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त्रिपक्षीय रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017

भारिबैं/2017-18/42
एफएमआरडी.डीआइआरडी.4/14.03.024/2017-18

10 अगस्त 2017

सभी बाजार प्रतिभागी

प्रिय महोदय/महोदया,

त्रिपक्षीय रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017

कृपया आप विकास एवं विनियामक नीतियों के संबंध में वक्तव्य का पैराग्राफ 6 देखें, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक ने ट्राई-पार्टी रेपो आरंभ किये जाने के संबंध में तृतीय द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 दिनांक 2 अगस्त 2017 के भाग के रूप में जारी किया था ।

2. प्रारूप ट्राई-पार्टी निदेश दिनांक 11 अप्रैल 2017 को लोक टिप्पणी के लिए जारी किये गये थे । प्राप्त प्रतिसूचना के आधार पर ट्राई-पार्टी रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 को अंतिम रूप दिया गया है । ये निदेश इसके साथ संलग्न हैं ।

भवदीय.

(टी. रबिशंकर)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
पहली मंजिल, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट
मुम्बई 400001

एफएमआरडी.डीआइआरडी.3/सीजीएम (टीआरएस) – 2017 दिनांक 10 अगस्त 2017
ट्राई-पार्टी रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक लोकहित में आवश्यक समझते हुए और देश के हित में वित्तीय प्रणाली को विनियमित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45डब्लू द्वारा प्रदत्त शक्तियों का और उन सभी शक्तियो का प्रयोग करते हुए, जो इसके लिए उसे समर्थ बनाती हैं, इसके द्वारा ट्राई-पार्टी रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 दिनांक 10 अगस्त 2017 जारी करता है (निदेश) ।

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

1.1 इन निदेशों को ट्राई-पार्टी रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 के रूप में निर्दिष्ट किया जायेगा ।

2. परिभाषाएँ

  1. "रेपो" से अभिप्रेत है प्रतिभूतियों की बिक्री द्वारा निधियाँ उधार लेने के लिए एक लिखत, जिसमें यह करार किया जाता है कि परस्पर सहमत भावी तिथि को एक सहमत कीमत पर, जिसमें उधार ली गयी निधियों के लिए ब्याज शामिल है, प्रतिभूतियों की पुनः खरीद की जायेगी ।

  2. "रिवर्स रेपो" से अभिप्रेत है प्रतिभूतियों की खरीद द्वारा निधियाँ उधार देने के लिए एक लिखत, जसमें करार किया जाता है कि परस्पर सहमत भावी तिथि को एक सहमत कीमत पर, जिसमें उधार दी गयी निधियों के लिए ब्याज शामिल है, प्रतिभूतियों की पुनः बिक्री की जायेगी ।

  3. ट्राई-पार्टी रेपो एक प्रकार की रेपो संविदा होती है, जहाँ एक तीसरी संस्था (उधारकर्ता और उधारदाता से भिन्न), जिसे ट्राई-पार्टी एजेंट कहा जाता है, रेपो की दोनों पार्टियों के बीच बिचौलिय़े का काम करती है, ताकि संपार्श्विक के चयन, भुगतान एवं निपटान, अभिरक्षा और प्रबंध जैसी सेवाओं में लेन देन के चलते रहने के दौरान सुविधा हो ।

3. पात्र संपार्श्विक : ट्राई-पार्टी रेपो के लिए वे प्रतिभूतियाँ पात्र संपार्श्विक होंगी, जिन्हें रेपो निदेश एफएमआरडी.डीआइआरडी.03/14.03.002/2014-15 दिनांक 3 फरवरी 2015 और एफएमआरडी. डीआइआरडी.6/14.03.002/2016-17 दिनांक 25 अगस्त 2016 या रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर जारी किये गये ऐसे अन्य निदेशों में विनिर्दिष्ट किया गया है ।

4. पात्र प्रतिभागी : पात्र प्रतिभागी वे होंगे, जिन्हें रेपो निदेश एफएमआरडी. डीआइआरडी.03/14.03.002/2014-15 दिनांक 3 फरवरी 2015 और एफएमआरडी. डीआइआरडी.6/14.03.002/2016-17 दिनांक 25 अगस्त 2016 या रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर जारी किये गये ऐसे अन्य निदेशों में विनिर्दिष्ट किया गया है ।

