विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम के लागू होने से पूर्व की अवधि में स्थापित विदेशी कंपनियों (इंटिटीज़) के संपर्क/शाखा कार्यालयों का नियमितीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम के लागू होने से पूर्व की अवधि में स्थापित विदेशी कंपनियों (इंटिटीज़) के संपर्क/शाखा कार्यालयों का नियमितीकरण
भारिबैं/2011-12/112 15 जुलाई 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम के लागू होने से पूर्व की अवधि में स्थापित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान 30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 23 और 24 के साथ पठित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 22/2000-आरबी अर्थात समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में शाखा या कार्यालय या कारोबार का कोई अन्य कार्यस्थल संस्थापन) विनियामली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिनके अनुसार भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति से अपेक्षित है कि वह भारत में संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय स्थापित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति प्राप्त करे। इसके अलावा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान 30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 23 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार विदेशी गैर सरकारी संगठनों (NGOs) / गैर लाभ अर्जक संगठनों (NPOs) / सरकारी निकायों / विभागों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय स्थापित करने के लिए प्रस्तुत आवेदनपत्रों पर भारतीय रिज़र्व बैंक भारत सरकार, वित्त मंत्रालय के परामर्श से विचार करता है। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की जानकारी में यह बात आयी है कि गैर सरकारी संगठनों (NGOs) / गैर लाभ अर्जक संगठनों (NPOs), समाचार एजेंसियों तथा अन्य विदेशी कंपनियों (इंटिटीज़) द्वारा स्थापित शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय विदेशी विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के 1 जून 2000 से लागू होने के बाद भी भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति के बिना भारत में कार्यरत हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के उपबंधों के अंतर्गत ऐसी कंपनियों (इंटिटीज़) द्वारा भारत में कार्यालय खोलने के अनुरोधों पर भारतीय रिज़र्व बैंक, जहाँ कहीं आवश्यक हो, भारत सरकार के परामर्श से विचार करता है। 3. तदनुसार जिन विदेशी कंपनियों (इंटिटीज़) ने भारत में संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय स्थापित कर रखे हैं और वे भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति के बिना कार्यरत हैं, वे इस परिपत्र के जारी होने की तारीख से 90 दिनों की अवधि के भीतर मौजूदा विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम उपबंधों के अंतर्गत भारत स्थित अपने ऐसे संस्थापनों/कार्यालयों के नियमितीकरण के लिए संपर्क करें। 4. वे विदेशी कंपनियाँ (इंटिटीज़) जिन्होंने अपने संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय भारत सरकार की अनुमति से स्थापित किए हों, वे भी सरकारी अनुमति की प्रतिलिपि के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक से संपर्क करें ताकि उन्हें विशिष्ट पहचान संख्या आबंटित की जा सके। 5. ऐसे सभी आवेदनपत्र/अनुरोध फार्म एफएनसी(FNC) में उस प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I, जिसके पास संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय के खाते रखे गए हों, के माध्यम से प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई-400001 को प्रस्तुत किए जाएं। 6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों के ध्यान में लाएं और ऐसे आवेदनपत्र/ अनुरोध 30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) के क्रमश: परिपत्र सं. 23 एवं 24 में अंतर्विष्ट अनुदेशों के अनुपालनोपरांत भारतीय रिज़र्व बैंक को अग्रसारित करें। इसके अलावा वे यह भी सुनिश्चित करें कि उनके वे घटक (कांस्टीटुएंट्स), जो उल्लिखित प्रकार के कार्यरत संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय हैं, के पास भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वैध अनुमति पत्र हो तथा ऐसे अनुमति पत्र की एक प्रति आपके अभिलेख में भी रखी गयी हो। 7. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) तथा 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं। भवदीया, (मीना हेमचंद्र) |