जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन देन : वायदा संविदा दर्ज करना - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन देन : वायदा संविदा दर्ज करना - उदारीकरण
भारिबैं/2015-16/201 दिनांक 8 अक्तूबर 2015 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन देन : वायदा संविदा दर्ज करना - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी कैट-।) बैंकों का ध्यान वायदा संविदा दर्ज करने – उदारीकरण के संबंध में समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदा) विनियम 2000 दिनांक 3 मई 2000 (अधिसूचना सं.फेमा/25/आरबी-2000 दिनांक 3 मई 2000) और ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.15 दिनांक 29 अक्तूबर 2007 और 119 दिनांक 7 अप्रैल 2014, की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार निवासी व्यक्तियों, फर्मों एवं कंपनियों को, अपने विदेशी मुद्रा जोखिमों का, जो वास्तविक या प्रत्याशित विप्रेषणों, आवक और जावक दोनों, से उत्पन्न हों, का प्रबंध/हेज करने के लिए युएसडी 2,50,000 की सीमा तक वायदा संविदा, बिना अंतर्निहित दस्तावेज प्रस्तुत किये, स्व-घोषणा के आधार पर दर्ज करने हेतु अनुमति दी जाती है । 2. जैसाकि दिनांक 29 सितंबर 2015 को चतुर्थ द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य (पैरा सं.39) में घोषणा की गयी थी, वर्तमान हेजिंग सुविधा को और उदारीकृत करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि सभी निवासी व्यक्तियों, फर्मों एवं कंपनियों को, जिनका वास्तविक या प्रत्याशित विदेशी मुद्रा एक्सपोजर हो, उन्हें युएसडी 1.000,000 (युएसडी 1 मिलियन) तक विदेशी मुद्रा वायदा और एफसीवाइ-आइएनआर ऑप्शन्स संविदा, बिना किसी दस्तावेज की अपेक्षा के एक साधारण घोषणा के आधार पर दर्ज करने की अनुमति दी जाये । जबकि इस सुविधा के अंतर्गत दर्ज की गयी संविदाएँ सामान्यतः परिदेय आधार पर होंगी, संविदाओं का निरसन और पुनः दर्ज किये जाने की अनुमति है । तथापि, प्रतिष्ठान के पिछले कार्य निष्पादन रिकार्ड के आधार पर, संबंधित एडी श्रेणी-। बैंक निरस्त संविदाओं को पुनः दर्ज किये जाने के समय अंतर्निहित दस्तावेजों की माँग कर सकते हैं, यदि आवश्यक समझा जाये । अन्य सभी शर्तें, जैसाकि ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.15 दिनांक 29 अक्तूबर 2007 में उल्लिखित है, उपयुक्तता एवं औचित्य (एस एंड ए) मानदंडों सहित, आवश्यक परिवर्तनों के साथ, नागू होंगी । संशोधित आवेदन एवं रिपोर्टिंग फार्मैट इस परिपत्र के अनुबंध क्रमशः । और ।। में दिये गये हैं । 3. लघु एवं मझौले उद्यमों के लिए ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.15 दिनांक 29 अक्तूबर 2007 के अनुसार वर्तमान सुविधाएँ अपरिवर्तित रहेंगी । 4. एडी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित घटकों एवं ग्राहकों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और इनसे किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता । भवदीय, (आर.सुब्रमणियन) अनुबंध । निवासी व्यक्तियों, फर्मों एवं कंपनियों द्वारा युएसडी 1,000,000 तक वायदा (आवेदक द्वारा भरा जाना है) ।. आवेदक के ब्यौरे ।।. अपेक्षित विदेशी मुद्रा वायदा/एफसीवाइ-आइएनआर ऑप्शन्स के ब्यौरे ।।।. आज तक बकाया वायदा/एफसीवाइ-आइएनआर संविदाओं का कल्पित मूल्य . . . . . IV. वास्तविक/प्रस्तावित विप्रेषणों के ब्यौरे घोषणा मै, . . . . . . . . . . (आवेदक का नाम), इसके द्वारा घोषणा करता हूँ कि भारत में . . . . . . (बैंक) की. . . . . . (बैंक की नामित शाखा) के पास दर्ज की गयी विदेशी मुद्रा वायदा/एफसीवाइ-आइएनआर ऑप्शन्स संविदाओं की कुल राशि युएसडी 1,000,000/-(एक मिलियन अमरीकी डालर मात्र) की सीमा के भीतर है, और यह प्रमाणित करता हूँ कि उपर्युक्त डेरिवेटिव संविदाएँ अनुमत चालू खाता और/या पूँजीगत खाता लेन देनों के लिए तात्पर्यित हैं । मैं यह भी प्रमाणित करता हूँ कि मैंने किसी अन्य बैंक/शाखा के पास विदेशी मुद्रा वायदा/एफसीवाइ-आइएनआर ऑप्शन्स संविदाएँ दर्ज नहीं की हैं । मैंने विदेशी मुद्रा वायदा/एफसीवाइ-आइएनआर ऑप्शन्स संविदाएँ दर्ज किये जाने में अंतर्निहित जोखिमों को समझ लिया है । आवेदक का हस्ताक्षर (नाम) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र प्रमाणित किया जाता है कि ग्राहक . . . . (आवेदक का नाम) ने, जिसका पैन सं.. . . . है, . . . . से * हमारे पास खाता. . . . . . . . (सं.) बनाये रखा है । हम यह प्रमाणित करते हैं कि ग्राहक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकथित एएमएल/केवाइसी दिशा-निर्देशों को पूरा करता है और हम यह पुष्टि करते है कि हमने अपेक्षित उपयुक्तता एवं औचित्य परीक्षण किया है । प्राधिकृत अधिकारी का नाम और पदनाम : स्थान : अनुबंध ।। विवरण – दर्ज और निरस्त किये गये वायदा संविदा/ऑप्शन्स के ब्य़ौरे . . . को अंत होनेवाली तिमाही
एडी श्रेणी-। बैंक का नाम : |