5. लेन देन की प्रक्रिया : ट्राई-पार्टी रेपो का लेन देन इन निदेशों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत किसी लेन देन प्रक्रिया का प्रयोग करते हुए, जिसमें द्विपक्षीय/बहुपक्षीय, गुमनाम या अन्य, कोट-ड्रिवेन या ऑर्डर ड्रिवेन, शामिल है, किया जायेगा ।

6. लेन देन का स्थान : ट्राई-पार्टी रेपो का लेन देन ओवर-द-काउंटर (ओटीसी), जिसमें इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफार्म शामिल है, अथवा, स्टॉक एक्सचेंजों में किया जा सकता है ।

7. लेन देनों की रिपोर्टिंग : सभी ट्राई-पार्टी रेपो की रिपोर्ट लेन देन के 15 मिनट के भीतर सार्वजनिक प्रसार के लिए सीसीआइएल या एक्सचेंजों को या इस प्रयोजन के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत अन्य रिपोर्टिंग प्लैटफार्म को की जायेगी ।

8. प्रलेखन : प्रतिभागी मानक द्विपक्षीय मास्टर रेपो करार करेंगे, जब तक एजेंट एक बहुपक्षीय ट्रेडिंग प्लैटफार्म की व्यवस्था नहीं करता है । किसी प्रतिभागी और ट्राई-पार्टी एजेंट के बीच ट्राई-पार्टी एजेंट द्वारा निर्धारित प्रलेखन के अनुसार अलग-अलग करार किये जाने होंगे ।

9. निपटान : सभी निपटान सुपुर्दगी बनाम भुगतान (डीवीपी) आधार पर, प्रतिभूतियों के समायोजन (netting) सहित या उसके बिना और/या नकदी के साथ या उसके बिना किये जायेंगे । निपटान गारंटीकृत या अगारंटीकृत, द्विपक्षीय/बहुपक्षीय, एक्सचेंजों के समाशोधन गृहों के माध्यम से या भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत अनुमोदित किसी अन्य समाशोधन व्यवस्था के माध्यम से हो सकता है ।

10. कालावधि, मार्जिन (haircut) और प्रकटीकरण : ट्राई-पार्टी रेपो के लिए कालावधि, मार्जिन और प्रकटीकरण की अपेक्षाएँ रिज़र्व बैंक निदेश एफएमआरडी.डीआइआरडी.03/14.03.002/2014-15 दिनांक 3 फरवरी 2015 और एफएमआरडी. डीआइआरडी.6/14.03.002/2016-17 दिनांक 25 अगस्त 2016 या रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर जारी किये गये ऐसे अन्य निदेशों में विनिर्दिष्ट सामान्य रेपो के लिए लागू अपेक्षाओं के समान होंगी ।

11. ट्राई-पार्टी एजेंट :

।. पात्र ट्राई-पार्टी एजेंट

ए. सभी ट्राई-पार्टी एजेंटों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे उस हैसियत से कार्य करने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्व प्राधिकरण प्राप्त करें ।

बी. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंजों के समाशोधन निगम या पीएसएस अधिनियम के अंतर्गत प्राधिकृत समाशोधन निगम ट्राई-पार्टी एजेंट होने के लिए पात्र हैं ।

सी. अन्य संस्थाएँ, जो रिज़र्व बैंक या सेबी द्वारा विनियमित हों, पात्र हैं, बशर्ते कि वे निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करती हों :

(क) विनियामक अनुमोदन

  1. ट्राई-पार्टी एजेंट के रूप में कारोबार करने के लिए आवेदक के पास संबंधित विनियामक का अनुमोदन होना चाहिए ।

  2. कोई आवेदक प्राधिकरण के लिए पात्र नहीं होगा, यदि पिछले 5 वर्षों के भीतर वह प्रतिकूल विनियामक कार्रवाई के अधीन रहा हो अथवा ऐसी दंडात्मक कार्रवाई के अधीन रहा हो, जिसे रिज़र्व बैंक सारवान समझता है ।

