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पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी) /समानीकृत मासिक किस्त (ईएमआई) चेक का इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (डेबिट) में परिवर्तन

आरबीआई /2013-14/158
डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. / 209 / 04.07.05 / 2013-14

24 जुलाई 2013

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / स्थानीय क्षेत्र बैंक

महोदय/महोदया

पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी) /समानीकृत मासिक किस्त (ईएमआई) चेक का इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (डेबिट) में परिवर्तन

कृपया दिनांक 18 मार्च 2013 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. 1622/04.07.05/2012-13 का संदर्भ लें जिसमें सभी ऋण देने वाले बैंकों को सूचित किया गया है कि वे उन स्थानों में कोई भी नए पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी) /समानीकृत मासिक किस्त (ईएमआई) चेक स्वीकार न करें जहां ईसीएस / आरईसीएस (डेबिट) की सुविधा उपलब्ध है और ऐसे स्थानों में नए मैनडेट प्राप्त कर मौजूदा चेकों को ईसीएस / आरईसीएस  (डेबिट) में परिवर्तित कर लें।

2. हालांकि, ऐसे स्थानों में जहां ईसीएस / आरईसीएस की सुविधा उपलब्ध है वहाँ भी बैंकों द्वारा नए चेक (सीटीएस -2010 एवं गैर सीटीएस 2010, दोनों) प्राप्त करने के संबंध में हमें सूचनाएँ मिली हैं, अत: इस संबंध में हमारे द्वारा पूर्व में दिये गए अनुदेशों को पुन: दुहरा देना आवश्यक हो गया है।

3. तदनुसार, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित निर्देशों का पालन करें:

क. ऐसे स्थानों में जहां ईसीएस / आरईसीएस (डेबिट) की सुविधा उपलब्ध है वहाँ कोई भी नए/अतिरिक्त पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी) /समानीकृत मासिक किस्त (ईएमआई) चेक (या तो पुराने स्वरूप या नए सीटीएस -2010 प्रारूप में) स्वीकार न किया जाएं। ऐसे स्थानों में मौजूदा पीडीसी / ईएमआई चेकों को नए मैनडेट प्राप्त कर मौजूदा चेकों को ईसीएस / आरईसीएस (डेबिट) में परिवर्तित किया जा सकता है।

ख. जैसा कि दिनांक 21 सितम्बर, 2011 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं. 497/02.12.004/2011-12 में इंगित किया गया है कि, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 25 आदाता (लाभार्थी) को निधियों की अपर्याप्तता के तहत इलेक्ट्रोनिक निधि अंतरण निर्देशों को अस्वीकार किए जाने के संबंध में उसी प्रकार के अधिकार और निदान प्रदान करती है जो कि परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के अंतर्गत उपलब्ध हैं। उपलब्ध सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, बैंकों को ग्राहकों से ईसीएस (डेबिट) मैनडेट के अलावा अतिरिक्त चेक, यदि कोई हों, स्वीकार करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

ग. जिन स्थानों में ईसीएस / आरईसीएस की सुविधा उपलब्ध नहीं है वहाँ केवल सीटीएस -2010 मानक प्रारूप का पालन करने वाले चेक ही स्वीकार किए जाएंगे।

4. उपर्युक्त दिशानिर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के तहत जारी किए जा रहे हैं।

5. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें।

भवदीय

(विजय चुग)
मुख्य महाप्रबंधक

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