बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) – रिपोर्टिंग व्यवस्था - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) – रिपोर्टिंग व्यवस्था
भारिबैंक/2013-14/495 17 फरवरी 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) – रिपोर्टिंग व्यवस्था प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 3/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 और बाह्य वाणिज्यिक उधार रिपोर्टिंग व्यवस्था से संबंधित 31 जनवरी 2004 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 60 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. कंपनियों (corporates) द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) से संबंधित विदेशी मुद्रा जोखिमों हेतु की गई वित्तीय हेज संविदाओं और विदेशी मुद्रा अर्जन एवं व्यय के ब्योरे एकत्रित करने के लिए ईसीबी-2 विवरणी के फॉर्मेट (भाग-ई) को संशोधित किया गया है और उसे अनुबंध के रूप में दिया गया है। संशोधित ईसीबी-2 विवरणी में रिपोर्टिंग माह अप्रैल 2014 की विवरणी से लागू होगी। 3. रिपोर्टिंग प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और ईसीबी लेने वाली कंपनियाँ अपने नामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक द्वारा विधिवत प्रमाणित उक्त ईसीबी-2 विवरणी मासिक आधार पर इस प्रकार प्रस्तुत करती रहेंगी कि वे संबंधित माह की समाप्ति से 7 दिनों के भीतर सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक को पहुँच जाएं। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमत/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (रूद्र नारायण कर) |