भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) - परिचालनपूर्व/निगमनपूर्व व्यय के लिए सरकारी मार्ग के तहत अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के अंतर्गत ईक्विटी शेयर जारी करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) - परिचालनपूर्व/निगमनपूर्व व्यय के लिए सरकारी मार्ग के तहत अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के अंतर्गत ईक्विटी शेयर जारी करना
भारिबैंक/2012-13/502 17 मई 2013 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) - परिचालनपूर्व/निगमनपूर्व व्यय के लिए सरकारी मार्ग के तहत अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के अंतर्गत ईक्विटी शेयर जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 9 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 55 के साथ पठित 30 जून 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 74 के पैराग्राफ 3(II) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके द्वारा उसमें वर्णित शर्तों पर, पूँजीगत माल, आदि के आयात के रूपांतरण से, सरकारी मार्ग के तहत ईक्विटी शेयर/अधिमानी शेयर जारी करने के लिए अनुमति दी गयी थी। 2. उक्त नीति की समीक्षा करने पर, अब यह निर्णय लिया गया है कि उल्लिखित पैराग्राफ में मद (सी) पर अंकित शर्त में संशोधन किया जाए। संशोधित शर्त अनुबंध में दी गयी है। 3. 30 जून 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 74 और 9 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 55 की अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/घटकों को अवगत करायें । 5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी) में आवश्यक संशोधन 23 अप्रैल 2012 की अधिसूचना सं. फेमा 229/2012-आरबी के जरिये अधिसूचित किए गए हैं। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (रुद्र नारायण कर) [17 मई 2013 का ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 104]
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