बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को बनाए रखने में कमी - चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को बनाए रखने में कमी - चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता
आरबीआइ/2010-11/317 16 दिसंबर 2010 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - कृपया 30 नवंबर 2010 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 63/12.02.001/2010-11 देखें, जिसके अंतर्गत यह सूचित किया गया था कि अनुसूचित वाणिज्य बैंक 28 जनवरी 2011 तक दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के सूचना देने वाले शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अपनी निवल मांग और मीयादी देयताओं के 2.0 प्रतिशत तक चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता प्राप्त कर सकते हैं । बैंक इस सुविधा का उपयोग करने के कारण सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखने में 28 जनवरी 2011 तक होने वाली किसी कमी के लिए पखवाड़े के आधार पर पूर्णतया तदर्थ एवं अस्थायी उपाय के रूप में दांडिक ब्याज से छूट प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं । 2. जैसा कि 16 दिसंबर 2010 को जारी तिमाही के मध्य में मौद्रिक नीति की समीक्षा के अंतर्गत घोषित किया गया है, सांविधिक चलनिधि अनुपात में निवल मांग और मीयादी देयताओं के 1.0 प्रतिशत तक की स्थायी कटौती को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 29 नवंबर 2010 को घोषित चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता 18 दिसंबर 2010 से 28 जनवरी 2011 तक अब अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की निवल मांग और मीयादी देयताओं के 1.0 प्रतिशत (2.0 प्रतिशत की बजाय) की सीमा तक उपलब्ध होगी । बैंक इस सुविधा का उपयोग करने के कारण सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखने में 28 जनवरी 2011 तक होने वाली किसी कमी के लिए पखवाड़े के आधार पर पूर्णतया तदर्थ एवं अस्थायी उपाय के रूप में दांडिक ब्याज से छूट प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं । तथापि, इस सुविधा के अंतर्गत प्राप्त चलनिधि सहायता की सूचना दैनिक आधार पर देना आवश्यक है । भवदीय (पी. आर. रवि मोहन) |