समाधान ढांचा - 2.0: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के कोविड -19 संबंधित दबाव का निराकरण - समग्र एक्सपोज़र के लिए सीमा में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
समाधान ढांचा - 2.0: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के कोविड -19 संबंधित दबाव का निराकरण - समग्र एक्सपोज़र के लिए सीमा में संशोधन
आरबीआई/2021-22/47 4 जून 2021 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदया/ महोदय, समाधान ढांचा - 2.0: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के कोविड -19 संबंधित दबाव का निराकरण - समग्र एक्सपोज़र के लिए सीमा में संशोधन "संकल्प ढांचा 2.0 – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के कोविड-19 संबन्धित दबाव का निराकरण" पर दिनांक 5 मई 2021 के परिपत्र विवि.एसटीआर.आरईसी.12/21.04.048/2021-22 का संदर्भ लें। 2. परिपत्र का खंड 2, ढांचे के तहत पुनर्गठन के लिए विचार किए जाने वाले एमएसएमई खातों के लिए योग्यता शर्तों को विनिर्दिष्ट करता है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उप-खंड (iii) शामिल है जिसमें कहा गया है कि सभी ऋणदाता संस्थानों के एमएसएमई उधारकर्ता को गैर-निधि आधारित सुविधाओं सहित कुल ऋण एक्सपोजर 31 मार्च 2021 तक ₹25 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए। 3. समीक्षा के आधार पर, उपरोक्त सीमा को ₹25 करोड़ से बढ़ाकर ₹50 करोड़ करने का निर्णय लिया गया है। 4. परिणामस्वरूप, खंड 2 (v) का आशोधन निम्नानुसार है: “(v) उधारकर्ता के खाते का पुनर्गठन 6 अगस्त 2020 के विवि.सं.बीपी.बीसी/4/21.04.048/2020-21; 11 फरवरी 2020 के विवि.सं.बीपी.बीसी.34/21.04.048/2019-20; या दिनांक 1 जनवरी 2019 के विवि.सं.बीपी.बीसी.18/21.04.048/2018-19 (सामूहिक रूप से एमएसएमई पुनर्गठन परिपत्र के रूप में संदर्भित) के परिपत्रों; या "कोविड-19-संबंधी दबाव के लिए समाधान ढांचा" पर दिनांक 6 अगस्त 2020 के परिपत्र विवि.सं.बीपी.बीसी/3/21.04.048/2020-21 के अनुसार नहीं किया गया था। 5. परिपत्र के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे। भवदीय, (मनोरंजन मिश्र) |