अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) / धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व – ई-आधार (e-Aadhaar)को पीएमएल नियमावली के अंतर्गत "आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज" के - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) / धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व – ई-आधार (e-Aadhaar)को पीएमएल नियमावली के अंतर्गत "आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज" के रूप में मान्यता देना
आरबीआई/ 2013-14/518 13 मार्च 2014 अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) / धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व – ई-आधार (e-Aadhaar)को पीएमएल नियमावली के अंतर्गत "आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज" के रूप में मान्यता देना कृपया आप दिनांक 13 अक्तूबर 2011 और 17 अक्तूबर 2011 के हमारे परिपत्र क्रमश: ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.एएमएल.बीसी.सं.21/03.05.33(ई)/2011-12 और ग्राआऋवि.केंका. आरसीबी. एएमएल.बीसी.सं. 23/07.40.00/2011-12 देखें जिनमें कहा गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा नाम, पता और आधार (Aadhaar) नंबर के ब्योरों के साथ जारी पत्र को 'आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज' के रूप में स्वीकार किया जाए। साथ ही, दिनांक 13 दिसंबर 2012 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.आरसीबी.एएमएल. सं. 6097/07.51.018/2012-13 के पैरा 2 (iii) के अनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों (एसटीसीबी/सीसीबी) को सूचित किया गया था कि आधार (Aadhaar) पर आधारित खाते खोलते समय यदि खाताधारी द्वारा दिया गया पता आधार (Aadhaar) पत्र पर दिए गए पते के समान हो तो उसे पहचान एवं पते के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाए। 2. इस संबंध में, दिनांक 10 सितंबर 2013 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.आरसीबी.एएमएल. बीसी.सं.32/07.51.018/2013-14 का हवाला दिया जाता है जिसमें धनशोधन निवारण (रिकार्डों का अनुरक्षण) नियमावली, 2005 के अंतर्गत ई-केवाईसी सेवा को केवाईसी सत्यापन के लिए एक वैध प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करने का निर्णय सूचित किया गया था। यह भी सूचित किया गया था कि ई-केवाईसी प्रक्रिया (जो इलेक्ट्रानिक रूप में है और इस तरह पुन: पाने योग्य है जो बाद में संदर्भ के रूप में उपयोग में लाई जा सकें) के फलस्वरूप यूआईडीएआई से उपलब्धकराये गये जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) ब्योरे एवं फोटोग्राफ को पीएमएल नियमावली के अंतर्गत एक 'आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज' के रूप में माना जा सकता है। 3. इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि आरआरबी और एसटीसीबी/सीसीबी यूआईडीएआई वेबसाइट से डाउनलोड किए गए ई-आधार (e-Aadhaar) को निम्नलिखित शर्तों पर एक आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार कर सकते हैं :
4. यूआईडीएआई द्वारा जारी भौतिक रूप में आधार (Aadhaar) कार्ड / नाम, पता तथा आधार (Aadhaar) नंबर युक्त डाक द्वारा प्राप्त पत्र और उपर्युक्त पैरा 2 में संदर्भित परिपत्र में उल्लिखित ई-केवाईसी प्रक्रिया को एक 'आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज' के रूप में स्वीकार किया जाता रहेगा। 5. आरआरबी और एसटीसीबी/सीसीबी कृपया उपर्युक्त अनुदेशों के परिप्रेक्ष्य में अपनी केवाईसी नीति में संशोधन कर लें और इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। भवदीय ( ए. उदगाता ) |