विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 – अनिवासी (बाह्य) रुपया /विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते में जमा (क्रेडिट) - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 – अनिवासी (बाह्य) रुपया /विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते में जमा (क्रेडिट)
भारिबैंक/2011-12/465 21 मार्च 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया/महोदय,
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 – अनिवासी (बाह्य) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा. 3/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 (6) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में निवास करनेवाला व्यक्ति, उसमें विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन, भारत से बाहर के अपने नजदीकी रिश्तेदारों से अधिकतम 250,000/- अमरीकी डॉलर अथवा उसकी समतुल्य राशि उधार ले सकता है । 2. रिज़र्व बैंक को अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं कि ऐसे ऋणों की अदायगी हेतु चुकौती राशि अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) खातों में जमा करने के लिए अनुमति दी जाए । पुनरीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक, संबंधित उधारदाता के एनआरई/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) [एफसीएनआर (बी)] खाते में ऐसे ऋणों की अदायगी के लिए राशि जमा करने की अनुमति दे सकते हैं बशर्ते निवासी व्यक्ति को ऋण, सामान्य बैंकिंग चैनल के माध्यम से विदेशी मुद्रा में आवक विप्रेषण के रूप में अथवा उधारदाता के एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते को नामे करते हुए दिया गया हो तथा उधारदाता समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा. 5/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 के आशय के तहत एनआरई/ एफसीएनआर (बी) खाता खोलने के लिए पात्र हो । ऐसी जमाराशि को पूर्वोक्त अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी की अनुसूची-2 के पैरा 5 के साथ पठित अनुसूची-1 के पैरा 3(जे) के अनुसार एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते में पात्र जमा के रूप में समझा जाएगा । 3. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों और घटकों को अवगत करायें । 4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीया, (मीना हेमचंद्र) |