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छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना

आरबीआइ/2009-2010/214
ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी.सं.41/03.05.28(बी)/2009-10

9 नवंबर 2009

अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदय

छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 24 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी.सं.72/03.05.28(बी)/2006-07 देखें।

2. 27 अत्तूबर 2009 को जारी मौद्रिक नीति 2009-10 की दूसरी तिमाही की समीक्षा में की गयी घोषणा के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) के साथ संपर्श्विकृत उधार लेने और ऋण देने के दायित्व (सीबीएलओ) संबंधी लेनदेनों से उत्पन्न क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के देयताओं पर 21 नवंबर 2009 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से सीआरआर बनाए रखना होगा । तदनुसार, सीआरआर के लिए गणना की गई निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) में 6 नवंबर 2009 के नियत शुक्रवार को सीबीएलओ लेनदेनों से उत्पन्न देयताओं को शामिल किया जाएगा जो 21 नवंबर 2009 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े के लिए सीआरआर की गणना करने के लिए आधार बन जाता है। इसके बाद के पखवाड़े में सीआरआर बनाए रखने के लिए की गई निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) की गणना में सीबीएलओ लेनदेनों से उत्पन्न देयताओं को शामिल करना जारी रहेगा।

3. तदनुसार, 21 नवंबर 2009 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के अंतर्गत निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के परिकलन में केवल भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) से संबंधित स्पष्टीकरण के खंड (डी) के अंतर्गत भारत में बैंकिंग प्रणाली की देयताओं को शामिल नहीं किया जाएगा।

भवदीय

(आर.सी.षडंगी)
मुख्यमहाप्रबंधक

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