भारत में मोबाइल बैंकिंग लेनदेन - बैंकों के लिए प्रवर्ती दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में मोबाइल बैंकिंग लेनदेन - बैंकों के लिए प्रवर्ती दिशानिर्देश
भारिबैं/2011 -12/312 22 दिसंबर 2011 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय भारत में मोबाइल बैंकिंग लेनदेन - बैंकों के लिए प्रवर्ती दिशानिर्देश उपर्युक्त विषय पर हमारे दिनांक 08 अक्टूबर 2008 के परिपत्र सं. भारिबैं/ 2008-09 / 208, भुनिप्रवि. केंका. सं. 619 / 02.23.02 / 2008-09 के साथ संलग्न दिशानिर्देशों तथा उसके बाद 24 दिसंबर 2009 के परिपत्र भारिबैं / 2009-10 / 273, भुनिप्रवि.केंका.सं.1357 / 02.23.02 / 2009-10 और 04 मई 2011 के परिपत्र भारिबैं /2010-11/511, भुनिप्रवि. केंका. सं.2502 / 02.23.02 / 2010-11 के माध्यम से जारी निदेशों की ओर आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है। 2. बैंक तेजी से अपने ग्राहकों के लिए मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं (वित्तीय) का विस्तार कर रहे हैं। भारतीयराष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित और संचालित अंतरबैंक मोबाइल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) ने भी विभिन्न बैंकों केखातों के बीच मोबाइल फोन के माध्यम से तत्काल धन अंतरण को सक्षम बनाया है। मोबाइल बैंकिंग लेनदेनोंकी मात्रा और मूल्य में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। 3. दिनांक 24 दिसंबर 2009 के हमारे परिपत्र के पैरा 2.1 के संदर्भ में, प्रतिदिन ₹ 50,000 / - की लेनदेन सीमा प्रति ग्राहक निर्धारित की गई थी। समीक्षा करने पर इस सीमा को हटाने का निर्णय लिया गया है। फिर भी बैंक अपने बोर्ड के अनुमोदन सेअपने स्वयं कीजोखिम धारणा पर आधारित प्रति लेनदेन सीमा रख सकते है। 4. यह भी स्पष्ट किया जाताहै कि दिनांक 24 दिसंबर 2009 के हमारे परिपत्र के पैरा 3 "धन के नकद संवितरण के लिए धनप्रेषण" के तहत निर्देशों का स्थान हमारे 05 अक्टूबर 2011 के परिपत्र भारिबैं / 2011-12 / 213 भुनिप्रवि. केंका. सं. 622 / 02.27.019 / 2011-2012 में निहित निर्देशों ने ले लिया है। 5. मोबाइल बैंकिंग पर वर्तमान दिशानिर्देशों के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे। 6. यहनिर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 के अधिनियम 51) की धारा 18 के तहत जारी किया जाता है और इस परिपत्र की तारीख से लागू होंगे। भवदीय विजय चुग |