प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - e-Biz प्लेटफार्म पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग
भारिबैंक/2015-16/157 21 अगस्त 2015 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - e-Biz प्लेटफार्म पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी के मार्फत रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 18 जुलाई 2014 के ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र सं. 6 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है। 2. भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति को अथवा उसके विपरीत (vice versa) शेयरों, परिवर्तनीय डिबेंचरों, अंशतः प्रदत्त शेयरों और वारंटों के अंतरण संबंधी लेनदेनों के लिए एफ़सीटीआरएस (FCTRS) विवरणी को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत सरलता से रिपोर्ट करने को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की e-Biz परियोजना के तत्वावधान में उसे ऑनलाइन फाइल करने की सुविधा प्रारंभ की है। 3. रिपोर्टिंग प्लेटफार्म की डिज़ाइन ग्राहक को e-Biz पोर्टल में लॉगिन करने, रिपोर्टिंग फॉर्म (FCTRS) को डाउनलोड करने, उसे पूरा करने और उसके बाद डिजिटली हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र का प्रयोग करते हुए उक्त पोर्टल पर उसे अपलोड करने की सुविधा देती है। प्राधिकृत व्यापारियों से अपेक्षित होगा कि वे पूरा भरा हुआ फॉर्म डाउनलोड करें, उपलब्ध दस्तावेजों से फॉर्म की विषयवस्तु को प्रमाणित करें और यदि आवश्यक हो तो ग्राहक से अतिरिक्त सूचना मांग लें और उसे रिज़र्व बैंक द्वारा प्रोसेस करने तथा विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) आबंटित करने के लिए उसे अपलोड करें। भारतीय रिज़र्व बैंक की FCTRS सेवाएँ e-Biz प्लेटफ़ार्म पर 24 अगस्त 2015 से प्रारम्भ हो जाएंगी। इस सेवा के लिए यूज़र मैनुअल संलग्न है। 4. संप्रति यह नोट किया जाए कि भारतीय निवासियों को FCTRS में रिपोर्टिंग के लिए e-Biz प्लेटफ़ार्म पर दी गई आनलाइन सुविधा, एक अतिरिक्त सुविधा है और 18 जुलाई 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 6 में विनिर्दिष्ट शर्तों के अनुसार रिपोर्ट करने की मैन्युअल प्रणाली आगामी सूचना तक जारी रहेगी। 5. प्राधिकृत व्यापारियों से अपेक्षित होगा कि वे NIC सर्वरों पर दिए गए e-Biz पोर्टल पर NIC से प्राप्त वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क खाते का प्रयोग करते हुए कार्य करें। प्राधिकृत व्यापारी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क खाते को प्राप्त करने/उपयोग करने के वित्तीय पहलुओं के लिए 17 अप्रैल 2015 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 95 का अवलोकन करें। 6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं। उन्हें यह भी सूचित किया जाता है कि वे अपने ग्राहकों को e-Biz प्लेटफार्म पर उक्त फार्म अपलोड करने में सहायोग/सहायता करें। 7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं। भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) |
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