2जी स्पेक्ट्रम आबंटन के लिए वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति - आरबीआई - Reserve Bank of India
2जी स्पेक्ट्रम आबंटन के लिए वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति
भारिबैं/2012-13/310 26 नवंबर 2012 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन के लिए वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान स्पेक्ट्रम आबंटन के लिए वाह्य वाणिज्यिक उधार लेने से संबंधित 22 अक्तूबर 2008 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.26, 9 दिसंबर 2009 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.19 के पैरा 2(v), 25 जनवरी 2010 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.28 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा नीति के अनुसार, टेलीकाम क्षेत्र के पात्र उधारकर्ताओं को स्पेक्ट्रम आबंटन के लिए भुगतान करने हेतु स्वचालित मार्ग के अंतर्गत वाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति दी जाती है। 3जी नीलामी में सफल बोली लगाने वालों को भी स्पेक्ट्रम आबंटन हेतु प्रारंभिक भुगतान रुपया स्रोतों/संसाधनों से करने की अनुमति दी गयी थी जिसे कतिपय शर्तों के तहत, अनुमोदन मार्ग से, दीर्घावधि वाह्य वाणिज्यिक उधार द्वारा पुनर्वित्तपोषित किया जाना था। 3. वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति की समीक्षा करके और सरकार को सीधे ही सीमित अवधि में भुगतान की जानी वाली निधियों के भारी परिव्यय के मद्देनज़र, 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के संबंध में निम्नलिखित ढील दी जाती है:- (i) रुपया स्रोतों/संसाधनों का पुनर्वित्तपोषण सफल बोली लगाने वाले जो, शुरुआत में, 2जी स्पेक्ट्रम अवार्ड के लिए प्रारंभिक भुगतान (upfront payment) घरेलू उधारदाताओं से लिए गए रुपया ऋणों से करेंगे, स्वचालित मार्ग से दीर्घावधि वाह्य वाणिज्यिक उधार ले कर ऐसे रुपया ऋणों का पुनर्वित्तपोषण, निम्नलिखित शर्तों के तहत, करने के लिए पात्र होंगे: (ए) उक्त प्रयोजन हेतु घरेलू उधारदाताओं से लिए गए ऐसे रुपया ऋणों की मंजूरी की तारीख से 18 माह के भीतर दीर्घावधि वाह्य वाणिज्यिक उधार लिया जा सकेगा; (बी) नामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक ने भारत सरकार को प्रारंभिक भुगतान करने के संबंध में संचार विभाग द्वारा जारी रसीद/चालान को साक्ष्यांकित किया हो; और (सी) नामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इन निधियों के अंतिम उपयोग की निगरानी करेगा। (ii) वाह्य वाणिज्यिक उधार-देयता अनुपात और शेयरधारिता के प्रतिशत में ढील 2जी नीलामी में सफल बोली लगाने वालों को अपनी प्रमुख मूल कंपनी (ultimate parent company) से स्वचालित मार्ग के तहत वाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति, बिना किसी अधिकतम वाह्य वाणिज्यिक उधार देयता-ईक्विटी अनुपात के, होगी बशर्ते उधार देने वाली कंपनी उधार लेने वाली कंपनी की कम से कम 25% प्रदत्त ईक्विटी की प्रत्यक्ष या परोक्ष शेयरधारक हो। (iii) तात्कालिक वित्त (Bridge finance) सफल बोली लगाने वाले 2जी स्पेक्ट्रम के आबंटन के लिए प्रारंभिक भुगतान करने के प्रयोजन से तात्कालिक वित्त के रूप में स्वचालित मार्ग से अल्पावधि विदेशी मुद्रा ऋण ले सकते हैं और निम्नलिखित शर्तों के तहत उसे स्वचालित मार्ग से लिए गए दीर्घावधि वाह्य वाणिज्यिक उधार से प्रतिस्थापित कर सकेंगे:- (ए) तात्कालिक वित्त के आहरण की तारीख से 18 माह के भीतर दीर्घावधि वाह्य वाणिज्यिक उधार लिया जा सकेगा; और (बी) दीर्घावधि वाह्य वाणिज्यिक उधार, वाह्य वाणिज्यिक उधार लेने से संबंधित सभी मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप हो। 4. वाह्य वाणिज्यिक उधार देयता-ईक्विटी अनुपात, प्रमुख मूल कंपनी के शेयरधारिता के प्रतिशत, रुपया ऋणों के पुनर्वित्तपोषण और तात्कालिक वित्त से संबंधित ढील भावी 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के सफल बोली लगाने वालों के लिए विशेष छूट के भाग के रूप में लागू होगी। 5. वाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित सभी अन्य पहलू यथा स्वचालित मार्ग के अंतर्गत प्रति वित्तीय वर्ष, प्रति कंपनी 750 मिलियन अमरीकी डालर की सीमा, पात्र उधारकर्ता, मान्यताप्राप्त उधारदाता, अंतिम उपयोग, औसत परिपक्वता अवधि, समग्र लागत, पूर्वभुगतान, मौजूदा वाह्य वाणिज्यिक उधार का पुनर्वित्तपोषण और रिपोर्टिंग व्यवस्था अपरिवर्तित बने रहेंगे । 6. रिज़र्व बैंक ने अभी विनियमावली में संशोधन किया है और 12 नवंबर 2012 की अधिसूचना सं.फेमा.245/ 2012-आरबी के दवारा उसे अधिसूचित किया है । 7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीया, (रश्मि फौज़दार) |