विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा और युक्तिकरण - शहरी सहकारी बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा और युक्तिकरण - शहरी सहकारी बैंक
आरबीआई/2024-25/118 24 फरवरी 2025 सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया / महोदय, विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा और युक्तिकरण - शहरी सहकारी बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) की वित्तीय सुदृढ़ता और आघात-सहनीयता बढ़ाने के लिए समय-समय पर विभिन्न विवेकपूर्ण मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इनमें से कुछ विवेकपूर्ण मानदंड ऋण संकेन्द्रण जोखिम को कम करने, संवेदनशील क्षेत्रों में एक्सपोजर को कम करने तथा अपेक्षाकृत अधिक जोखिम वाले एक्सपोजरों के लिए प्रावधान आवश्यकताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं। इन मानदंडों में, अन्य बातों के साथ-साथ, छोटे मूल्यवर्ग के ऋणों से संबंधित शर्तें, आवास और स्थावर संपदा (रियल एस्टेट) ऋणों पर एक्सपोजर की अधिकतम सीमा, तथा प्रतिभूति प्राप्तियों (एसआर) में निवेश के लिए प्रावधान संबंधी आवश्यकताएं शामिल हैं। 2. इन मानदंडों को तर्कसंगत बनाने तथा विनियामक उद्देश्यों से समझौता किए बिना यूसीबी को अधिक परिचालनगत लचीलापन प्रदान करने के उद्देश्य से, उपर्युक्त विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा की गई है। संशोधित अनुदेश निम्नलिखित पैराग्राफ में दिए गए हैं। ए. छोटे मूल्यवर्ग के ऋण 3. दिनांक 13 मार्च 2020 के परिपत्र डीओआर (पीसीबी).बीपीडी.परि सं.10/13.05.000/2019-20 जिसे दिनांक 25 जुलाई 2024 के परिपत्र विवि.सीआरई.आरईसी.28/07.10.002/2024-25 के माध्यम से संशोधित किया गया है, के अनुसार, यूसीबी को निर्धारित ग्लाइड पाथ का पालन करना आवश्यक है, जिसके तहत 31 मार्च 2026 तक उनके कुल ऋणों और अग्रिमों का कम से कम 50 प्रतिशत छोटे मूल्यवर्ग के ऋणों से युक्त होना चाहिए अर्थात, प्रति उधारकर्ता ₹25 लाख या बैंक की टियर-। पूंजी के 0.2 प्रतिशत (अधिकतम ₹1 करोड़ तक सीमित), जो भी अधिक हो, तक के होने चाहिए । 4. समीक्षा के पश्चात, छोटे मूल्यवर्ग के ऋणों की परिभाषा को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें प्रति उधारकर्ता 25 लाख या बैंक की टियर-। पूंजी का 0.4 प्रतिशत (अधिकतम ₹3 करोड़ तक सीमित), जो भी अधिक हो, शामिल है। अन्य सभी शर्तें, समय-सीमाएं और मध्यवर्ती लक्ष्य अपरिवर्तित रहेंगे। तथापि, यूसीबी के बोर्ड समय-समय पर विभिन्न ऋण-आकार श्रेणियों के अंतर्गत पोर्टफोलियो प्रवृत्ति और गुणवत्ता की समीक्षा करेंगे और जहां आवश्यक हो, कम सीमा तय करने पर विचार कर सकते हैं। बी. स्थावर संपदा (रियल एस्टेट) एक्सपोजर मानदंड 5. मौजूदा अनुदेशों के अनुसार, आवास, स्थावर संपदा और वाणिज्यिक स्थावर संपदा ऋणों के लिए यूसीबी का समग्र एक्सपोजर उसकी कुल आस्तियों के 10 प्रतिशत तक सीमित है। कुल आस्तियों के 10 प्रतिशत की उपर्युक्त सीमा को, समय-समय पर यथा-संशोधित दिनांक 04 सितंबर 2020 के मास्टर निदेश विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.5/04.09.01/2020-21 में उल्लिखित प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र वर्गीकरण की पात्रता सीमाओं के अनुसार व्यक्तियों को आवास ऋण प्रदान करने हेतु समग्र आस्तियों की अतिरिक्त 5 प्रतिशत सीमा तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, उपर्युक्त सकल सीमाओं के अधीन, व्यक्तिगत आवास ऋण की अधिकतम सीमा टियर-1 यूसीबी के लिए प्रति व्यक्तिगत उधारकर्ता ₹60 लाख और अन्य सभी यूसीबी के लिए प्रति व्यक्तिगत उधारकर्ता ₹140 लाख निर्धारित की गई थी। इन विवेकपूर्ण सीमाओं को संशोधित करने निर्णय लिया गया है , जैसा कि निम्नलिखित पैराग्राफों में दिया गया है। आवास/स्थावर संपदा की समग्र सीमाएं 6. यूसीबी का आवासीय बंधकों (व्यक्तियों को दिए गए आवास ऋण) में समग्र एक्सपोजर, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत ऋणों को छोड़कर, उसके कुल ऋणों और अग्रिमों के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। 7. यूसीबी का स्थावर संपदा क्षेत्र में समग्र एक्सपोजर, व्यक्तियों को दिए गए आवास ऋण को छोड़कर, उसके कुल ऋणों और अग्रिमों के पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। व्यक्तिगत आवास ऋण सीमाएं 8. व्यक्तियों को दिए जाने वाले आवास ऋण निम्नलिखित अधिकतम सीमा के अधीन होंगे।
9. यूसीबी द्वारा स्थावर संपदा क्षेत्र को ऋण देने से संबंधित अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे। सी. प्रतिभूति प्राप्तियों (एसआर) में निवेश के लिए प्रावधान की आवश्यकता 10. दिनांक 24 सितंबर 2021 के ऋण एक्सपोजर का हस्तांतरण पर मास्टर निदेश (“एमडी-टीएलई”) के पैराग्राफ 77ए के अनुसार, यूसीबी को उनके द्वारा एआरसी को अंतरित की गई आस्तियों के विरुद्ध रखी गई एसआर पर मूल्यांकन विभेदक के लिए प्रावधान करने की आवश्यकता है। एमडी-टीएलई जारी करने की तिथि अर्थात 24 सितंबर 2021 (‘निर्दिष्ट एसआर’) तक बकाया ऐसे एसआर के संबंध में, 28 जून 2022 के परिपत्र के माध्यम से पांच वर्ष का ग्लाइड पाथ (वित्त वर्ष 2025-26 तक) दिया गया था। 11. समीक्षा के बाद, यूसीबी के लिए उपर्युक्त ग्लाइड-पाथ को वित्त वर्ष 2027-28 तक अतिरिक्त दो वर्षों के लिए बढ़ाने निर्णय लिया गया है। हालाँकि, निर्दिष्ट एसआर के लिए पहले से किए गए प्रावधान बने रहेंगे। 12. एमडी-टीएलई के अन्य सभी प्रावधान पहले की तरह लागू रहेंगे। डी. निरसन प्रावधान 13. ये अनुदेश मौजूदा विनियमों द्वारा जारी अनुदेशों को अधिक्रमित करेंगे। तदनुसार, अनुबंध में समेकित परिपत्र निरस्त कर दिये गये हैं। ई. आरंभ 14. उपर्युक्त परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। भवदीय, (वैभव चतुर्वेदी) अनुबंध – तत्काल प्रभाव से निरस्त किए गये परिपत्रों की सूची
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