आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत कार्यकलाप - आरबीआई - Reserve Bank of India
आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत कार्यकलाप
भारिबैं/2017-18/177 17 मई 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय, आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत कार्यकलाप कृपया 01 अप्रैल 2015 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी तथा समय समय पर संशोधित परिपत्र बैंविवि.आईबीडी.बीसी.14570/23.13.004/2014-15 देखें जिसके माध्यम से आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों की स्थापना (आईबीयू) के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी किया था। 2. परिपत्र के अनुच्छेद सं 2.3 के अनुसार अपने आईबीयू परिचालन शुरू करने के लिए मूल बैंक को न्यूनतम पूंजी के रूप में 20 मिलियन यूएस डालर अथवा इसकी समतुल्य राशि किसी विदेशी मुद्रा में उपलब्ध कराना होगा और आईबीयू को समय-समय पर संशोधित विनियमों के अनुसार निर्धारित विनियामक पूंजी निरंतर आधार पर बनाए रखनी होगी। 3. इस संदर्भ में हमें हितधारकों से न्यूनतम विनियामक पूंजी को आईबीयू स्तर पर रखने के बजाय मूल बैंक स्तर पर रखने पर विचार करने का सुझाव प्राप्त हुआ है। इस मामले पर विचार किया गया और दिशानिर्देशों को निम्नानुसार संशोधित किया गया है। 4. 01 अप्रैल 2015 के उक्त परिपत्र के अनुबंध I में निहित अनुच्छेद 2.3 को संशोधन के बाद निम्न प्रकार पढ़ा जाए: आईबीयू अपने परिचालन शुरू कर सकें, इस बात को ध्यान में रखते हुए मूल बैंक से यह अपेक्षित है कि वह आईबीयू को न्यूनतम पूंजी के रूप में 20 मिलियन यूएस डालर अथवा इसकी समतुल्य राशि किसी विदेशी मुद्रा में उपलब्ध कराए तथा उसे निरंतर आधार पर बनाए रखें। तथापि आईबीयू हेतु एक्सपोजर समेत निर्धारित न्यूनतम विनियामक पूंजी मूल बैंक स्तर पर निरंतर बनाए रखी जाए। 5. 01 अप्रैल 2015 के उक्त परिपत्र के अनुबंध II में निहित अनुच्छेद 2.3 को संशोधन के बाद निम्न प्रकार पढ़ा जाए: आईबीयू अपने परिचालन शुरू कर सकें, इस बात को ध्यान में रखते हुए मूल बैंक से यह अपेक्षित है कि वह आईबीयू को न्यूनतम पूंजी के रूप में 20 मिलियन यूएस डालर अथवा इसकी समतुल्य राशि किसी अन्य विदेशी मुद्रा में उपलब्ध कराए तथा उसे निरंतर बनाए रखें। तथापि गृह राष्ट्र के विनियमों के अनुसार मूल बैंक स्तर पर आईबीयू हेतु एक्सपोजर समेत निर्धारित न्यूनतम विनियामक पूंजी को निरंतर बनाए रखें और आईबीयू मूल बैंक से इस आशय का एक प्रमाणपत्र प्राप्त करें तथा उसे अर्धवार्षिक आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक को (अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग प्रभाग, बैंकिंग विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक) प्रस्तुत करें। मूल बैंक को इस आशय का एक चुकौती आश्वासन पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि जरूरत पड़ने पर उसके द्वारा आईबीयू को पूंजी / चलनिधि सहायता के रूप में वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी। 6. उक्त परिपत्र में निहित अन्य सभी नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित है। 7. आईबीयू पर 01 अप्रैल 2015 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी परिपत्र को 07 जनवरी 2016, 10 नवंबर 2016, 10 अप्रैल 2017 तथा 17 मई 2018 के संशोधनों को शामिल करते हुए अद्यतन रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के वेबसाइट में अपलोड किया गया है। भवदीय, (प्रकाश बलियारसिंह) |