मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2022 - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2022
इस तिथि के अनुसार अपडेट किया गया:
- 2022-02-10
आरबीआई/2021-22/88 फरवरी 10, 2022 प्रति, महोदया/ महोदया, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2022 कृपया 10 फरवरी 2022 को जारी किए गए द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2021-22 के एक भाग के तौर पर क्रेडिट डिफाल्ट स्वैप (सीडीएस) दिशानिदेशों की समीक्षा के संबंध में विकासात्मक और विनियामक नीतियों के बारे में दिए गए वक्तव्य के पैराग्राफ 4 का अवलोकन कीजिए। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2021 के प्रारूप को जनसाधारण से अभिमत प्राप्त करने हेतु 16 फरवरी 2021 को जारी किया गया, प्रारूप दिशानिदेशों की समीक्षा की गई और अब इन्हें अंतिम रूप दिया गया है। मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2022 संलग्न हैं। भवदीया, (डिम्पल भांडिया) अधिसूचना सं.एफएमआरडी.डीआईआरडी.11/14.03.004/2021-22 दिनांक 10 फरवरी 2022 मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) निदेश, 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 02) (इसके बाद अधिनियम के रूप में उल्लिखित) की धारा 45यू के साथ पठित इसी अधिनियम की धारा 45डबल्यू के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और परिपत्र सं.आईडीएमडी.पीसीडी.सं.14.03.04/10/2012-13 दिनांक 07 जनवरी 2013 को निष्क्रमित करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद रिज़र्व बैंक के रूप में उल्लिखित) एतदद्वारा निम्नलिखित निदेश जारी करता है। इस संबंध में समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) तथा विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 (अधिसूचना सं.फेमा.396/2019-आरबी दिनांक 17 अक्तूबर 2019) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा क्रेडिट डिफाल्ट स्वैप (सीडीएस) में लेनदेन – परिचालनगत अनुदेशों के संबंध में जारी ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.23 दिनांक 10 फरवरी 2022 का अवलोकन भी किया जाए। 1. लघु शीर्षक, व्याप्ति और प्रवर्तन
2. परिभाषाएं (i) इन परिभाषाओं में यदि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित नहीं हो तो :
(ii) इन निदेशों में प्रयुक्त किन्तु परिभाषित नहीं किए गए शब्दों और अभिव्यक्तियों का वही अर्थ रहेगा जो इस अधिनियम में निर्धारित किया गया है। 3. पात्र सहभागी (i) निम्नलिखित व्यक्ति क्रेडिट डेरिवेटिव बाजार में सहभागित करने के पात्र होंगे :
4. ओटीसी बाजार में अनुमत उत्पाद (i) मार्केट मेकर्स और प्रयोक्ता एकल-नाम सीडीएस संविदाओं में संव्यवहार कर सकते हैं। 5. ओटीसी बाजार में मार्केट मेकर्स और प्रयोक्ता 5.1 मार्केट मेकर्स (i) निम्नलिखित प्रतिष्ठान क्रेडिट डेरिवेटिव में मार्केट मेकर्स के रूप में कार्य करने के पात्र होंगे :
