीन है) के तहत रेन्मिन्बी (आरएमबी) में बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति दी जाए।

3. एक बार अनुमोदन मिलने पर, रिज़र्व बैंक का अनुमोदन, तीन महीने के लिए वैध होगा और ऋण करार उक्त अवधि में निष्पादित करना होगा । तदुपरांत 7 दिनों के अंदर (उधारकर्ता और उधारदाता के बीच करार पर हस्ताक्षर की तारीख से) कंपनी ऋण पंजीकरण संख्या (LRN) के आबंटन के लिए सांख्यिकीय और सूचना प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक को पूर्ण रूप से भरा हुआ फॉर्म 83 प्रस्तुत करेगी । यदि उधारकर्ता उक्त अवधि में एलआरएन लेने में विफल होगा तो रिज़र्व बैंक का अनुमोदन निरस्त माना जाएगा ।

4. इस उपाय हेतु, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक रेन्मिन्बी (आरएमबी) में अपना खाता खोल सकेंगे । प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक उक्त निधियों के अंतिम उपयोग की निगरानी करेंगे किंतु भारत स्थित किसी बैंक को इस हेतु किसी भी प्रकार की गारंटी (गारंटियाँ) देने की अनुमति नहीं होगी । बाह्य वाणिज्यिक उधार की सभी अन्य शर्तें यथा पात्र उधारकर्ता, मान्यताप्राप्त उधारदाता, समग्र लागत, औसत परिपक्वता अवधि, पूर्व भुगतान, मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार हेतु पुनर्वित्तीय सहायता तथा रिपोर्टिंग व्यवस्था, आदि अपरिवर्तित बनी रहेंगी तथा उनका अनुपालन करना होगा।

5.संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी और उसकी समीक्षा कभी भी की जा सकती है ।

6.विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति एवं भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन, जहाँ कहीं आवश्यक हैं, अलग से जारी किये जा रहे हैं ।

7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें।

8. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीया,

 (रश्मि फौजदार)
मुख्य महाप्रबंधक

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