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बैंकों द्वारा प्रस्तावित निवेश परामर्श सेवाओं पर दिशानिर्देश

आरबीआई/2015-16/379
बैं.विवि.सं.एफएसडी.बीसी.94/24.01.026/2015-16

21 अप्रैल 2016

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

प्रिय महोदय/ महोदया,

बैंकों द्वारा प्रस्तावित निवेश परामर्श सेवाओं पर दिशानिर्देश

कृपया मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 का पैरा 86, 87 तथा 88  और उसके बाद 28 जून 2013 को जारी बैंको द्वारा दी जानेवाली धन प्रबंधन /विपणन / वितरण सेवाओं पर दिशानिर्देशों का प्रारूप देखें जिस पर हितधारकों की राय मांगी गयी थी। दिशानिर्देशों के प्रारूप में अन्य बातों के साथ-साथ बैंकों द्वारा दी जानेवाली निवेश परामर्श सेवाएं (आईएएस) तथा इन गतिविधियों और बैंक की विपणन/ वितरण गतिविधियों के बीच हितों के  टकराव से उत्पन्न होनेवाली चिंताओं पर चर्चा की गई है।

2. सेबी (निवेश परामर्शदाता) विनियमावली 2013 के अंतर्गत आईएएस को सेबी द्वारा परिभाषित तथा विनियमित किया जाता है और इन सेवाओं का प्रस्ताव करने वाली कंपनियों को सेबी में पंजीकृत किया जाना आवश्यक है। उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए यह सूचित किया जाता है कि, अब से बैंक विभागीय आईएएस नहीं दे सकते। तद्नुसार ये सेवाएं देने के इच्छुक बैंक इस प्रयोजन के लिए अलग सहायक कंपनी गठित करके अथवा विद्यमान सहायक कंपनियों में से किसी एक के माध्यम से यह सुनिश्चित करने के बाद कि सहायक कंपनी और बैंक के बीच नजदीकी संबंध नहीं है यह सेवा दे सकते हैं।

3. विद्यमान सहायक कंपनी या इस प्रयोजन के लिए गठित कंपनी के माध्यम से आईएएस का प्रस्ताव देने से पहले प्रायोजक बैंकों को बैंकिंग विनियमन विभाग का विनिर्दिष्ट पूर्वानुमोदन लेना चाहिए। (किसी भी सहायक कंपनी की स्थापना करना अब तक की तरह, बैंकों के पैरा-बैंकिंग कार्यकलापों पर मौजूदा दिशानिर्देशों के अधीन होगा)

4. बैंकों द्वारा प्रायोजित आईएएस का प्रस्ताव देने वाली सभी सहायक कंपनियां सेबी में पंजीकृत होंगी तथा सेबी (निवेश परामर्शदाता) विनियमावली 2013 के अंतर्गत विनियमित होंगी और सेबी के सभी प्रासंगिक/संबंधित नियमों और विनियमों का कड़ाई से पालन करेंगी।

5. बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के अनुसार बैंकों द्वारा प्रयोजित सहायक कंपनियों द्वारा उपलब्ध करायई गई आईएएस केवल बैंकों के लिए अनुमति प्राप्त उत्पाद और सेवाओं के लिए ही होनी चाहिए।

6. जिन ग्राहकों को आईएएस उपलब्ध कराया जा रहा है उनके सबंध में केवाईसी/ एएमएल / सीएफटी पर सबंधित विनियामक द्वारा जारी, समय-समय पर संशोधित अनुदेशों /दिशानिर्देश जो सहायक कंपनियों पर लागू हैं, का पालन किया जाए।

7. वर्तमान में आईएएस देने वाले बैंक इस परिपत्र की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के भीतर अपने परिचालनों को पुन: व्यवस्थित कर लें।

भवदीया

(लिली वढेरा)
मुख्य महा प्रबंधक

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