(ii) मार्केट मेकर्स के रूप में कार्य करने का अनुमोदन प्राप्त हाने के बाद यदि कोई एनबीएफसी, कोई एसपीडी या कोई एचएफसी पात्रता मानदंडों को पूरा करने में विफल रहती है तो वह मार्केट मेकर्स के तौर पर कार्य नहीं करेगी। एनबीएफसी, एसपीडी या एचएफसी ऐसी संविदाओं की परिपक्वता / परिसमापन तक विद्यमान संविदाओं के तहत अपने दायित्वों को पूरा करना जारी रखेंगी। (iii) क्रेडिट डेरिवेटिव संव्यवहार के पक्षकारों में से कम-से-कम एक पक्ष को इस प्रयोजन हेतु रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत मार्केट मेकर्स या केन्द्रीय प्रतिपक्ष रहना होगा। 5.2 प्रयोक्ता वर्गीकरण फ्रेमवर्क (i) क्रेडिट डेरिवेटिव संविदओं का प्रस्ताव करने के प्रयोजन से प्रयोक्ताओं को मार्केट मेकर्स द्वारा या तो रिटेल अथवा गैर-रिटेल के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। (ii) गैर-रिटेल प्रयोक्ताओं के रूप में वर्गीकृत किए जाने के लिए निम्नलिखित प्रयोक्ता पात्र होंगे :
(iii) कोई प्रयोक्ता जो गैर-रिटेल प्रयोक्ता के रूप में वर्गीकृत किए जाने का पात्र नहीं है उसे रिटेल प्रयोक्ता के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। (iv) कोई प्रयोक्ता जो गैर-रिटेल प्रयोक्ता के रूप में वर्गीकृत किए जाने का अन्यथा पात्र है उसके पास रिटेल प्रयोक्ता के रूप में वर्गीकृत किए जाने का विकल्प रहेगा। 6. ओटीसी बाजार में क्रेडिट चूक स्वैप हेतु संरक्षण क्रेता और विक्रेता (i) रिटेल प्रयोक्ताओं को केवल हेजिंग के प्रयोजन हेतु संरक्षण का क्रय करने की अनुमति दी जाएगी। (ii) गैर-रिटेल प्रयोक्ताओं को हेजिंग या अन्यता हेतु संरक्षण क्रय की अनुमति दी जाएगी। (iii) निम्नलिखित गैर-रिटेल प्रयोक्ता संरक्षण विक्रेता के रूप में कार्य करने के पात्र होंगे :
(iv) अनुच्छेद 6(iii) के तहत उल्लिखित बीमा कंपनियों, पेंशन निधियों, म्यूचुअल फन्डों और वैकल्पिक निवेश निधियों को संरक्षण विक्रेताओं के रूप में कार्य करने की अनुमति होगी बशर्ते वे अपने-अपने विनियामकों से अनुमोदन प्राप्त कर लें। (v) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की सहभागिता विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा क्रेडिट चूक स्वैप (सीडीएस) में संव्यवहार – परिचालनगत अनुदेश के बारे में 10 फरवरी 2022 को जारी ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.23 के प्रावधानों के अनुसार होगी। 7. संदर्भ प्रतिष्ठान और ओटीसी बाजार में क्रेडिट चूक स्वैप हेतु दायित्व (i) सीडीएस संविदा में संदर्भ प्रतिष्ठान एक निवासी प्रतिष्ठान होंगे जो अनुच्छेद 7(ii) के तहत उल्लिखित किसी भी ऋण लिखत का निर्गम करने के पात्र हैं। (ii) भारत में निर्गमित निम्नलिखित ऋण लिखत सीडीएस संविदा में संदर्भ दायित्व बनने का पात्र होंगे :
(iii) मांग/पुट आप्शन वाले बॉन्ड संदर्भ दायित्व का पात्र होंगे। (iv) आस्ति-समर्थित प्रतिभूतियां/बंधक-समर्थित प्रतिभूतियां और क्रेडिट वर्धित/ गारंटीकृत बॉन्ड, परिवर्तनीय बॉन्ड, आदि जैसे संरचनागत दायित्वों को संदर्भ दायित्वों के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी। (v) संदर्भ दायित्व/प्रदेय दायित्व को अभौतिक रूप में रखना होगा। 