बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना
आरबीआइ/2010-11/316 16 दिसंबर 2010 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - कृपया उपर्युक्त विषय पर 28 अक्तूबर 2009 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 51/12.02.001/ 2009-10 देखें । 2. जैसा कि 16 दिसंबर 2010 को जारी तिमाही के मध्य में मौद्रिक नीति की समीक्षा के अंतर्गत घोषित किया गया है, यह निर्णय लिया गया है कि 18 दिसंबर 2010 से अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं के 25 प्रतिशत से घटाकर उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 24 प्रतिशत कर दिया जाए । 3. इससे संबंधित 16 दिसंबर 2010 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 66 /12.02.001/2010-11 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें । भवदीय (पी. आर. रवि मोहन) अनुलग्नक : यथोक्त बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी.66/12.02.001/2010-11 16 दिसंबर 2010 अधिसूचना समय-समय पर यथासंशोधित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 24 की उप-धारा (2क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, तथा 28 अक्तूबर 2009 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 50/12.02.001/2009-10 में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा यह निर्दिष्ट करता है कि 18 दिसंबर 2010 से प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक 08 सितंबर 2009 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 40/12.02.001/2009-10 में यथावर्णित आस्तियां भारत में बनाए रखेगा जिनका मूल्य किसी भी दिन कारोबार की समाप्ति पर दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को भारत में कुल निवल मांग और मीयादी देयताओं के 24 प्रतिशत से कम नहीं होगा । (आनन्द सिन्हा) |