बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – रुपया ऋणों की अदायगी और/अथवा नए रुपया पूंजी व्यय – 10 बिलियन अमरीकी डालर की योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – रुपया ऋणों की अदायगी और/अथवा नए रुपया पूंजी व्यय – 10 बिलियन अमरीकी डालर की योजना
भारिबैंक/2012-13/387 21 जनवरी 2013 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 25 जून 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.134 और 11 सितंबर 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 26 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, विनिर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की भारतीय कंपनियों (मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के तहत यथा परिभाषित), जो निरंतर विदेशी मुद्रा अर्जक हैं, को घरेलू बैंकिंग प्रणाली से लिए गए रुपया ऋणों की अदायगी और/अथवा नए रुपया पूंजी व्यय के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति दी गयी है। 3. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि होटल क्षेत्र की भारतीय कंपनियों (250 करोड़ अथवा उससे अधिक भारतीय रुपयों की कुल परियोजना लागत वाली) को उनकी भौगोलिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना, इस योजना के तहत पात्र उधारकर्ताओं के रूप में शामिल किया जाए। प्राधिकृत व्यापारी बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी आवेदनपत्र रिज़र्व बैंक को भेजते समय परियोजना लागत प्रमाणित करें । 4. योजना के सभी अन्य पहलू यथावत बने रहेंगे और संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी तथा यह इस संबंध में प्राप्त अनुभव के आधार पर समीक्षाधीन है। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीया, (रश्मि फौज़दार) |