बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) नीति – इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की उदारीकृत परिभाषा - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) नीति – इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की उदारीकृत परिभाषा
भारिबैंक/2013-14/270 18 सितंबर 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) नीति – इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की उदारीकृत परिभाषा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित, 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 5, 8 अक्तूबर 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 20 और 2 मार्च 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 38 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने के प्रयोजन हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर की वर्तमान परिभाषा में (i) बिजली, (ii) दूरसंचार, (iii) रेलवे, (iv) पुलों सहित सड़क, (v) बंदरगाह और एयरपोर्ट, (vi) औद्योगिक पार्क, (vii) शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर (पानी की आपूर्ति, स्वच्छता एवं जलमल निकासी परियोजनाएं), (viii) खनन, उत्खनन और परिष्करण, (ix) कोल्ड स्टोरेज अथवा कोल्ड रूम सुविधा में फार्म स्तर पर प्री-कूलिंग सहित कृषि और संबंधित उत्पादों, समुद्री जलीय उत्पादों और मांस के संरक्षण और भंडारण के लिए शीतगृह शामिल होंगे। 3. 27 मार्च 2012 की अधिसूचना सं. एफ.13/06/2009-आईएनएफ के जरिये भारत सरकार द्वारा अनुमोदित अद्यतनीकरण के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर उप-क्षेत्रों की संगत मास्टर सूची और संस्थागत प्रणाली को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि बाह्य वाणिज्यिक उधार की सुविधा लेने के प्रयोजनार्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की परिभाषा को विस्तृत किया जाए। बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने के प्रयोजन हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र और उप-क्षेत्रों की विस्तारित सूची में निम्नलिखित शामिल होंगे:
4. बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति संबंधी दिशानिर्देशों के सभी अन्य पहलू अपरिवर्तित बने रहेंगे। 5. ये अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और इस संबंध में प्राप्त अनुभव के आधार पर समीक्षाधीन हैं। 6. 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन 12 सितंबर 2013 के जी.एस.आर.नं. 627 (ई) के जरिये 19 जुलाई 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 281/2013-आरबी द्वारा जारी किए गए हैं। 7.प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें। 8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |