मास्टर निदेश – बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण और संरचित बाध्यताएं (22 दिसंबर 2023 को अद्यतन) - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेश – बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण और संरचित बाध्यताएं (22 दिसंबर 2023 को अद्यतन)
इस तिथि के अनुसार अपडेट किया गया:
- 2023-12-22
- 2022-09-30
- 2022-08-01
- 2022-06-09
- 2021-12-10
- 2021-04-12
- 2019-08-08
- 2019-03-26
- 2016-01-01
भा.रि.बैंक/विमुवि/2018-19/67 26 मार्च 2019 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया / महोदय, मास्टर निदेश – बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण और संरचित बाध्यताएं बाह्य वाणिज्यिक उधार [ईसीबी] और व्यापार ऋण (टीसी) पर विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 [फेमा] की धारा 6 की उप-धारा 2 लागू होती है। इन दो प्रकार के उधारों के संबंध में विभिन्न प्रावधानों को फेमा के अंतर्गत बनाये गये निम्नलिखित विनियमों में शामिल किया गया है :
2. साथ ही, विनियमावली की रूपरेखा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम [फेमा], 1999 की धारा 11 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को भी निदेश जारी करता है। बनाए गये विनियमों को कार्यान्वित करने के लिए इन निदेशों में प्राधिकृत व्यक्तियों को अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार से करना है उसके तौर तरीके निर्धारित किये जाते हैं। 3. इस मास्टर निदेश में समय-समय पर संशोधित दिनांक 1 जनवरी 2016 के बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, प्राधिकृत व्यापारियों और प्राधिकृत व्यापारियों को छोड़ कर अन्य व्यक्तियों द्वारा विदेशी मुद्रा में ऋण और उधार पर मास्टर निदेश में निहित पूर्व के निदेशों के अधिक्रमण में बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापार ऋण के संबंध में जारी किये गये अनुदेश संकलित किये गये हैं। तथापि ,उक्त मास्टर निदेश को दी गई लिंक का उपयोग करते हुए देखा जा सकता है। संबंधित परिपत्रों/अधिसूचनाओं की सूची, जो इस मास्टर निदेश का आधार है, परिशिष्ट में दी गयी है। रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में देखे जा सकते हैं (समय-समय पर संशोधित दिनांक 01 जनवरी 2016 का मास्टर निदेश सं.18)। 4. यह नोट किया जाए कि जहां आवश्यक हो वहां विनियमों में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों / घटकों के साथ किये जानेवाले संबंधित लेनदेन के तौर-तरीके में यदि कोई परिवर्तन होता है तो रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारियों को ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र के माध्यम से निदेश जारी करेगा। इसके साथ जारी किये गये मास्टर निदेशों में साथ साथ संशोधन किया जाएगा। इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (अजय कुमार मिश्र) |