अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) संबंधी दिशा-निर्देश – समय विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी)समय बढ़ाया जाना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (श.स.बैं) - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) संबंधी दिशा-निर्देश – समय विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी)समय बढ़ाया जाना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (श.स.बैं)
आरबीआई/2014-15/113 02 जुलाई 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) संबंधी दिशा-निर्देश – समय विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी) समय बढ़ाया जाना - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (श.स.बैं) कृपया उपर्युक्त विषय पर 09 अक्तूबर 2012 का हमारा परिपत्र शबैंवि. बीपीडी. (पीसीबी). परि. सं. 14/14.01.062/2012-13 देखें, जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे अपने सभी ग्राहकों के साथ नए संबंध शुरू करते समय यूसीआईसी आबंटित करने के लिए कदम उठाएं तथा मई 2013 के अंत तक विद्यमान ग्राहकों को यूसीआईसी आबंटित करें । हमारे 6 जून 2013 के परिपत्र शबैंवि. बीपीडी. (पीसीबी). परि. सं. 54/14.01.062/2012-13 के द्वारा यूसीआईसी आबंटन पूर्ण करने की अवधि 31 मार्च 2014 तक बढ़ाई गई थी । 2. इस संबंध में रिज़र्व बैंक के ध्यान में यह आया है कि कुछ बैंकों को अब भी यूसीआईसी आबंटन का कार्य पूरा करना शेष है तथा उन्होंने कुछ और समय मांगा है । प्राप्त अनुरोधों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि विद्यमान ग्राहकों को यूसीआईसी आबंटित करने कि प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए समयावधि 31 दिसंबर 2014 तक बढ़ा दी जाए । 3. अतएव, शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि इस प्रक्रिया में तेजी लाएं तथा सभी विद्यमान वैयक्तिक ग्राहकों को यूसीआईसी आबंटित करने का कार्य निर्धारित समय में पूर्ण करें । वे इस कार्य को पूरा करने के लिए एक योजना बनाएं तथा अपने बोर्ड को मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें । इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि इस कार्य को पूर्ण करने के लिए दो वर्ष का समय दिया जा चुका है, इस संबंध में और समय बढ़ाने पर विचार नहीं किया जाएगा । 4. बैंकों के लिए इन अनुदेशों का अनुपालन करना अनिवार्य है तथा अनुपालन न करने पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। भवदीय, (पी.के.अरोड़ा) |