8. ओटीसी बाजार में क्रेडिट चूक स्वैप हेतु परिचालनगत निदेश 8.1 क्रय, अवमोचन और निपटान (i) यदि संरक्षण क्रेता अथवा संरक्षण विक्रेता किसी के साथ भी संदर्भ प्रतिष्ठान संबंद्ध पक्ष है तो मार्केट मेकर्स सीडीएस संव्यवहार में प्रवेश नहीं करेंगे। हालांकि, दो (या अधिक) सरकार-संबद्ध प्रतिष्ठानों को इन निेदेशों के प्रयोजन से संबद्ध पक्ष नहीं माना जाएगा। मार्केट मेकर्स समुचित नियंत्रण स्थापित करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संबंधित पक्षों के साथ संव्यवहारों को यथाशीघ्र आधार पर पूरा कर लिया जाता है। (ii) बाजार सहभागी संदर्भ प्रतिष्ठानों के संबंध में संरक्षण का क्रय/विक्रय नहीं करेंगे, यदि यथाअनुमेय आधार पर नकदी बाजार में इसी प्रकार के जोखिमों या किसी अन्य विनियामक निषेधा का उल्लंघन करते हुए इसी प्रकार के एक्सपोजरों पर ऐसी सहभागिता पर विनियामक निषेध हैं। (iii) मूल प्रतिपक्ष के साथ संविदा का अवमोचन करके या नवस्थापन (नोवेशन)1 के माध्यम से किसी अन्य पात्र मार्केट सहभागी को संविदा का प्रत्यार्पण करके मार्केट सहभागी अपनी सीडीएस संविदा से बाहर हो सकते हैं, इस पर अधिसूचना सं.डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.76/21.04.157/2013-14 के माध्यम से 9 दिसम्बर 2013 को जारी ओटीसी डेरिवेटिव संविदा संबंधी परिपत्र के प्रावधानों की शर्तें लागू होंगी। हालांकि, उक्त परिपत्र के अनुच्छेद 2, अनुच्छेद 5.1 और अनुच्छेद 5.2 के तहत प्रावधान इन निदेशों के अनुसार किए गए सीडीएस संव्यवहारों के लिए अनुमेय नहीं होंगे। (iv) मार्केट सहभागी सीडीएस संविदाओं को द्विपक्षीय रूप से या रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित किसी अन्य क्लीयरिंग और निपटान व्यवस्था के माध्यम से निपटाएंगे। (v) सीडीएस संविदाएं नकद निपटान, भौतिक निपटान या किसी नीलामी के माध्यम से निपटाए जा सकते हैं। नकद निपटान और नीलामी से निपटान की पद्धति का निर्धारण इन निदेशों के अनुच्छेद 9 के तहत निर्दिष्ट किए अनुसार क्रेडिट डेरिवेटिव निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित किया जाएगा। 8.2 रिटेल प्रयोक्ता के साथ संव्यवहार (i) मार्केट मेकर्स यह सुनिश्चित करेंगे कि रिटेल प्रयोक्ताओं द्वारा किए गए सभी सीडीएस संव्यवहारों को हेजिंग के प्रयोजन से किया जाता है, अर्थात संरक्षण का क्रय करने वाले रिटेल प्रयोक्ता को :
उक्त के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए मार्केट मेकर्स रिटेल प्रयोक्ता से कोई भी सुसंगत जानकारी/प्रलेख मांग सकते हैं, बदले में ऐसी जानकारी प्रदान करना उनका दायित्व होगा। (ii) जिस तारीख को अंतनिर्हित एक्सपोजर नहीं रह जाएगा उस तारीख से एक माह के भीतर रिटेल प्रयोक्ता अपनी सीडीएस पोजिशन से निकल जाएंगे। (iii) रिटेल प्रयोक्ता जिस सीडीएस संविदा में शामिल हों उन संविदाओं का अनिवार्यतया भौतिक निपटान करना होगा। 8.3 मानकीकरण (i) फिक्स्ड इन्कम मनी मार्केट एन्ड डेरिवेटिव एसोसिएशन ऑफ इन्डिया (फिमडा) द्वारा बाजार सहभागियों से परामर्श और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम परिपाटियों के आधार पर भारतीय सीडीएस बाजार हेतु मानक मास्टर समझौता/ते तैयार करना होगा, जिसमें, अन्य बातों के साथ-साथ साथ क्रेडिट इवेंट परिभाषाएं और निपटान पद्धतियां भी शामिल होंगी। (ii) फिमडा, कम-से-कम, सीडीएस संविदाओं के लिए निम्नलिखित कारोबारी सम्मतियां प्रकाशित करेगा :
8.4 प्रलेखन (i) सीडीएस संविदाओं में, अन्य बातों के साथ-साथ साथ निम्नलिखित का उल्लेख किया जाएगा :
(ii) सीडीएस संविदा में संरक्षण विक्रेता का प्रत्यक्ष दावे का निरूपण होगा। संविदा में ऐसा कोई वाक्यांश नहीं होगा जो :
