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भारत में परियोजना कार्यालय खोलने और परिसंपत्तियों के प्रेषण की अनुमति - परियोजना कार्यालय

 भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई-400 001

एपी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र.37

नवंबर 15, 2003

संवा में

विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

महोदय/महोदया

भारत में परियोजना कार्यालय खोलने और
परिसंपत्तियों के प्रेषण की अनुमति - परियोजना कार्यालय

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान भारत से बाहर निवास करने वाले व्यक्ति द्वारा भारत में शाखा अथवा कार्यालय कारोबार का अन्य स्थान खोलने के संबंध में मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.22/2000-आरबी डविदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (भारत में शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की स्थापना) विनियमावली, 2000 और भारत में निवास कर रहे अथवा न निवास कर रहे व्यक्ति द्वारा भारत में स्थित परिसंपत्तियों का भारत से बाहर प्रेषण के संबंध में मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.13/2000-आरबी डविदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं । फेमा.22 अधिसूचना के अनुसार विदेशी सत्ताओं को जो परियोजना कार्यालय स्थापित करना चाहती हैं, उनसे अपेक्षित है कि वे फ़ार्म एफएनसी-1 में अपना आवेदन रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करेंगी और ऐसा अनुमोदन रिज़र्व बैंक द्वारा मामला दर मामला आधार पर किया जाएगा।

2. परियोजना कार्यालय की स्थापना के लिए प्रक्रिया को उदारीकृत और सरल करने के विचार से रिज़र्व बैंक ने मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.22/2000-आरबी के कुछ प्रावधानों को संशोधित करने एवं विदेशी सत्ता को भारत में निम्नलिखित शर्तों पर परियोजना कार्यालय स्थापित करने के लिए सामान्य अनुमति देने के लिए जुलाई 2, 2003 (प्रतिलिपि संलग्न) की अधिसूचना सं.फेमा.95/2003-आरबी जारी की है :-

(क) वह भारतीय कंपनी से भारत में कोई परियोजना के कार्यान्वयन के लिए ठेका प्राप्त किया हो; और
(ख) परियोजना का वित्तपोषण विदेश से अवाक प्रेषण द्वारा किया जाता हो; अथवा
(ग) परियोजना का वित्त पोषण द्विपक्षिक अथवा बहुपक्षिक अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण एजेंसी द्वारा किया जाता हो; अथवा
(घ) परियोजना का अनुमोदन किसी उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा किया गया हो; अथवा
(ज्ञ) ठेका देने वाली भारत में कंपनी अथवा सत्ता को परियोजना के लिए भारत में स्थित किसी सरकारी वित्तीय संस्था अथवा किसी बैंक द्वारा मीयादी ऋण मंजूर किया गया हो।

3. विदेशी कंपनी निम्नलिखित विवरण देते हुए रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के पास, जिसके क्षेत्रीया कर्यालय में परियोजना स्थित है, रिपोर्ट प्रस्तत करेगी :

(क) विदेशी कंपनी का नाम और पता
(ख) अधिसूचना सं.फेमा.22/2000-आरबी दिनांक 3 मई 2000 के विनियम 5 के खण्ड (ii) में उल्लिखित ठेका देने वाले पत्र की संदर्भ सं. और तारीख
(ग) परियोजना /ठेका देने वाले प्राधिकरण का विवरण
(घ) ठेके की कुल राशि
(ज्ञ) परियोजना कार्यालय का पता और उसका कार्यकाल
(च) शुरू की गई परियोजना का स्वरूप

4. इसके अतिरिक्त यह भी कि उक्त प्राधानों के अंतर्गत उलिाखित शर्तों के अधीन स्थापित परियोजना कार्यालय यदि विदेशी मुद्रा खाता खोलने की ज़रूरत हो तो, अनुमति के लिए रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करेगा । ऐसे आवेदनों के साथ निम्नलिखित विवरण दिया जाना चाहिए :

(क) विदेशी मुद्रा खाता खोलने के कारण
(ख) संबंधित परियोजना कार्यालय के ठेके का उद्धरण जिससे निश्चित किया जा सके कि उसमें विदेशी मुद्रा में भुगतान/प्राप्त करने के लिए उपबंधित किया गया है ।
(ग) उसकी कुल राशि

5. रिज़र्व बैंक ने मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा.13/2000 के विनियम 6(iii) के प्रावधानों को संशोधित करते हुए जुलाई 2, 2003 (प्रतिलिपि संलग्न) की अधिसूचना सं.96/2003-आरबी भी जारी की हैं जिसके द्वारा विदेशी सत्ताओं को परियोजना के समापन/पूर्ण होने पर अधिशेष राशि को प्राधिकृत व्यापारी के माध्यम से प्रेषण करने की सामान्य अनुमति दी गई है । प्राधिकृत व्यापारी अपने संबंधित ग्राहकों से ऐसा अनुरोध प्राप्त होने पर उन्हें मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा सं.22 के विनियम 7 II के अंतर्गत निर्धारित शर्तों पर प्रेषण करने की अनुमति दे सकते हैं। यह भी सूचित किया जाता है कि परियोजना कार्यालय द्वारा अपने अस्थायी अधिशेष राशि को बीच-बीच में भेजते रहने के लिए प्रेषण करने के अनुरोध के मामले प्राधिकृत व्यापारी आवश्यक अनुमोदन के लिए रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करें।

6. उक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू हैं ।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हं।

भवदीय,

ग्रेस कोशी
मुख्य महप्रबंधक

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