ऋण सूचना कंपनियों को आँकड़े प्रस्तुत करना – ऋण संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आँकड़ों का फॉर्मेट - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण सूचना कंपनियों को आँकड़े प्रस्तुत करना – ऋण संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आँकड़ों का फॉर्मेट
भारिबैं /2010-11/331 24 दिसंबर 2010 अध्यक्ष महोदय, कृपया उपर्युक्त विषय पर 20 अक्तूबर 2009 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी. सं. 32/03.05.33 /2009-10 देखें। 2. जैसा कि आपको विदित है क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया लि. (वर्ष 2001 से कार्यरत वर्तमान ऋण सूचना कंपनी) के अलावा भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मार्च 2010, 19 अप्रैल 2010 और 08 दिसंबर 2010 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी. बीसी.सं. 62 /03.05.33 /2009-10, ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी. बीसी. सं.70/ 03.05.33/2009-10 और ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं.36 /03.05.33 /2010-11 द्वारा यथासूचित क्रमशः i) एक्सपीरियन क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया प्राइवेट लि. ii) ईक्वीफैक्स क्रेडिट इनफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लि. और iii) हाई मार्क क्रेडिट इन्फॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लि. को ऋण सूचना का कारोबार प्रारंभ करने हेतु 'पजीकरण प्रमाणपत्र' (सीओआर) जारी किया है। 3. इस संबंध में ऋण सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 17 की उपध्राराओं (1) और (2) के अनुसार कोई ऋण सूचना कंपनी अपने सदस्यों से ऐसी ऋण सूचना उपलब्ध कराने की अपेक्षा कर सकती है,जिसेवहइसअधिनियमकेउपबंधोंकेअनुसारआवश्यकसमझतीहोऔरऐसीप्रत्येकऋणसंस्थाकोउस ऋण सूचना कंपनी को अपेक्षित सूचना उपलब्ध करानी होगी। इसके अतिरिक्त ऋण सूचना कंपनी विनियमावली , 2006 के विनियम 10(क) (ii) के अनुसार प्रत्येक ऋण संस्था:
4. अतः यह सूचित किया जाता है कि वे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जो उपर्युक्त ऋण सूचना कंपनी/कंपनियों के सदस्य हो गए है, उन्हें वर्तमान फॉर्मेट में चालू आँकड़े उपलब्ध कराएं। ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक पिछले आँकड़े भी उपलब्ध कराएं ताकि नई ऋण सूचना कंपनियाँ अपना साफ्टवेयर प्रामाणिक बना सकें और वे एक सुदृढ़ डेटाबेस विकसित कर सकें। 5. यह पाया गया है कि कई बार विभिन्न फर्मो / कंपनियों के निदेशकों के नाम समान होते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि निदेशकों की सही प्रकार पहचान कर ली गई है और किसी भी मामले में चूककर्ता उधारकर्ताओं की सूची में उल्लिखित निदेशकों के समान दिखाई देने वाले नाम वाले व्यक्तियों को ऐसे आधार पर ऋण सुविधाओं के लिए गलत रूप से इनकार न किया जाए। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा ऋण सूचना कंपनियों को प्रस्तुत आँकड़ों के फॉर्मेट में निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन) को एक फील्ड के रूप में शामिल किया जाए। निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन) के ऐसे प्रावधान से यह और सुनिश्चित हो सकेगा कि ऋण सूचना से संबंधित आँकड़े यथार्थ और पूर्ण है। 6. आपका ध्यान 23 मार्च 2010 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी. बीसी. सं.62/03.05.33/2010-11 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है। हम सूचित करते हैं कि एक्सपीरियन इन्फॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया प्राइवेट लि. ने हमें सूचित किया है कि उनके कार्पोरेट कार्यालय का पता बदल कर निम्नलिखित प्रकार हो गया हैः एक्सपीरियन क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया प्राइवेट लि. कृपया उपर्युक्त को अपने अभिलेख में अद्यतन कर लें। 7. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को पावती भेलें। भवदीय ( बी.पी.विजयेन्द्र ) |