8.5 ग्राहक संरक्षण (i) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 16 सितम्बर 2021 के परिपत्र सं.एफएमआरडी.एफएमडी.07/02.03.247/2021-22 के माध्यम से जारी और समय-समय पर यथासंशोधित मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी बाजार में मार्केट मेकर्स) निदेश, 2021 और 15 मार्च 2019 को जारी तथा समय-समय पर यथासंशोधित भारतीय रिज़र्व बैंक परिपत्र सं.एफएमआरडी.एफएमएसडी.11/11.01.012/2018-19 के माध्यम से जारी भारतीय रिज़र्व बैंक (बाजार दुरुपयोग से बचाव) निदेश, 2019 का अनुपालन ओटीसी बाजार में मार्केट मेकर्स करेंगे। 8.6 रिपोर्टिंग
9. क्रेडिट डेरिवेटिव निर्धारण समिति
10. एक्सचेंजों के लिए निदेश (i) एक्सचेन्ज गारंटीकृत निपटान सहित मानकीकृत एकल-नाम सीडीएस संविदाओं का प्रस्ताव कर सकते हैं। (ii) उत्पाद के डिजाइन, उत्पाद डिजाइन में परिवर्तनों, पात्र सहभागियों और सीडीएस संविदाओं के अन्य विवरणों के लिए एक्सचेंजों को रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन प्राप्त करना होगा। (iii) एक्सचेंजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक्सचेंजों पर सहभागियों को सीडीएस के साथ सम्बद्ध जोखिमों के बारे में पर्याप्त रूप से जागरूक किया जाता है। (iv) संदर्भ प्रतिष्ठानों और एक्सचेंज-ट्रेडेड सीडीएस के लिए संदर्भ दायित्व इन निदेशों के अनुच्छेद 7 के तहत निर्दिष्ट किए अनुसार होंगे। (v) ऐसे सहभागी जो इन निदेशों के अनुच्छेद 5.2 के तहत परिभाषा के अनुसार रिटेल प्रयोक्ता हैं वे एक्सचेन्ज-ट्रेडेड सीडीएस में केवल हेजिंग के लिए संव्यवहार करेंगे और ऐसे प्रयोक्ता :
(vi) सहभागी संदर्भ प्रतिष्ठानों के संबंध में संरक्षण का क्रय/विक्रय नहीं करेंगे, यदि यथाअनुमेय आधार पर नकदी बाजार में इसी प्रकार के जोखिमों या किसी अन्य विनियामक निषेध का उल्लंघन करते हुए इसी प्रकार के एक्सपोजरों पर ऐसी सहभागिता पर विनियामक निषेध हैं। (vii) एक्सचेन्जों पर सौदाकृत सीडीएस संविदाएं नकदी में निपटाई या नीलामी के माध्यम से निपटाई गई हो सकती हैं। क्रेडिट डेरिवेटिव निर्धारक समिति द्वारा नकद निपटान और नीलामी से निपटान की पद्धति का निर्धारण किया जाएगा जैसा कि इन निदेशों के अनुच्छेद 9 में निर्दिष्ट किया गया है। (viii) क्रेडिट डेरिवेटिव निर्धारक समिति द्वारा किए गए निर्धारण एक्सचेन्ज-सौदाकृत सीडीएस संविदाओं के लिए अनुमेय होंगे। (ix) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) संरक्षण विक्रेता और/या संरक्षा क्रेता के रूप में एक्सचेन्ज-सौदकृत सीडीएस में लेनदेन कर सकते हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की सहभागिता विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा क्रेडिट चूक स्वैप (सीडीएस) में संव्यवहार – परिचालनगत अनुदेश के बारे में 10 फरवरी 2022 को जारी ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.23 के प्रावधानों के अनुसार होगी। