वृहत् एक्सपोज़र ढांचा - ऑफसेटिंग के लिए क्रेडिट जोखिम न्यूनीकरण (सीआरएम) - भारत में विदेशी बैंक शाखाओं के अपने प्रधान कार्यालय के साथ गैर-केंद्रीय रूप से समाशोधित व्युत्पन्न लेनदेन - आरबीआई - Reserve Bank of India
वृहत् एक्सपोज़र ढांचा - ऑफसेटिंग के लिए क्रेडिट जोखिम न्यूनीकरण (सीआरएम) - भारत में विदेशी बैंक शाखाओं के अपने प्रधान कार्यालय के साथ गैर-केंद्रीय रूप से समाशोधित व्युत्पन्न लेनदेन
आरबीआई/2021-22/97 09 सितंबर 2021 सभी वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया वृहत् एक्सपोज़र ढांचा - ऑफसेटिंग के लिए क्रेडिट जोखिम न्यूनीकरण (सीआरएम) - भारत में विदेशी बैंक शाखाओं के अपने प्रधान कार्यालय के साथ गैर-केंद्रीय रूप से समाशोधित व्युत्पन्न लेनदेन कृपया वृहत् एक्सपोज़र ढांचा (एलईएफ) पर 03 जून 2019 का परिपत्र सं.डीबीआर.सं.बीपी.बीसी.43/21.01.003/2018-19 देखें। 2. यह सूचित किया जाता है कि एलईएफ सीमा की गणना हेतु भारत में विदेशी बैंक शाखाओं के प्रधान कार्यालय (विदेशी शाखाओं सहित) के सकल एक्सपोजर को ऑफसेट करने के लिए विदेशी बैंकों की भारतीय शाखाओं को नकद/भार-रहित अनुमोदित प्रतिभूतियों की गणना करने की अनुमति दी जाएगी, जिसका स्रोत प्रधान कार्यालय से ब्याज-मुक्त निधि या भारतीय बही-खातों (रिजर्व) में रखे गए विप्रेषणीय अधिशेष हैं, जो बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 ('बीआर अधिनियम') की धारा 11 (2)(बी)(i) के तहत आरबीआई के पास सीआरएम के रूप में धारित है, निम्नलिखित शर्तों के अधीन है:
3. बीआर अधिनियम की धारा 11(2)(बी)(i) के तहत धारित और सीआरएम के रूप में निर्धारित राशि का खुलासा अनुसूची 1: तुलन-पत्र में पूंजी में एक नोट के माध्यम से नीचे दिए गए अनुसार किया जाएगा:
4. सांविधिक लेखापरीक्षकों के प्रमाणीकरण और डीओएस, आरबीआई के अनुमोदन के अधीन सीआरएम संबंधी आवश्यकताओं के बाद की अधिक राशि के आहरण की अनुमति दी जाएगी। यह ध्यान दें कि एलईएफ सीमा के अनुपालन का दायित्व हर समय बैंक पर बना रहेगा। 5. यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी बैंकों को अपने प्रधान कार्यालय (विदेशी शाखाओं सहित) पर डेरिवेटिव एक्सपोजर की गणना करते समय 1 अप्रैल 2019 से पहले निष्पादित डेरिवेटिव अनुबंधों को शामिल न किए जाने की अनुमति दी जाए। भवदीय (मनोरंजन मिश्रा) |