भारतीय पार्टी द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - युक्तिकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय पार्टी द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - युक्तिकरण
भारिबैंक/2012-13/203 12 सितंबर 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, भारतीय पार्टी द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - युक्तिकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर, यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 [ विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2004 ] (अधिसूचना) की ओर आकृष्ट किया जाता है। यह निर्णय लिया गया है कि वार्षिक कार्य निष्पादन (एपीआर) रिपोर्ट के प्रस्तुतीकरण से संबंधित दिशानिर्देशों को निम्नवत संशोधित किया जाए: 2. भारतीय पार्टी, जिसने उल्लिखित अधिसूचना के तहत निर्मित विनियमावली के अनुसार समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम (JV) अथवा पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS) की स्थापना की है/को अधिग्रहीत किया है, अपने ऐसे प्रत्येक संयुक्त उद्यम/ अपनी ऐसी पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के संबंध में फार्म ओडीआई के भाग III में एक वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट (एपीआर) और समय समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट अन्य रिपोर्टें या दस्तावेज प्रति वर्ष 30 जून के पूर्व या तक नामित प्राधिकृत व्यापारी को प्रस्तुत करेगी । इस प्रकार प्रस्तुत करने के लिए अपेक्षित वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के अद्यतन लेखा-परीक्षित वार्षिक लेखों पर, जब तक रिज़र्व बैंक से विशेष रूप से छूट प्राप्त न हो, आधारित होनी चाहिए । 3. संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के बिना लेखा-परीक्षित लेखों पर आधारित वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट प्रस्तुत करने से 28 मार्च 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 96 में दी गई शर्तों के तहत प्रदान की गयी छूट जारी रहेगी । 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं । 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (डॉ. सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद) |