FIRMS पोर्टल पर रिपोर्टिंग - निवेश माध्यमों द्वारा अंशत: प्रदत्त यूनिट्स का निर्गम - आरबीआई - Reserve Bank of India
FIRMS पोर्टल पर रिपोर्टिंग - निवेश माध्यमों द्वारा अंशत: प्रदत्त यूनिट्स का निर्गम
आरबीआई/2025-26/40 23 मई 2025 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/ महोदय FIRMS पोर्टल पर रिपोर्टिंग - निवेश माध्यमों द्वारा अंशत: प्रदत्त यूनिट्स का निर्गम प्राधिकृत व्यापारी (एडी) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान केंद्र सरकार द्वारा 17 अक्टूबर 2019 को अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियम, 2019 (इसके बाद ‘नियम’ के रूप में संदर्भित) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसे 14 मार्च 2024 के एस.ओ. 1361(ई) द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) (दूसरा संशोधन) नियमावली, 2024 के माध्यम से संशोधित करते हुए निवेश माध्यमों द्वारा भारत के बाहर निवासी व्यक्तियों को अंशत: प्रदत्त यूनिट्स के निर्गम की अनुमति दी गयी है। कृपया रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 और दिनांक 21 मई 2024 के एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 7 का भी संदर्भ ग्रहण करें। 2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 के विनियम 4(10) के अनुसार, एक निवेश माध्यम जिसने भारत के बाहर निवासी व्यक्ति को अपनी इकाइयां जारी की हैं, उन्हें इकाइयों के जारी होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर फॉर्म InVI भरना होगा। इस संबंध में, सूचित किया जाता है कि निवेश माध्यम इस परिपत्र की तिथि से 180 दिनों के भीतर फॉर्म InVI में इस परिपत्र की तिथि से पहले किए गए अंशत: प्रदत्त यूनिट्स के निर्गम की रिपोर्टिंग करें। इस अवधि के भीतर की गई रिपोर्टिंग के लिए कोई विलंब प्रस्तुतीकरण शुल्क लागू नहीं होगा। हालाँकि, इस परिपत्र की तारीख को या उसके बाद निवेश माध्यमों द्वारा अंशत: प्रदत्त यूनिट्स के निर्गम को विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 के तहत निर्दिष्ट समय-सीमा के अनुसार 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट करना होगा। 3. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/ घटकों को अवगत कराएँ। 4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और ये किसी अन्य कानून के अधीन अपेक्षित अनुमतियों/अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते। भवदीय (डॉ. आदित्य गेहा) |