विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन
भारतीय रिजर्व बैंक भा.रि.बैं/2004-05/222 16 अक्तूबर,2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन हम सूचित करते हैं कि 31 मार्च,2004 से विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग का नाम बदलकर विदेशी मुद्रा विभाग कर दिया गया है । भारत सरकार द्वारा 9 सितंबर 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी को उपर्युक्त परिवर्तन को अधिसूचित करने के लिए उसे 21 सितंबर 2004 की जी.एस.आर.626(ई) द्वारा सरकारी राजपत्र में (प्रति संलग्न) प्रकाशित किया गया है । 2. प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 24 फरवरी 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.76 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं। भारतीय रिज्रव बैंक द्वारा अब आवश्यक संशोधन जारी कर दिये गये हैं और सरकार द्वारा 13 सितंबर 2004 की जी.एस.आर.608(ई) द्वारा (प्रति संलग्न) सरकारी राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है। 3. सभी प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों तथा ग्राहकों को अवगत कराएं। 4. इस परिपत्र में समाहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो,परप्रतिकूलप्रभावडालेबिनाजारीकिएगएहैं। भवदीया (ग्रेस कोसी) भारत का राजपत्र सं.399 नई दिल्ली, सोमवार, 2004 वित्त मंत्रालय , आर्थिक कार्य विभाग अधिसूचना जी.एस.आर608(ई) : विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) के परंतुक 5 के साथ पठित, धारा 46 की उपधारा (2) के खंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से इसे जनहित में आवश्यक समझते हुए, केंद्र सरकार एतद्द्वारा, विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) , विनियमावली 2000 में निम्नलिखित संशोधन करती है अर्थात् 1. (1) ये विनिमय, विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन),(संशोधन) विनियमावली, 2004 कहलायेंगे । (ii) ये सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे । 2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन),, विनियमावली 2000 में, (क) अनुसूची- II में, मद सं.5 तथा उससे संबंधित प्रविष्टियों के बाद, निम्नलिखित मद सं.और प्रविष्टियां अंत:स्थापित की जायेंगी अर्थात्; '6,निम्नलिखितप्रेषानुकरोंद्वाराकिरायेंकेप्रभारोंकाप्रेषण (क) टी.वी.चैनेल्स-सूचना और प्रसारण मंत्रालय , (ख) इंटरनेट सेवा प्रदाता-संचार तथा सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय (ii) मद सं.10 तथा उससे संबंधित प्रविष्टियां हटा दी जायेंगी । (ख) अनुसूची- III में,(i) मद सं.1 तथा उससे संबंधित प्रविष्टियां हटा दी जायेंगी । (ii) मद सं.11 तथा उससे संबंधित प्रविष्टियों को निम्नलिखित मद संख्या और प्रविष्टियों से प्रतिस्थापित किया जायेगा अर्थात्; '11, भारत में, रिहायसी फ्लैटों अथवा व्यावसायिक भूखंडों की बिक्री पर विदेशों में एजेंटों का कमीशन प्रति लेनदेन,25,000 अमरीकी डॉलर अथवा आवक विप्रेषण का 5 प्रतिशत इनमें से जो भी अधिक हो ; (iii) मद संख्या 12,13 और 14 तथा संबंधित प्रविष्टियां हटा दी जायेंगी । (iv ) मद संख्या 16 तथा उससे संबंधित प्रविष्टियों को निम्नलिखित. संख्याओं और प्रविष्टियों से अंत:स्थापित किया जायेगा अर्थात्:- '16, भारत में टेडमार्क अथवा फ्रेचाइजी की खरीद के लिए विप्रेषण। (v ) मद संख्या 18 और उससे संबंधित प्रविष्टियां हटा दी जायेंगी । [सं.एफ.1/12/ईएम/2004] यू.के.सिन्हा संयुक्त सचिव टिप्पणी: मूल विनियमावली 3 मई ,2000 के जीएसआर. सं.381(ई) के द्वारा सरकारी राजपत्र के भाग (ii) खंड 3, उप-खंड (i)में प्रकाशित की गई थी और तत्पश्चात् 5 सितंबर 2003 की जीएसआर. सं. 731(ई) के द्वारा संशोधित की गई है। |