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बाह्य वाणिज्यिक उधार नी​ति-भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (सिडबी) द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार लेना

भारिबैं/2012-13/284
ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 48

6 नवंबर 2012

सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

बाह्य वाणिज्यिक उधार नी​ति-भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक
(सिडबी) द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार लेना

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I  बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने से संबंधित, समय-समय पर यथासंशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 3/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 और 1 अगस्त 2005 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.5 की ओर आकृष्ट किया जाता है ।

2. मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार नी​ति की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है ​कि माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम विकास (MSMED) अधिनियम, 2006 में यथा परिभाषित एमएसएमई क्षेत्र को उधार देने के लिए पात्र उधारदाता के रूप में भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (सिडबी) को बाह्य वाणिज्यिक उधार सुविधा लेने वालों की सूची में निम्नलिखित शर्तों के तहत शामिल किया जाए :-

ए) सिडबी द्वारा आगे ऐसे उधार, उधारकर्ताओं को सीधे, या तो भारतीय रुपए में अथवा विदेशी मुद्रा में दिए जाएंगे;

(i) एमएसएमई क्षेत्र को 'भारतीय रुपए' में उधार दिए जाने के मामले में सिडबी द्वारा इस संबंध में विदेशी मुद्रा जोखिम के लिए पूर्ण उधार रा​शि को हेज किया जाएगा; और

(ii) सिडबी द्वारा विदेशी मुद्रा में आगे उधार देने का कार्य, समय-समय पर यथासंशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.3/2000-आरबी के विनियम 5(5) के अधीन होगा और केवल उन लाभार्थियों के लिए होगा जिन्हें विदेशी मुद्रा अर्जन के रूप में स्वाभाविक हेज की सुविधा उपलब्ध होती है ;

(बी) एमएसएमई क्षेत्र को आगे उधार देने के लिए सिडबी द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की सुविधा (बाह्य वाणिज्यिक उधार की बकाया राशि सहित) उसकी स्वाधिकृत निधियों के 50% तक 'स्वत: अनुमोदित' मार्ग से और स्वाधिकृत निधियों के 50% से अधिक की सुविधा 'अनुमोदन मार्ग' के तहत ली जा सकती है । सिडबी द्वारा लीये जानेवाला बाह्य वाणिज्यिक उधार प्र​ति वित्तीय वर्ष के लिए 500 मिलियन अमरीकी डालर की उच्चतम सीमा के भीतर होगा; और

(सी) सिडबी द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार की आगम रा​शि (प्रोसीड्स)) केवल एमएसएमई क्षेत्र को उधार देने के लिए उपयोग में लायी जा सकेंगी जिसका अंतिम उपयोग केवल उन कार्यों के लिए किया जा सकेगा जो मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार नी​ति के अंतर्गत अनुमत है ।

3. बाह्य वाणिज्यिक उधार की अन्य शर्तें यथा मान्यता प्राप्त उधारदाता, समय लागत, औसत परिपक्वता अवधि, अवधिपूर्व भुगतान, मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार का पुनर्वित्तपोषण, रिपोर्टिंग व्यवस्था संबंधी शर्तें यथावत बनी रहेंगी।

4. संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नी​ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी और इस संबंध में प्राप्त अनुभव के तहत यह समीक्षा के अधीन होगी ।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु अपने संबंधित ग्राहकों/घटकों के ध्यान में लाएं।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य वि​धि के अंतर्गत अपे​​क्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गए हैं।

भवदीया,

(र​श्मि फौज़दार)
मुख्य महाप्रबंधक

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