विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा क्रेडिट चूक स्वैप (सीडीएस) में संव्यवहार – परिचालनगत अनुदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा क्रेडिट चूक स्वैप (सीडीएस) में संव्यवहार – परिचालनगत अनुदेश
आरबीआई/2021-22/155 फरवरी 10, 2022 प्रति, महोदया/ महोदया, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा क्रेडिट चूक स्वैप (सीडीएस) में संव्यवहार – परिचालनगत अनुदेश प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान [अधिसूचना सं.फेमा. 396/2019-आरबी दिनांक 17 अक्तूबर 2019], विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमवली, 2019, समय-समय पर यथासंशोधित की तरफ आकर्षित किया जाता है। इस बारे में ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.31 दिनांक 15 जून 2018, ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.05 दिनांक 31 मई 2021 और मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) निदेश, 2022 दिनांक 10 फरवरी 2022, समय-समय पर यथासंशोधित (इसके बाद क्रेडिट डेरिवेटिव निदेश के रूप में उल्लिखित) का भी अवलोकन किया जाए। 2. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) गैर-रिटेल प्रयोक्ता के रूप में वर्गीकृत किए जाने के पात्र हैं और उन्हें क्रेडिट डेरिवेटिव निदेशों के तहत सीडीएस संरक्षण का क्रय और विक्रय करने की अनुमति दी गई है। क्रेडिट डेरिवेटिव निदेशों के अनुसार क्रेडिट डेरिवेटिव में संव्यवहार करने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के साथ कारोबार करने के लिए पात्र प्राधिकृत व्यक्तियों को इसके तहत निदेश जारी किए जा रहे हैं। 3. सभी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा सीडीएस संरक्षण का विक्रय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट सीमा (इसके बाद समग्र सीमा) के अनुसार रहेगा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा विक्रय किए गए सीडीएस की नोशनल रकम की समग्र सीमा निगमगत बॉन्डों के बकाया स्टॉक के 5% रहेगी। ओटीसी बाजार में मार्केट मेकर्स द्वारा संव्यवहारों की रिपोर्टिंग और एक्सचेन्जों में लेनदेन की स्टॉक एक्सचेन्जों द्वारा रिपोर्टिंग के आधार पर क्लीयरिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआईएल) द्वारा समग्र सीमा के उपभोग का प्रसरण किया जाएगा। एक बार समग्र सीमा का उपभोग हो जाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा सीडीएस संरक्षण का विक्रय नहीं किया जाएगा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक द्वारा विक्रय किए गए सीडीएस संरक्षण के लिए उपभोग की गई सीमा का विमोचन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा सीडीएस पोजिशन को छोड़ने के बाद किया जाएगा। 4. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा प्रदेय दायित्व के रूप में प्राप्त ऋण लिखतें और सीडीएस संविदाओं के भौतिक निपटान के लिए प्रदेय दायित्वों को पूरा करने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा क्रय किए गए ऋण लिखतों को निगमगत बॉन्डों के लिए निवेश सीमा के तहत आकलन में लिया जाएगा जैसा कि 31 मई 2021 को जारी ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 05, समय-समय पर यथासंशोधित, में निर्दिष्ट है। भौतिक निपटान के समय निवेश सीमा उपलब्ध नहीं होने के मामले में ऐसी ऋण लिखतों को निवेश सीमाओं की परावर्ती समीक्षा में संशोधित सीमाओं के बदले में समायोजित किया जाएगा। 5. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा विक्रय किए गए संरक्षण की नोशनल रकम, और सीडीएस संविदाओं के भौतिक निपटान में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा प्रदेय दायित्वों को पूरा करने के लिए खरीदी गई ऋण लिखतों के साथ-साथ प्रदेय दायित्वों के रूप में प्राप्त ऋण लिखतों पर निगमगत बॉन्डों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के निवेश के लिए न्यूनतम अवशेष परिपक्वता अपेक्षा / अल्प-अवधि सीमा, संकेन्द्रण सीमा या एकल/समूह-गत निवेश के अनुसार सीमा की शर्त लागू नहीं होगी, जैसा कि 15 जून 2018 के ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.31 के अनुच्छेद क्रमशः 4(ख), (ङ) और (च) में निर्दिष्ट है। 6. ये निदेश 09 मई 2022 से प्रभावी होंगे। 7. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंद्ध घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 8. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और इससे किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/अनुमोदनों, यदि हों तो; उन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। भवदीया, (डिम्पल भांडिया) |