नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात - आरबीआई - Reserve Bank of India
नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात
भारिबैंक/2013 -14/148 22 जुलाई 2013 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जो विदेशी मुद्रा के प्राधिकृत व्यापारी हैं/ महोदया/महोदय, नामित बैंकों/एजेंसियों/एंटिटीज़ द्वारा स्वर्ण का आयात प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान, उल्लिखित विषय पर रिज़र्व बैंक के 13 मई, 04 जून और 27 जून 2013 के क्रमश: ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 103, 107 और 122 की ओर आकृष्ट किया जाता है। इन अनुदेशों के अनुसार, घरेलू क्षेत्र में उपयोग के लिए स्वर्ण के आयात हेतु अनुमत नामित बैंकों/नामित एजेंसियों/प्रीमियर अथवा स्टार ट्रेडिंग गृहों/ एसईजेड ईकाइयों/निर्यातोन्मुखी ईकाइयों द्वारा स्वर्ण के विभिन्न रूपों में आयात पर कतिपय प्रतिबंध लगाए गए थे। इन अनुदेशों में से कोई भी अनुदेश निर्यात के प्रयोजन से स्वर्ण के आयात अथवा एसईजेड ईकाइयों द्वारा निर्यात के प्रयोजन से ही स्वर्ण के आयात पर लागू नहीं था। 2. उल्लिखित अनुदेशों की समीक्षा और भारत सरकार के परामर्श के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि देश में स्वर्ण के सिक्कों/डोर (सोने और चांदी की मिश्र धातु) के आयात सहित किसी भी रूप में/शुद्धता में स्वर्ण के आयात को युक्तियुक्त बनाया जाए। तदनुसार, निम्नलिखित अनुदेश जारी किए जाते हैं: ए) सभी नामित बैंक/नामित एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि स्वर्ण के आयात की प्रत्येक खेप (lot) (स्वर्ण के सिक्कों/डोर के आयात सहित किसी भी रूप में/शुद्धता में स्वर्ण के आयात) का कम से कम 1/5 भाग केवल निर्यात के प्रयोजन के लिए उपलब्ध हो। ऐसे आयात नामित एजेंसियों द्वारा निर्यातकों को किए गए वित्तपोषण (अर्थात विगत तीन वर्षों के औसत अथवा किसी एक वर्ष में से जो भी उच्चतर हो) से संलग्न होंगे। इसके अलावा, वे किसी भी रूप में स्वर्ण की आपूर्ति केवल आभूषण कारोबार में संलग्न एंटिटीज़/ ज्वेलर्स को सोने की आपूर्ति करने वाले बुलियन डीलरों को घरेलू उपयोग हेतु उपलब्ध कराएंगी। बी) उनसे अपेक्षित होगा कि वे आयातित स्वर्ण का 20 प्रतिशत कस्टम बांडेड वेयरहाउसों में रोक रखें। सी) कस्टम बांडेड वेयरहाउसों में शेष स्वर्ण के कम से कम 75 प्रतिशत की सीमा तक के स्वर्ण के निर्यात के बाद ही उन्हें स्वर्ण के नये आयात की अनुमति है। डी) किसी भी प्रकार की योजना के तहत स्वर्ण के किसी आयात के लिए उल्लिखित (ए) और (बी) में निर्धारित 20/80 का सिद्धांत अपनाना होगा। परेषण आधार पर स्वर्ण के आयात के संबंध में मौजूदा अनुदेश, साख पत्र प्रतिबंध, आदि वापस लिए जाते हैं। ई) मौजूदा अनुदेशों के अनुसार परिकल्पित योजना के परिचालन से संबंधित उदाहरण अनुबंध में दिया गया है। 3. एसईजेड ईकाइयों/निर्यातोन्मुखी ईकाइयों, प्रीमियर और स्टार ट्रेडिंग गृहों को केवल निर्यात के उद्देश्य से स्वर्ण का आयात करने के लिए अनुमति दी गयी है। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पक्के-तौर पर यह सुनिश्चित करें कि उनके घटकों द्वारा/के लिए किए गए विदेशी मुद्रा लेनदेन इन अनुदेशों के अनुरूप हैं। नामित एजेंसियों के प्रधान कार्यालय/बैंकों के अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग प्रभाग अपने विभिन्न केंद्रों पर किए गए लेनदेनों सहित संशोधित योजना के परिचालन की निगरानी के लिए उत्तरदायी होंगे। 5. भारत सरकार द्वारा कस्टम प्राधिकारियों/डीजीएफटी को इन आयात प्रतिबंधों के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए अलग से अनुदेश, यदि कोई हों, जारी किए जाएंगे। 6. उल्लिखित अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें । 7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) योजना की कार्य प्रणाली (working) का उदाहरण:
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