बैंकों द्वारा चालू खाता खोला जाना- अनुशासन की आवश्यकता - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों द्वारा चालू खाता खोला जाना- अनुशासन की आवश्यकता
भारिबैं/2020-21/20 06 अगस्त 2020 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/ महोदय, बैंकों द्वारा चालू खाता खोला जाना- अनुशासन की आवश्यकता कृपया उक्त विषय पर जुलाई 2, 2015 का परिपत्र बैंविवि.एलईजी.बीसी.25./09.07.005/2015-16 देखें। बैंकों द्वारा चालू खाता खोले जाने से संबंधित अनुदेशों की समीक्षा की गई है और संशोधित अनुदेश निम्नलिखित हैं: i. कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में ऋण सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे। ii. जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर1 उस उधारकर्ता के प्रति पूरी बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10 प्रतिशत से कम हो, वहां सीसी/ओडी खाते में जमाओं की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में नामे केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ ओडी खाते में जमा के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्स्पोज़र, उस उधारकर्ता के प्रति पूरी बैंकिंग प्रणाली के एक्स्पोज़र का 10 प्रतिशत या इससे अधिक है। बैंक और उधारकर्ता के बीच सहमत समय-अंतराल पर इन खातों से निधि उक्त अंतरिती सीसी/ ओडी खाते में विप्रेषित की जाएगी। साथ ही, ऐसे खातों के जमा-शेष का किसी भी गैर-निधि आधारित ऋण सुविधा का लाभ उठाने के लिए मार्जिन के रूप में उपयोग नहीं किया जाएगा। यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्स्पोजर के 10 प्रतिशत से अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। यह नोट किया जाए कि उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10 प्रतिशत से कम एक्सपोजर वाले बैंक उधारकर्ता को कार्यशील पूंजी मांग ऋण (डब्ल्यूसीडीएल) / कार्यशील पूंजी मीयादी ऋण (डब्ल्यूसीटीएल) सुविधा दे सकते हैं। iii. जहां किसी बैंक का उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्सपोजर में 10 प्रतिशत या अधिक का हिस्सा है, वह पूर्व की तरह सीसी/ ओडी सुविधा दे सकता है। iv. दिनांक 5 दिसंबर 2018 के परिपत्र बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.12/21.04.048/2018-19 द्वारा जारी बैंक ऋण की सुपुर्दगी के लिए उधार व्यवस्था पर दिशानिर्देश के अंतर्गत आने वाले उधारकर्ताओं के मामले में, अब से कंसोर्शियम ऋण सहित सभी मामलों में कार्यशील पूंजी सुविधा का उधार घटक और नकदी ऋण घटक में विभाजन प्रत्येक बैंक के स्तर पर बनाए रखना होगा। v. जिन ग्राहकों ने किसी बैंक से सीसी/ ओडी सुविधा नहीं ली है, उनके मामले में बैंक निम्नलिखित तरीके से चालू खाता खोल सकते है:
2. बैंक इन अनुदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी चालू खातों और सीसी/ ओडी की नियमित निगरानी, विशेष रूप से उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के संबंध में, कम से कम तिमाही आधार पर करेंगे । 3. बैंकों को चालू खातों के माध्यम से मीयादी ऋणों से निकासी नहीं करनी चाहिए। चूंकि मीयादी ऋण विशिष्ट उद्देश्यों के लिए होते हैं, इसलिए निधि सीधे माल और सेवाओं के आपूर्तिकर्ता को विप्रेषित की जानी चाहिए। यदि उधारकर्ता के पास सीसी/ ओडी खाता है तो उधारकर्ता द्वारा दैनंदिन परिचालन के लिए किया गया व्यय सीसी/ ओडी खाते के माध्यम से किया जाना चाहिए, अन्यथा चालू खाते के माध्यम से। 4. मौजूदा चालू खातों और सीसी/ओडी खातों के संबंध में, बैंक इस परिपत्र की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर उपर्युक्त अनुदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। भवदीय, (सौरभ सिन्हा) संलग्नक- फ्लो चार्ट 1 इन अनुदेशों के प्रयोजन से ‘एक्सपोजर’ का अर्थ निधि आधारित और गैर- निधि आधारित ऋण सुविधाओं का योग होगा। |