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा विक्रय किए गए संरक्षणों की सकल नोशनल रकम की रिपोर्ट एक्चेन्जों द्वारा सीसीआईएल को दैनिक आधार पर दिवस के अंत में की जाएगी या यदि रिज़र्व बैंक द्वारा अपेक्षित हो तो अंतरा-दिवस आधार पर की जाएगी। (x) रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित रूप और तरीके से एक्सचेंजों द्वारा सभी सीडीएस संव्यवहारों की रिपोर्ट दिवस का अंत होने पर दैनिक आधार पर ट्रेड रिपॉजिटरी को की जाएगी, जिन्हें रिज़र्व बैंक ने इस प्रयोजन हेतु प्राधिकृत किया हुआ है। (xi) एक्सचेंजों द्वारा सीडीएस संव्यवहारों से संबंधित कोई भी जानकारी रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित तरीके और प्ररूप में निर्धारित समय-सीमा के भीतर ही रिज़र्व बैंक को या इस प्रयोजन के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित किसी अन्य एजेंसी को दी जाएगी। 11. मूल्यांकन पद्धति
12. विवेकपूर्ण मानदंड, लेखांकन और पूंजी संबंधी अपेक्षाएं
13. रिज़र्व बैंक द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने का दायित्व (i) पात्र सहभागियों सहित क्रेडिट डेरिवेटिव संविदओं का कारोबार करने वाले व्यक्तियों या एजेन्सियों से रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित प्ररूप और तरीके से यथा निर्धारित समय-सीमा में रिज़र्व बैंक ऐसी कोई भी जानकारी या विवरण या कोई स्पष्टीकरण मांग सकता है जो रिज़र्व बैंक के अभिमत से सुसंगत हो, और ऐसे व्यक्ति, एजेन्सियां और सहभागी इस प्रकार की जानकारी, विवरण या स्पष्टीकरण रिज़र्व बैंक द्वारा यथा निर्धारित तरीके और प्ररूप में निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रस्तुत करेंगे। 14. डाटा का प्रकीर्णन (i) रिज़र्व बैंक या रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत कोई भी व्यक्ति या एजेंसी क्रेडिट डेरिवेटिव बाजार में संव्यवहारों से संबंधित किसी भी अनामकृत डाटा को लोकहित में प्रकाशित कर सकता है। 15. निदेशों का उल्लंघन (i) किसी व्यक्ति या किसी एजेंसी द्वारा इन निदेशों के किसी भी प्रावधान या किसी भी अन्य अनुमेय कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में उस व्यक्ति या एजेंसी को अपने कृत्य का बचाव करने का पर्याप्त अवसर देने के बाद रिज़र्व बैंक द्वारा कानून के अनुसार कोई भी दंडात्मक या विनियामक कार्रवाई करने के अलावा उस व्यक्ति या एजेंसी को क्रेडिट डेरिवेटिव बाजार में कारोबार करने के लिए एक-बार में एक माह तक की अवधि के लिए वर्जित कर दिया जाएगा, और इस प्रकार की कार्रवाई को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। 16. ये निदेश जिस तारीख से प्रभावी हुए हैं उस तारीख से किए गए सभी क्रेडिट डेरिवेटिव संव्यवहारों के लिए अनुमेय होंगे। विद्यमान निदेश उन क्रेडिट डेरिवेटिव संव्यवहारों के लिए इन संविदाओं के कालातीत होने तक अनुमेय बने रहेंगे हो संबंधित निदेश के अनुसार निष्पादित किए गए हैं। 1 नवस्थापन (नोवेशन) शेष बचे पक्ष और किसी तृतीय पक्ष (अंतरिती) के बीच नई संविदा करते हुए किसी ओटीसी डेरिवेटिव संव्यवहार (वह अंतिरिती जो विद्यमान संविदा से बाहर होता है, और शेष बचे पक्ष) के दो प्रतिपक्षों के बीच संविदा के प्रतिस्थापन को कहा जाता है। अंतरिती शेष पक्ष के लिए नवीन प्रतिपक्ष बन जाता है। 2 एक बार फिमडा द्वारा सीडीएस वक्र का प्रकाशन आरंभ कर देने के बाद या मूल्यांकन बेंचमार्क की संस्तुति कर देने के बाद ही फिमडा द्वारा प्रकाशित सीडीएस वक्र या फिमडा द्वारा संस्तुत बेंचमार्क के अनुसार मूल्यांकन का प्रकटीकरण करने की अपेक्षा प्रभावी होगी। |