(ख) वित्तीय मानदंड :

  1. आवेदक के पास न्यूनतम रु.25 करोड़ की चुकता इक्विटी शेयर पूँजी हो, जिसे सब समय बनाये रखा जाना चाहिए ।

  2. आवेदक संस्था का विदेशी शेयरधारण, यदि हो, वर्तमान विदेशी निवेश नीति के अनुसार होगा ।

(ग) अनुभव :

आवेदक के पास वित्तीय क्षेत्र में, भारत या विदेश में, अधिमानतः अभिरक्षा, समाशोधन या निपटान सेवाओं का पिछला अनुभव कम से कम पाँच वर्ष का होना चाहिए ।

(घ) इन्फ्रास्ट्रक्चर :

ट्राई-पार्टी एजेंटों के पास अपने कार्यों का निष्पादन करने के लिए पर्याप्त प्रणालीगत इन्फ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए ।

डी. भूमिका और दायित्व :

  1. एजेंट अपने सभी सदस्यों/बाजार प्रतिभागियों को व्यापार के लिए न्यायोचित पहुँच प्रदान करेगा ।

  2. व्यापार की प्रक्रिया पारदर्शी रूप से विनिर्दिष्ट की जानी चाहिए ।

  3. सभी लेन देनों की रिपोर्ट ऊपर पैरा 7 में बताये गये अनुसार की जाये ।

  4. यदि एजेंट स्वयं निपटान करे, तो वह पीएसएस अधिनियम के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्त करेगा । जो एजेंट लेन देन का निपटान स्वयं नहीं करें, वे व्यापार को निपटान के लिए भेजने के लिए जिम्मेवार होंगे ।

  5. एजेंट संपार्श्विक के पुनर्मूल्यन, मार्जिनिंग, संपार्श्विक पर आय के भुगतान तथा सदस्य करार में निर्धारित शर्तों के अनुसार किसी संपार्श्विक के प्रतिस्थापन के लिए जिम्मेवार होगा ।

  6. एजेंट को पारदर्शी और विश्वसनीय संपार्श्विक मूल्यन-मानदंड स्थापित करना होगा ।

  7. एजेंट को लेन देनों का रिकार्ड आसानी से पुनः प्राप्त करने योग्य मीडिया में कम से कम 8 वर्षों के लिए रखना होगा ।

  8. एजेंट रिज़र्व बैंक के रेपो निदेशों का पालन सुनिश्चित करेगा ।

  9. एजेंट रिज़र्व बैंक को ऐसी विवरणियाँ, दस्तावेज और अन्य़ सूचना प्रस्तुत करेगा, जो रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय़ पर माँगे जायें ।

इ. ट्राई-पार्टी एजेंट के प्राधिकरण के लिए आवेदन की क्रियाविधि :

  1. जो संस्थाएँ ऊपर पैरा 11(1)(बी) और (सी) में उल्लिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करती हों, वे निर्धारित फार्मैट (अनुबंध) में मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, पहली मंजिल, मुख्य भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुम्बई-400001 के पास आवेदन कर सकती हैं ।

  2. संस्थाओं को रेपो बाजार ट्राई-पार्टी एजेंट के रूप में प्राधिकृत करने का निर्णय रिज़र्व बैंक द्वारा बाजार की आवश्यकताओं, आवेदक की उपयुक्तता और रेपो बाजार में संभावित मूल्य-वर्धन के अपने मूल्यांकन के आधार पर लिया जायेगा ।

  3. प्रक्रियाओं, जोखिम प्रबंध ढाँचा, निपटान व्यवस्था या अनुमोदन के समय विनिर्दिष्ट किसी अन्य शर्त में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा ।

।।. निकास क्रियाविधि

यदि कोई प्राधिकृत ट्राई-पार्टी एजेंट परिचालनों को समाप्त करने की इच्छा रखता हो, तो उसे ट्राई-पार्टी परिचालनों के समापन के समय और तिथि का तथा रिज़र्व बैंक द्वारा अनुबद्ध किसी अन्य शर्त का पालन करना चाहिए ।

