विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश: मध्यम अवधि फ्रेमवर्क (एमटीएफ) - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश: मध्यम अवधि फ्रेमवर्क (एमटीएफ)
आरबीआई/2021-22/44 31 मई, 2021 प्रति, महोदया / महोदय विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश: मध्यम अवधि फ्रेमवर्क (एमटीएफ) प्राधिकृत डीलर श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्यान 17 अक्टूबर 2019 की अधिसूचना सं. फेमा. 396/ 2019-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019 की अनुसूची-1 तथा समय-समय पर यथा संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। 2. रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निम्नलिखित निदेशों का अवलोकन भी अपेक्षित है: क) 30 मार्च 2020 का एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 25; ख) 30 मार्च 2020 का परिपत्र सं. एफएमआरडी. एफएमएसडी.सं. 25/14.01.006/2019-20; ग) 15 अप्रैल 2020 का एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 30 और घ) 31 मार्च 2021 का एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 14 3. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए निवेश सीमाओं में संशोधन क. वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) और राज्य विकास ऋणों (एसडीएल) में एफपीआई निवेश की सीमा बिना किसी परिवर्तन के प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक का क्रमश: 6% और 2% रहेगी। ख. अब तक की तरह, 30 मार्च 2020 के एपी (डीआईआर श्रेणी) परिपत्र सं. 25 के तहत निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में पात्र निवेशकों द्वारा सभी निवेश ‘पूर्णतया अभिगमयोग्य मार्ग’ (एफएआर) के अंतर्गत होंगे। ग. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जी-सेक सीमा (पूर्ण रूप में) में दो उप-श्रेणियों – ‘सामान्य’ और ‘दीर्घावधि’– में बढ़ोतरी का आबंटन 50:50 पर बरकरार रखा जाएगा। घ. एसडीएल की सीमा में संपूर्ण वृद्धि (पूर्ण रूप में) को एसडीएल की 'सामान्य' उप-श्रेणी में जोड़ा गया है। 4. तदनुसार, विभिन्न श्रेणियों के लिए संशोधित सीमाएं (पूर्ण रूप में), कॉर्पोरेट बांडों के लिए सीमा सहित 31 मार्च 2021 के ए.पी. (डीआईआर श्रेणी) परिपत्र संख्या 14 में की गई घोषणा के अनुसार निम्नानुसार होंगी (तालिका-1):
5. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंकों से अपेक्षित है कि वे इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को भी अवगत कराएं। 6. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है तथा यदि किसी अन्य कानून के तहत कोई अनुमति / अनुमोदन अपेक्षित है तो इनसे उनपर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। भवदीया (डिम्पल भांडिया) |