माल तथा सेवाओं का आयात – आयात संबंधी भुगतानों के निपटान के लिए समय-सीमा में विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल तथा सेवाओं का आयात – आयात संबंधी भुगतानों के निपटान के लिए समय-सीमा में विस्तार
भा.रि.बैंक/2019-20/242 22 मई 2020 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, माल तथा सेवाओं का आयात – आयात संबंधी भुगतानों के निपटान के लिए समय-सीमा में विस्तार कृपया आज जारी किए गए ‘विकासात्मक तथा विनियामक नीतियों पर वक्तव्य’ के पैरा-5 का संदर्भ ग्रहण करें। इस संबंध में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I के बैंकों का ध्यान 1 जनवरी 2016 के “माल तथा सेवाओं के आयात पर मास्टर निदेश”(समय-समय पर यथा-संशोधित) के पैरा बी.5.1(i) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उन मामलों को छोड़ कर, जहां कार्यनिष्पादन की गारंटी आदि जैसे कारणों के लिए राशि को रोक कर रखा गया है, सामान्य आयातों (अर्थात- स्वर्ण/ हीरे तथा मूल्यवान रत्नों / आभूषणों के आयात को छोड़ कर) के समक्ष किए जाने वाले विप्रेषणों को शिपिंग की तारीख से छह महीनों से अनधिक अवधि के भीतर पूर्ण किया जाना चाहिए। 2. कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न बाधाओं के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि 31 जुलाई 2020 को अथवा उससे पूर्व किए गए आयातों के संबंध में ऐसे सामान्य आयातों (उन मामलों को छोड़ कर जहां कार्यनिष्पादन की गारंटी आदि जैसे कारणों के लिए राशि को रोक कर रखा गया है) के समक्ष किए जाने वाले विप्रेषणों के निपटान हेतु निर्धारित की गई समय-सीमा को विस्तारित करते हुए उसे शिपिंग की तारीख से छह महीनों से बढ़ा कर बारह महीने किया जाए। 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं। 4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय (अजय कुमार मिश्र) |