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नवरत्न सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), ओएनजीसी विदेश लि. और ऑयल इंडिया लि. द्वारा विदेश में ऑयल सेक्टर की अनिगमित कंपनियों (entities) में निवेश

भारिबैंक/2012-13/480
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.99

23 अप्रैल 2013

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

नवरत्न सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), ओएनजीसी विदेश लि. और ऑयल
इंडिया लि. द्वारा विदेश में ऑयल सेक्टर की अनिगमित कंपनियों (entities) में निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा. 120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004] (अधिसूचना) और 18 मई 2007 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 59 तथा 3 जून 2008 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 48 के पैरा 3(i) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत सरकार द्वारा विधिवत अनुमोदित नवरत्न सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), ओएनजीसी विदेश लि. और ऑयल इंडिया लि. द्वारा विदेश में ऑयल सेक्टर (ऑयल और नेचुरल गैस की खोज और खुदाई करने (drilling), आदि) की समुद्रपारीय अनिगमित कंपनियों (entities) में स्वचालित मार्ग के अंतर्गत बिना किसी सीमा के निवेश करने की अनुमति है।

2. समीक्षा करने पर, अब यह निर्णय लिया गया है कि भारत सरकार द्वारा विधिवत अनुमोदित नवरत्न सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), ओएनजीसी विदेश लि. और ऑयल इंडिया लि. द्वारा ऑयल सेक्टर के निगमित संयुक्त उद्यमों/की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों (JV/WOS) (ऑयल और नेचुरल गैस की खोज और खुदाई करने (drilling), आदि) में स्वचालित मार्ग के अंतर्गत बिना किसी सीमा के समुद्रपारीय निवेश करने जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएं।

3. संदर्भित परिपत्रों और अधिसूचना में विनिर्दिष्ट अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें ।

5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं।

भवदीया,

(रश्मि फौज़दार)
मुख्य महाप्रबंधक

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