12. ट्राई-पार्टी एजेंट ऐसी शर्तों का पालन करेगा, जो रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदन के समय या किसी अन्य समय विनिर्दिष्ट की जायें ।

13. इन निदेशों के प्रावधान उस समय अभिभावी होंगे, यदि ये रिज़र्व बैंक द्वारा पूर्व में जारी किये गये रेपो निदेशों का विरोध करते हों ।

(टी. रबिशंकर)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

रेपो बाजार में ट्राई-पार्टी एजेंट के रूप में प्राधिकरण के लिए आवेदन-पत्र

प्रेषक

आवेदक के कारोबार के पंजीकृत कार्यालय/प्रधान कार्यालय का नाम और पता

(पावतीसहित पंजीकृत डाक/दस्ती सुपुर्दगी)

प्रेषिती

मुख्य महाप्रबंधक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
भारतीय रिज़र्व बैंक
केंद्रीय कार्यालय
पहली मंजिल, आरबीआई मुख्य भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग
मुम्बई – 400001

प्रिय महोदय,

रेपो बाजार में ट्राई-पार्टी एजेंट के रूप में प्राधिकरण के लिए आवेदन

हम इसके द्वारा कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों और/या सरकारी प्रतिभूतियों (जो लागू न हो, उसे काट दें) में रेपो के लिए ट्राई-पार्टी एजेंट के रूप में प्राधिकरण के लिए आवेदन प्रस्तुत करते हैं । अनुदेशानुसार अपेक्षित सूचना एवं दस्तावेज प्रस्तुत किये गये हैं ।

2. हम यह घोषणा करते हैं कि हमारे सर्वोत्तम ज्ञान और विश्वास के अनुसार संलग्न विवरणों/अनुबंधों में दी गयी सूचनाएँ सत्य, सही और पूर्ण हैं ।

भवदीय

हस्ताक्षर :

नाम :

पदनाम :

कंपनी की मुहर

तिथि और स्थान :
संलग्न : -- पन्ने


रेपो बाजार में ट्राई-पार्टी एजेंट के रूप में प्राधिकरण के लिए आवेदन

भाग – ए

1. आवेदक का नाम

2. आवेदक का गठन

  1. क्या आवेदक एक कंपनी या फर्म या कोई अन्य संस्था है

  2. यदि आवेदक एक कंपनी है, तो क्या वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है या पब्लिक लिमिटेड कंपनी है

  3. यदि आवेदक कोई अन्य संस्था है, तो उस संविधि को विनिर्दिष्ट करें, जिसके अंतर्गत यह निगमित/स्थापित की गयी है

3. पंजीकृत कार्यालय और प्रधान कार्यालय का पता (यदि आवेदक कंपनी है)

4. क्या विनियामक (आरबीआई/सेबी) का अनुमोदन प्राप्त किया गया है ? कृपया मूल अनुमोदन संलग्न करें

भाग – बी

1. ट्राई-पार्टी एजेंट के रूप में प्राधिकरण के लिए खंड (segment) का नाम : सरकारी प्रतिभूतियाँ और/या कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियाँ ।

2. ट्राई-पार्टी रेपो के लिए प्रस्ताव का पूरा ब्यौरा दिया जाना है, जिसमें लेन देन की प्रक्रिया, लेन देन का स्थान, व्य़ापार की रिपोर्टिंग के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्राधिकृत समाशोधन निगम से जुड़ाव, निपटान व्यवस्था और अन्य ब्यौरे शामिल होंगे, जो इन निदेशों के अंतर्गत अपेक्षित हैं ।

3. वित्तीय बाजार में आवेदक का पिछला अनुभव (अभिरक्षा कारोबार में अनुभव, यदि हो, विनिर्दिष्ट करें) ।

4. आवेदक कंपनी के सीइओ द्वारा एक वचन-पत्र कि यह पिछले पाँच वर्षों में किसी प्रकार की मुकदमेबाजी में लिप्त नहीं रही है या इस पर प्रतिकूल विनियामक कार्रवाई या दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है ।

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