बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 23 – एटीएम के माध्यम से मूल्य वर्धित सेवाओं का दिया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 23 – एटीएम के माध्यम से मूल्य वर्धित सेवाओं का दिया जाना
आरबीआई/2015-16/345 3 चैत्र, 1938 सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/ महोदया/ महोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 23 – एटीएम के माध्यम से मूल्य वर्धित सेवाओं का दिया जाना कृपया उक्त विषय पर 30 जुलाई, 2015 का हमारा परिपत्र स.बैं.वि.वि.केंका.एलएस.(पीसीबी) परि.सं.2/07.01.000/2015-16 देखें जिसमें प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा अपने ऑन साईट/ऑफ साईट/ मोबाईल एटीएम के माध्यम से दिए जाने योग्य सेवाओं का उल्लेख किया गया है। आगे, हमारे 16 अप्रैल, 2015 के परिपत्र सं. स.बैं.वि.वि.केंका.आरसीबी.बीसी.29/19.51.008/ 2014-15 के अनुसार निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले राज्य सहकारी बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन लिए बिना ऑफ साईट/मोबाईल एटीएम खोल सकते हैं। 2. बैंकों को परिचालनगत स्वतंत्रता देने की दृष्टि से यह सूचित किया जाता है कि प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक अपने सभी उत्पाद और सेवाएं एटीएम चैनल के माध्यम से देने के लिए अब स्वतंत्र हैं, यदि बैंकों के पास इसके लिए तकनीकी सुविधा उपलब्ध हो और बैंकों/वास्तविक ग्राहकों को इस माध्यम के दुरुपयोग से होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिए पर्याप्त नियंत्रण लगाए गए हों। 3. अनुच्छेद 1 में वर्णित परिपत्रों में निहित अन्य बातें अपरिवर्तित हैं। भवदीया, (रीनी अजित) |