यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससीआर 1988 (2011) समिति की तालीबान प्रतिबंध सूची को अद्यतित करना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससीआर 1988 (2011) समिति की तालीबान प्रतिबंध सूची को अद्यतित करना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक
भा.रि.बैं/2014-15/390 07 जनवरी 2015 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन – यूएनएससीआर 1988 (2011) समिति की तालीबान प्रतिबंध सूची को अद्यतित करना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर 1 अगस्त 2013 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी).परि.सं.3/14.01.0062/2013-14 और 30 जुलाई 2013 का परिपत्र सं ग्राआऋवि.केंका.क्षेग्राबैं.आरसीबी.एएमएलसं 1209/07.51.019/2013-14 देखें जिसके द्वारा 7वां अद्यतन टिप्पण जारी किया गया था, तथा 27 अगस्त 2014 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी).परि.सं.10/14.01.0062/2014-15 और 26 अगस्त 2014 का परिपत्र सं ग्राआऋवि.केंका.एएमएल.सं.2229/07.51.019/2014-15 देखें जिसके द्वारा 2014 का चौथा अद्यतन टिप्पण जारी किया गया था, तथा 30 अक्तूबर 2014 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी).परि.सं.28/14.01.0062/2014-15 और 31 अक्तूबर 2014 का परिपत्र सं.ग्राआऋवि.केंका.एएमएल.सं.2246/07.51.019/2014-15 देखें जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 की समिति की तालीबान प्रतिबंध सूची अर्थात् तालीबान से जुड़े हुए व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची से संबंधित है। 2. यूएनपी प्रभाग, विदेश मंत्रालय ने हमें 18 अक्तूबर 2013 का 9वां अद्यतन टिप्पण 2013 और 16 मई 2014 का तीसरा अद्यतन टिप्पण 2014 अग्रेषित किया है जो तालीबान प्रतिबंध सूची में की गई प्रविष्टियों के संशोधन से संबंधित है (प्रतिलिपि संलग्न)।प्रेस विज्ञप्तियों से संबंधित लिंक निम्नानुसार है: प्रेस विज्ञप्ति, जिसमें सूची में संदर्भित परिवर्तनों की घोषणा की गई है, का लिंक समिति की वेबसाइट पर निम्नलिखित यूआरएल पर उपलब्ध कराया गया है: http://www.un.org/sc/committees/1988/pressreleases.shtml तालीबान से जुड़े हुए व्यक्तियों व संस्थाओं की अद्यतित सूची जिसमें सभी उपर्यक्त अद्यतनों को शामिल किया है, का लिंक 14 अगस्त 2014 के परिपत्र के माध्यम से परिचालित किया गया है तथा यह http://www.un.org/sc/committees/1988/pdf/1988List.pdf में उपलब्ध है। 3. प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों, राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा परिचालित अनुसार व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची को अद्यतित करें। कोई नया खाता खोलने से पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम उक्त सूची में न हो। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची में शामिल संस्था या व्यक्ति द्वारा कोई खाता नहीं रखा जा रहा है या उनका किसी खाते से संबंध नहीं है। 4. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे हमारे 16 नवंबर 2009 के परिपत्र सं.शबैंवि.केंका.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.21/12.05.001/2009-10 और 29 अक्तूबर 2009 के परिपत्र सं. ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.एएमएल.बीसी.सं.34/07.40.00/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें। 5. जहां तक निर्दिष्ट व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गई निधियों, वित्तीय आस्तियों या आर्थिक संसाधनों और संबंधित सेवाओं पर रोक लगाने का संबंध है, शहरी सहकारी बैंकों द्वारा 16 नवंबर 2009 के परिपत्र के पैरा 7 में बताए अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए, जबकि राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 29 अक्तूबर 2009 के परिपत्र के पैरा 4 में बताए अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। भवदीय, (पीके अरोड़ा) संलग्नक : यथोक्त |